कहते है कि मंजिल तक पहुँचना आसान नहीं होता है बहुत कठिन होता है । आत्मविश्वास के साथ कार्य के प्रति जुनून हमारा हर समय बना रहे। हम कभी भी किसी भी समय अपने को किसी से तुलना न करें । हम सबकी आत्मा में अनंत शक्ति है।
हम प्रायः दूसरे में कमी खोजने और अपने कोज्यादा गुणी समझते है या तो या फिर अपने को दूसरे से कम समझकर हतोत्साहित होते हैं। हम हमेशा अपनी अनंत शक्ति पर विश्वास रखते हुए दृढ़ मनोबल बनाये रखें तो जरूर सफल होते है।
कार्य का जुनून सफलता का बहुत बड़ा सूत्र है। जीवन मे अंतिम श्वास तक हम अपनी अनंतशक्ति पर विश्वास कायम रखें और पुरुषार्थ के क्षेत्रमें आगे बढ़ते रहे,निश्चित हमें मंजिल मिलती है।सफलता पाने की उच्चतम सीढ़ी है जुनून आगे बढ़ने का और साथ में आत्मविश्वास।
जीवन में सफलता के लिए कार्य के प्रति जुनून उतना ही आवश्यक है, जितना मानव के लिए ऑक्सीजन तथा मछली के लिए पानी, बिना जुनून के व्यक्ति सफलता की डगर पर कदम बढ़ा ही नहीं सकता, जुनून वह ऊर्जा है जो सफलता की राह में आने वाली अड़चनों, कठिनाइयों एवं परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को साहस प्रदान करती है ।
वर्तमान समय में अगर हमें कुछ पाना है, किसी भी क्षेत्र में कुछ करके दिखाना है, जीवन को खुशी से जीना है, तो इन सबके लिए हमारे भीतर जुनून का होना परम आवश्यक है ।
जुनून में वह शक्ति है जिसके माध्यम से हम कुछ भी कर सकते है । जुनून से हमारी संकल्प शक्ति बढ़ती है और संकल्प शक्ति से बढ़ती है हमारी आत्मिक शक्ति। अतः मधुमक्खी कण-कण से ही शहद इकट्ठा करती है,उसे कहीं से इसका भंडार नहीं मिलता।
उसके छत्ते में भरा शहद उसके कार्य के प्रति जुनून और कठिन परिश्रम का ही परिणाम है। इस तरह यह हमारे लिए ह्रदयंगम करने लायक हैं जो जीवन के हर कठिन मोड़ पर हमारे सहायक भी रहती है ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)