जैसे की हम सभी जानते हैं कि भारत के संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा को कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है , अर्थात इस परीक्षा में सफलता हासिल करने का सपना लिए हर साल लाखों अभ्यार्थी इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं परंतु कुछ गिने-चुने निपुण अभयार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं ।
पहले प्रयास में सफलता हासिल करने वाले अभ्यार्थी देश के कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में सामने आते हैं।
भारत देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास करने के लिए लाखों अभ्यार्थी सफलता हासिल करने की उम्मीद से सफलता हासिल करने की उम्मीद से कड़ी मेहनत और लगन के बल पर अर्थात कोचिंग और सेल्फ स्टडी का सहारा लेकर खुद को निपुण करते हैं ।
यूपीएससी की परीक्षा को पास करने वाले कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल करके देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं अर्थात कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो असफलताओं से हार मान कर सफलता हासिल करने की उम्मीद छोड़ देते हैं।
इसके विपरीत कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो लगातार असफलताओं से सीख लेकर अपने हौसले को बुलंद करके सफलता हासिल करने का प्रयत्न करते हैं ।
आज हम आपको आईएएस पूर्णा सुंदरी के बारे में बताने वाले हैं , कहां जाता है कि सफलता को हासिल करने के लिए मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है और इस बात को सच करके दिखाया है आईएएस पूर्णा सुंदरी ने।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि पूर्णा सुंदरी ने केवल 5 वर्ष की उम्र में ही अपनी आंखों की रोशनी को खो दिया था , परंतु इसके बावजूद पूर्णा सुंदरी ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करके यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की है ।
11वीं क्लास में तय किया था लक्ष्य
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि पूर्णा सुंदरी मूल रूप से तमिलनाडु की रहने वाली हैं , भले ही बचपन में ही पूर्णा सुंदरी ने अपनी आंखों की रोशनी को खो दिया था परंतु फिर भी उन्होंने लगातार पढ़ाई में रुचि रखी ।
इस दौरान उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई भी पूरी की खबरों से पता चला है कि पूर्णा सुंदरी जब अपनी 11वीं की पढ़ाई कर रही थी उसी वक्त उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखा था ,पूर्णा सुंदरी बचपन से ही शिक्षा स्वास्थ्य एवं महिला अधिकारियों के क्षेत्र में कार्य करना चाहती थी ।
5 साल तक की यूपीएससी की तैयारी
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें पूर्णा सुंदरी ने यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए करीब 5 साल तक तैयारी की इस दौरान उन्होंने ऑडियो फॉर्मेट मैं स्टडी की और लैपटॉप में स्पीकिंग एप्लीकेशन के द्वारा भी पढ़ाई की , साथ ही साथ पूर्णा सुंदरी के माता-पिता ने भी कई किताबों को पढ़कर उन्हें सुनाया इसके साथ ही साथ पूर्णा सुंदरी के दोस्तों ने भी पढ़ाई मैं पूरी मदद की ।
इस प्रकार हासिल की ऑल ओवर इंडिया में 286 रैंक
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि पूर्णा सुंदरी ने 5 वर्ष तक यूपीएससी की तैयारी की इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का निश्चय किया परंतु वह परीक्षा में दो बार असफल रही परंतु माता-पिता द्वारा प्रेरित होने के बाद एक बार फिर से परीक्षा देने का निश्चय किया इस दौरान उन्होंने वर्ष 2019 में भारत द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 286 रैंक हासिल की है ।
आईएएस पूर्णा सुंदरी ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को दिया है वह कहती है कि भले ही वह बचपन से आंखों से नहीं देख सकती परंतु पढ़ाई के मामले में सदैव उनके माता-पिता ने उनका हौसला बुलंद किया है और साथ-साथ उन्हें पढ़ाई में काफी मदद भी की है इस दौरान ही वह कठिन परीक्षा में सफलता हासिल कर पाई है ।