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आइए जानते हैं काली मिर्ची की जादुई खेती करने वाले सफल किसान के बारे में, जीता है पद्मश्री पुरस्कार

Padma shri Nanadro B Marak kali mirch kisan
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आज हम बात करने वाले हैं नानाद्रो बी मारक के बारे में, जानकारी के लिए आप सभी को यह बता दें कि नानाद्रो बी मारक मूल रूप से मेघालय के रहने वाले हैं।

दरअसल नानाद्रो बी मारक ने आज यह साबित कर दिया है कि खेती भी मुनाफे का सौदा बन सकती है अर्थात इन्होंने गोरा हिल्स में काली मिर्च के 100 पेड़ लगाकर खेती की शुरुआत थी परंतु आज यह लाखों का मुनाफा कमाते हैं और इतना ही नहीं वर्ष 2021 में इन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद से पुरस्कार भी हासिल किया है।

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जैसे की हम सभी जानते हैं कि किसी भी सफलता को हासिल करने के लिए मेहनत और लगन के साथ ही साथ मन में सफलता को हासिल करने का जोश होना काफी आवश्यक है और इसी बात को सच करके दिखाया है मेघालय के रहने वाले नानाद्रो बी मारक ने।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि 61 वर्षीय नानाद्रो बी मारक ने काली मिर्ची की खेती करके लाखों का मुनाफा अर्जित किया और साथ ही साथ पद्मश्री पुरस्कार अपने नाम किया है ।

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काली मिर्ची के 100 पेड़ों से इस प्रकार हुए मालामाल

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि मेघालय के रहने वाले 61 वर्षीय नानाद्रो बी मारक ने 10 हजार का निवेश करके काली मिर्च की खेती शुरू की थी इसमें उन्होंने 100 काली मिर्ची के पेड़ लगाए थे और सबसे खास बात यह है कि लगातार हर साल काली मिर्च के पेड़ बढ़ते गए ।

केवल 10 हजार के निवेश से नानाद्रो बी मारक ने काफी अच्छा मुनाफा कमाया है , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि कई क्षेत्रों में और कई भाषाओं में काली मिर्च को गोलकी भी कहा जाता है ।

इस प्रकार करते हैं पहाड़ों में काली मिर्च की खेती

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि नानाद्रो बी मारक गोरा हिल्स पर काली मिर्च की खेती तो करते ही है साथ ही साथ वो इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि वह गोरा हिल्स का संरक्षण करते हुए खेती करें ।

स्थानी निवासियों का कहना है कि ‌ जिस प्रकार हम सब नानाद्रो बी मारक के खेतों के इलाके की तरफ गुजरते हैं उस वक्त काली मिर्च की मनमोहक खुशबू आनी शुरू हो जाती है ।

नानाद्रो बी मारक ने अपनी खेती को 100 काली मिर्ची के पेड़ों से शुरू किया था परंतु हर साल यह लगातार अपने दायरे को बढ़ा रहे हैं और प्रति वर्ष करीब लाखों का मुनाफा कमा लेते हैं साथ ही साथ मेघालय के कृषि विभाग और बागवानी विभाग के सहयोग से नानाद्रो बी मारक ने काफी ऊंचाइयों को हासिल किया है ।

किसानों के लिए बने हैं मिसाल

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि नानाद्रो बी मारक की सफलता और ऊंचाइयों को देखते हुए आसपास के कई किसान उनसे प्रेरित होते हैं और कई किसान उनसे सुपारी के पेड़ों के साथ काली मिर्च की खेती करने का प्रशिक्षण लेते हैं ।

नानाद्रो बी मारक जिला भर में ट्रेनिंग भी देते हैं , अभी तक इन्होंने 8000 से अधिक किसानों को काली मिर्च की खेती के लिए प्रशिक्षित कर दिया है ।

पद्मश्री द्वारा सम्मानित है नानाद्रो बी मारक

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि पद्मश्री पुरस्कार को भारत देश के सम्मानित पुरस्कारों में से एक माना जाता है अर्थात कोई सर्वोत्तम व्यक्ति ही अपने कार्य से पद्मश्री पुरस्कार को हासिल कर पाता है ।

अर्थात हाल ही में काली मिर्च की खेती करके लाखों का मुनाफा कमाने वाले कई किसानों को  काली मिर्च की खेती के लिए प्रशिक्षित करने वाले 61 वर्षीय नानाद्रो बी मारक को पद्मश्री विजेताओं की सूची में रखा गया है ‌, अर्थात 72 वें गणतंत्र दिवस में 102 पद्मश्री विजेताओं की सूची में से एक नानाद्रो बी मारक  रहे हैं ।

इसके अलावा नानाद्रो बी मारक जैविक खेती को अपनी पहली प्रतिबद्धता देते हैं साथ ही साथ अन्य किसानों को भी मुनाफा कमाने के लिए प्रेरित करते हैं अर्थात जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि वर्ष 2021 में नानाद्रो बी मारक ने अपनी काली मिर्च की फसल से 19 लाख का मुनाफा अर्जित किया था।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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