भारत की संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है हर साल इस परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए लाखों अभ्यार्थी हिस्सा लेते हैं।
जैसे की हम सभी जानते हैं हाल में वर्ष 2021 में आयोजित की गई यूपीएससी की परीक्षा का रिजल्ट आया है और इसमें पहले तीन स्थानों में लड़कियों ने अपना कब्जा बनाया है परंतु इसके साथ ही साथ कई होनहार छात्रों ने भी यूपीएससी की परीक्षा में कड़ी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की है ।
इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर देश के कई विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं।
अन्यथा कई विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो पहले प्रयास में असफल होने के बाद सफलता हासिल करने का प्रयत्न नहीं करते अर्थात कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो असफलता हासिल होने के बावजूद भी सफलता हासिल करने का प्रयास करते हैं ।
हर साल इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए विद्यार्थी कड़ी मेहनत और लगन के साथ कोचिंग अन्यथा इंटरनेट और कई किताबों के साथ खुद को निपुण बनाते हैं और इस परीक्षा में सफलता हासिल करके आईएएस बनने के सपने को सच करने की पूरी कोशिश करते हैं परंतु कुछ गिने-चुने निपुण विद्यार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं।
आज हम दो होनहार विद्यार्थी कृष्णकांत कनवाड़िया और राहुल कनवाड़िया के बारे में बात करने वाले हैं दरअसल कृष्णकांत और राहुल दोनों भाई हैं , और वर्ष 2021 में भारत द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा में इन दोनों भाइयों ने हिस्सा लिया था और वर्ष 2022 में आए रिजल्ट के अनुसार भाइयों ने यूपीएससी की परीक्षा में 382 और 536 रैंक हासिल की है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता देंगे कृष्णकांत कनवाड़िया और राहुल कनवाड़िया नागौर के भांवता गांव के रहने वाले हैं, जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि कृष्ण कांत ने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है और राहुल ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है इनकी सफलता से राजस्थान के नागौर के भांवता गांव मैं दोनों बेटों की सफलता से महोत्सव मनाया जा रहा है ।
मां है अनपढ़
कृष्णकांत कनवाड़िया और राहुल कनवाड़िया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से ही पूरी की है । जानकारी के लिए आप सभी को बता दे कि दोनों भाइयों के पिता हीरालाल कनवाड़िया गांव के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य थे , और इसके विपरीत मां पार्वती देवी अनपढ़ थी परंतु दोनों बेटों की पढ़ाई लिखाई में किसी प्रकार की कमी नहीं रखी उनकी मां चाहती थी कि भले ही मैं अनपढ़ हूं परंतु मेरे दोनों बेटे अफसर बने ।
वर्ष 2015 में देखा था सिविल सेवा में सफलता हासिल करने का सपना
कृष्णकांत कनवाड़िया और राहुल कनवाड़िया वर्ष 2015 से ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करके आईएएस अफसर बनने का सपना देखा था इन दोनों भाइयों ने दिल्ली में आकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी ।
सेल्फ स्टडी और नोट्स के द्वारा दोनों ने अपनी तैयारी की और वर्ष 2021 में होने वाली यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करके अपने गांव और अपनी मां पिता का नाम रोशन कर दिया है ।
आज इन दोनों बेटों की सफलता को देखकर कई बेटे और कई युवा खुद को का काबिल बनाने की कोशिश कर रहे हैं अर्थात कई युवा इन से प्रेरित होकर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करके सफलता हासिल करने का निश्चय कर रहे होंगे ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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