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बेटी बनी आईएएस अफसर, इस प्रकार हासिल की सफलता, पिता करते थे चीनी मिल में काम

IAS Ankita Chaudhary success story in Hindi
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भारत की संघ लोक सेवा की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी हर साल लाखों छात्र करते हैं परंतु सभी छात्र सफल नहीं हो पाते हैं और कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जो एक बार असफल होने के बाद अपनी गलतियों से सीख कर दोबारा प्रयास करते हैं और सफलता को हासिल करते हैं।

आज हम आपको आईएएस अफसर अंकिता चौधरी के बारे में बताने वाले हैं , अंकिता चौधरी अपने पहले प्रयास में असफल हो गई थी परंतु इन्होंने अपनी असफलता से सीख हासिल करके दोबारा प्रयास किया और सफलता हासिल कर के दिखाया, इनकी यह प्रेरणा कई लड़कियों के लिए प्रेरणादायक बन गई है।

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अंकिता चौधरी मूल रूप से हरियाणा की रोहतक के रहने वाली हैं, जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अंकिता चौधरी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई रोहतक के इंडस पब्लिक स्कूल से पूरी की थी।

अंकिता ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली के हिंदू कॉलेज में मिशन लिया और केमिस्ट्री के विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की, इस दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बना लिया था इसके कुछ समय बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया और इसके साथ ही साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।

मास्टर पूरी करने के बाद दी यूपीएससी की परीक्षा

जानकारी के लिए आप सभी को बता की अंकिता चौधरी ने अपने पोस्ट ग्रेजुएशन को पूरा करने के बाद ही यूपीएससी की पढ़ाई पूरी तरह से की और इसके बाद ही यूपीएससी की परीक्षा देने का निश्चय किया है।

माता की मृत्यु से टूट गई थी अंकिता

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि जिस वक्त अंकिता चौधरी अपनी यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रही थी उस समय उनकी मां की मृत्यु एक रोड एक्सीडेंट के दौरान हो गई थी, और इसका प्रभाव अंकिता पर काफी गहरा पड़ा था जिस वजह से वह पूरी तरह से टूट चुकी थी।

पिता की प्रेरणा से बनी आईएएस अफसर

माता की मृत्यु के बाद अंकिता को पूरी तरह से उसके पिता ने संभाला और हौसला दिया , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अंकिता के पिता सत्यवान एक चीनी मिल में काम करते हैं और वहां अकाउंट के पद पर तैनात हैं।

अंकिता को पिता के द्वारा मिले हौसले के कारण अंकिता फिर से यूपीएससी की पढ़ाई में जुट गए और पूरी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई शुरू कर दी।

पहले प्रयास में हासिल की  असफलता

अंकिता चौधरी ने वर्ष 2017 में यूपीएससी की पहली परीक्षा दी थी परंतु अपने पहले प्रयास में असफल हो गई इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी गलतियों को सुधार कर सफलता हासिल करने का प्रयास किया।

दूसरे प्रयास में हासिल की सफलता

वर्ष 2018 में अंकिता चौधरी ने एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और इस दौरान उन्होंने सफलता हासिल करके दिखाया। और इस दौरान उन्होंने पूरे भारतवर्ष में 14वीं  रैंक हासिल की थी।

आईएएस अंकिता चौधरी अन्य छात्रों को सलाह देते हुए कहती है कि अगर आप सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं और अपने पहले प्रयास असफल हो जाते हैं तो अपनी गलतियों को सुधार कर सफलता को हासिल करने का प्रयास करें,सफलता आपको अवश्य प्राप्त होगी।

लेखिका : अमरजीत कौर

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