पहले प्रयास में 1 अंक से मिली असफलता , दूसरे प्रयास में भाई को खोने के गम ने तोड़ा , इस प्रकार संघर्ष से हासिल की आईएएस अर्पित ने सफलता

IAS Arpit Gupta ki safalta ki kahani

जैसे की हम सभी यह बात भली भांति जानते हैं कि जहां जहां पर असफलता है वहीं सफलता है कई इंसान ऐसे होते हैं जो असफलताओं के भारत हरमन की अपनी किस्मत को कोसते हैं परंतु अगर देखा जाए तो इसके ठीक विपरीत हमें असफलताओं से ठीक लेकर सफलता को हासिल करने का प्रयत्न करना चाहिए और सफलता हमें अवश्य हासिल होती है ।

आज हम आपको आईएएस अर्पित की कहानी बताएंगे जिन्होंने असफलता से सीख लेकर सदैव ही सफलता को हासिल करने का प्रयत्न किया है आइए जानते हैं इनकी पूरी कहानी :-

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अर्पित गुप्ता ने वर्ष 2021 में ऑल ओवर इंडिया में 54 वीं रैंक हासिल करके सफलता हासिल की थी ।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि आईएएस अर्पित गुप्ता ने जब अपना पहला यूपीएससी एग्जाम दिया था तब वह कट ऑफ के चलते केवल एक अंग से लिस्ट से बाहर हो गए थे परंतु इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और प्रयत्न किया ।

भले ही यह उनके लिए काफी कठिन था परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वर्ष 2021 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 54 12 अंक हासिल करके सफलता हासिल की है।

उत्तर प्रदेश गोरखपुर के रहने वाले हैं अर्पित

जानकारी के लिए आप सभी को बता देगी आईएएस अर्पित गुप्ता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं , इन्होंने अपनी आठवीं तक की पढ़ाई गोरखपुर से ही पूरी की थी परंतु इसके बाद मेकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई करने के लिए बाद रुड़की की ओर रुख कर गए थे ।

अर्थात इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने सिविल सर्विस की ओर रुख किया और दिल्ली चले गए एवं दिल्ली में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और अपना पहला प्रयास वर्ष 2020 में किया जहां वे केवल एक अंक से पीछे रह गए ।

जिस वक्त अर्पित अपनी यूपीएससी की पहली परीक्षा दे रहे थे उस वक्त अचानक से अर्पित की तबीयत काफी अधिक खराब हो गई थी जिस कारणवश उन्होंने परीक्षा तो दी परंतु वह मात्र एक अंक से पीछे रह गए अर्थात व कटऑफ के चलते 1 अंक से पीछे रह गए थे इस दौरान उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर से यूपीएससी परीक्षा देने का निश्चय किया परंतु उन्हें नहीं पता था कि आगे चुनौतियां अधिक कठिन होंगी ।

दूसरे प्रयास में हासिल की सफलता

अपने पहले प्रयास में मात्र एक नंबर आईएएस अर्पित को सफलता नहीं हासिल की थी परंतु उन्होंने आगे की चुनौतियों का ज्ञात नहीं था जानकारी के लिए आप सभी को बता देंगे आईएएस अर्पित गुप्ता ने कड़ी मेहनत और प्रयास के साथ अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल करने का निर्णय लिया ।

परंतु इस बार उन्हें नहीं पता था कि वह इस पर अपने चचेरे भाई को खो देंगे इसके बावजूद आईएएस अर्पित ने अपनी मनोबल को मजबूत करते हुए यूपीएससी की परीक्षा दी और इस पर वर्ष 2021 में उन्होंने ऑल ओवर इंडिया में 54 वी रैंक हासिल करके ना केवल अपना बल्कि अपने परिवार का भी सपना पूरा किया है ।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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