हफ्ते में किया करती थी केवल 2 दिन पढ़ाई, फिर भी हासिल की यूपीएससी की परीक्षा में 11 वीं रैंक

IAS success story of Devyani Yadav in Hindi

भारत के संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा को कठिन परीक्षा तो माना ही जाता है इसके साथ ही साथ इस परीक्षा में हर साल अपना सपना पूरा करने के लिए लाखों अभ्यार्थी हिस्सा लेते हैं अर्थात अपने पहले प्रयास में सक्षम होने वाले अभ्यार्थी देश के कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन कर सामने आते हैं।

संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा में हर साल लाखों अभ्यार्थी अपने सपने को पूरा करने की उम्मीद से आते हैं और अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन के साथ कोचिंग और सेल्फ स्टडी का सहारा लेकर खुद को निपुण करते हैं ‌।

यूपीएससी की परीक्षा में हिस्सा लेने वाले कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अपनी पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करके देश की नजरों में उभर कर सामने आते हैं ।

कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो असफलता हासिल करने के बाद सफलता हासिल करने की उम्मीद को छोड़ देते हैं इसके विपरीत कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो लगातार असफलताओं से सीख लेकर सफलता हासिल करने का प्रयत्न करते हैं ।

कुछ इस प्रकार के अभ्यर्थियों में से एक है देवयानी  यादव , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि देवयानी ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के बाद लगातार तीन बार सफलता हासिल की है परंतु सदैव असफलताओं से सीख लेकर सफलता हासिल करने का प्रयत्न किया है ।

इस दौरान उन्होंने अपने चौथे प्रयास में ऑल ओवर इंडिया में 222 वीं रैंक हासिल की थी परंतु वह अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थी इसलिए उन्होंने पांचवें प्रयास देने का निश्चय किया और इस दौरान वह अपने पांचवें प्रयास में ऑल ओवर इंडिया में 11वीं रैंक हासिल करके अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा कर पाए हैं ।

परिचय

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि देवयानी मूल रूप से चंडीगढ़ के महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं, देवयानी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई चंडीगढ़ से एस एच आर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की थी ।

इसके बाद देवयानी ने बिट्स पिलानी के गोवा कैंपस से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग मैं अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई को पूरा किया , इसके कुछ समय बाद ही देवयानी ने यूपीएससी परीक्षा देने का निश्चय किया ।

हफ्ते में 2 दिन करती थी यूपीएससी परीक्षा के लिए पढ़ाई

खबरों से पता चला है कि देवयानी अपने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए ज्यादा अधिक समय नहीं निकाल पाती थी क्योंकि देवयानी का चयन सेंट्रल ऑडिट विभाग में हुआ था अर्थात वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए केवल छुट्टी के दिन यानी शनिवार और रविवार को ही पढ़ाई करती थी ‌।

पांचवें प्रयास में हासिल की 11वीं रैंक

देवयानी ने प्रतिदिन 2 दिन यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी की और तैयारी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया परंतु वह अपने पहले प्रयास में सफलता  हासिल नहीं कर पाई, परंतु देवयानी ने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करने का फैसला किया ।

इस दौरान देवयानी ने एक बार फिर से यूपीएससी परीक्षा देने का निश्चय किया परंतु उन्हें लगातार तीन बार असफलता ही हासिल हुई इसके कुछ समय बाद उन्होंने अपने चौथे प्रयास में ऑल ओवर इंडिया में 222 भी रैंक हासिल की परंतु वह अपने रैंक से संतुष्ट नहीं थी ।

इसलिए देवयानी ने अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी परीक्षा देने का निश्चय किया इस दौरान देवयानी ने वर्ष 2019 में भारत द्वारा आयोजित की गई यूपीएससी परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 11वीं रैंक हासिल करके अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया ।

पिता को मानती है अपनी प्रेरणास्रोत

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि देवयानी के पिता विनय सिंह हिसार में संभागीय आयुक्त (Divisional Commissioner) नियुक्त है और देवयानी ने बचपन से ही अपने पिता को देश के लिए सेवा करते हुए देखा है, इस दौरान ही देवयानी ने अपने पिता को अपनी प्रेरणा मानते हुए सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया था ।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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