सही समय पर खुद की पसंद के कार्य को जान लेना ही काफी बेहतर है , कुछ इस प्रकार की घटना ही भोपाल के रहने वाले हर्षित गोधा के साथ हुई है।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि हर्षित अपनी बीबीए की पढ़ाई करने के लिए यूके (यूनाइटेड किंग्डम) गए थे परंतु उन्हें अपने इंटर्नशिप के दौरान यह समझ आया कि वह एक ऑफिस जॉब के लिए वह नहीं बने हैं , परंतु उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें अपनी लाइफ को मैनेज करने का जवाब यूके में ही मिल गया ।
बातचीत के दौरान हर्षित गोधा बताते हैं कि वह बचपन से ही फिटनेस की ओर काफी अधिक रूचि रखते हैं और हमेशा हेल्दी खाना खाते हैं इस दौरान कहते हैं कि यूके में सुपर फूड के रूप में में सबसे अधिक एवोकाडो मिलता है ।
यह स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा भी होता है परंतु एक दिन उन्हें पता चला कि इजराइल में एवोकाडो नर्सरी होती है उस दौरान ही हर्षित को यह ख्याल आया कि गर्म देश इजराइल में अगर एवोकाडो की खेती की जा सकती है तो हमारे देश भारत में क्यों नहीं । इस दौरान हर्षित ने इजराइल जाकर एवोकाडो की खेती की पूरी ट्रेनिंग ली ।
इजराइल से ली है शिक्षा
हर्षित अपने इजरायल के अनुभव के बारे में बताते हुए कहते हैं कि इजराइल एक गर्म प्रदेश है और वहां पर पानी की काफी अधिक कमी है इसलिए वहां खेती पूरी तरह साइंटिफिक प्रक्रिया के दौरान होती है।
इस दौरान फसलों में जल की पूर्ति करने के लिए ड्रिप इरिगेशन तकनीक का उपयोग किया जाता है , इस दौरान पानी को 96% रिसाइकल कर लिया जाता है अर्थात वह पानी की बिल्कुल भी बर्बादी नहीं करते हैं अन्यथा इसके साथ ही साथ वह फर्टिलाइजर पर सबसे अधिक रिसर्च करते हैं ।
हर्षित कहते हैं कि इजराइल के किसानों को हर तरह की खेती करने के बारे में पता होता है अर्थात वह इस चीज की भी जानकारी देते हैं कि किस स्टेज में कौन सा फर्टिलाइजर देना है ।
अगर हम भारत के किसानों को देखे तो यहां किसान खेती में डीटीएच, यूरिया, पोटाश , गोबर आदि का प्रयोग करके फसल को छोड़ देते हैं उसके बाद फसल के तैयार होने का इंतजार करते हैं परंतु इजराइल में ऐसा नहीं है वहां पर किसान फसल की हर स्टेज पर तरह-तरह के फर्टिलाइजर सही मात्रा में इस्तेमाल करते हैं ।
पौधों को मंगाया था 2019 में परंतु आए 2021 में
हर्षित बताते हैं कि वह वर्ष 2017 में भारत भोपाल वापस लौट आए थे और भोपाल में उनके परिवार की काफी अधिक जमीन है, और इस दौरान हर्षित ने इजरायल से अपने कंसल्टेंट्स को भोपाल बुलाया था।
इस दौरान उन्होंने हर्षित की जमीन की मिट्टी की टेस्ट की पानी की जांच की और इसके बाद वह इस परिणाम पर पहुंचे कि वहां पर एवोकाडो की खेती की जा सकती है उसके बाद हर्षित ने बिना सोचे समझे एवोकाडो की खेती करनी शुरू कर दी ।
हर्षित बताते हैं कि भारत में एवोकाडो का कमर्शियल प्लांट अच्छा नहीं लगता है इसलिए मैंने इजराइल से एवोकाडो के पौधों को आयात करना पड़ता है ।
वर्ष 2019 में हर्षित ने इजरायल से एवोकाडो के पौधों का आर्डर दिया था परंतु कई विभिन्न प्रक्रियाओं के दौरान और कोविड-19 स्थितियों के कारण हर्षित को एवोकाडो के पौधों की डिलीवरी मिलने में काफी अधिक समय लग गया था , इस दौरान हर्षित के पास एवोकाडो के पौधे वर्ष 2021 में पहुंचे थे ।
हर्षित बताते हैं कि इजराइल से पौधों के आने के बाद मैंने 5 एकड़ में खेती करना शुरू कर दी और ड्रिप इरिगेशन तकनीक का भी पूर्ण इस्तेमाल किया इसके साथ ही साथ पौधों को लगाने के बाद 3 से 4 सालों के बाद इसमें फल आने लगते हैं ।
हर्षित बताते हैं कि दक्षिण भारत में एवोकाडो की खेती काफी अधिक हो सकती है , साथ ही साथ इस की खेती अधिक होने पर इसका दाम भी कम हो जाएगा , अपितु इजरायल से पौधों को इंपोर्ट करने के कारण सुपर फूड की मांग और दाम दोनों काफी अधिक है ।
आज हर्षित अपनी इंटरशिप को छोड़कर अब एवोकाडो की नर्सरी में 40 लाख का निवेश करने के बाद लगातार भारत में काफी अधिक मुनाफा अर्जित कर रहे हैं और वह बताते हैं कि आज बड़े स्तर पर उन्हें भारत के हरेक कोने से एवोकाडो के आर्डर मिलते हैं ।
इस सुपरफूड की मांग भारत में तेजी से बढ़ रही है , अन्यथा आज हर्षित को ना केवल भोपाल से बल्कि आंध्र प्रदेश , अरुणाचल प्रदेश , नागालैंड, सिक्किम, आसाम , महाराष्ट्र, गुजरात से काफी अधिक ग्राहकों की आर्डर मिल रही है और इनका मुनाफा भी काफी अधिक हो रहा है। अधिक जानकारी के लिए आप हर्षित के वेबसाइट पर विजिट कर सकते है ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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