जैसे की हम सभी जानते हैं कि भारत की संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा मैं हर साल लाखों अभ्यार्थी हिस्सा लेते हैं परंतु कुछ गिने-चुने अभयार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं । सभी अभ्यर्थी इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं कई कोचिंग का सहारा लेते हैं तो कई सेल्फ स्टडी के बल पर इस परीक्षा में सफलता हासिल करके कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं ।
इसके दूसरी तरफ कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में असफल हो जाते हैं परंतु सफलता हासिल करने की उनकी प्रयास से वह एक बार सफल अवश्य हो जाते हैं अन्यथा कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो असफल होने के बाद सफलता हासिल करने की उम्मीद छोड़ देते हैं ।
कुछ इस प्रकार ही हम आपको बताने वाले हैं आईएएस वरुणा अग्रवाल के बारे में जिन्होंने पहले प्रयास में असफलता हासिल करने के बाद भी सफलता को हासिल करने का जज्बा रखा और अपने जज्बे के बल पर अपने तीसरे प्रयास में आईएएस बनने के सपने को पूरा किया आइए जानते हैं वरुणा अग्रवाल की सफलता की कहानी-
जीवन परिचय
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि वरुणा अग्रवाल उत्तराखंड के रुद्रपुर की रहने वाली है । वरुणा अग्रवाल बचपन से ही एक उच्च अधिकारी बनने का सपना देख रही थी वह चाहती थी कि वह अपने इलाके का सुधार करें इसलिए वह सिविल सर्विस में जाना चाहती थी, इतना ही नहीं वरुणा पढ़ाई में भी काफी अच्छी थी वह दसवीं से ही आईएएस बनने का सपना देख रही थी ।
ऐसा रहा शुरुआती सफर
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि वरुणा अग्रवाल ने अपने आईएएस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हाई स्कूल से ही पढ़ाई शुरू कर दी थी अर्थात उसने अपने ग्रेजुएशन तक यूपीएससी की परीक्षा के लिए अपना बेस पूरी तरह से मजबूत कर लिया था, इस दौरान ही कड़ी मेहनत करने के बाद वरुणा अग्रवाल यूपीएससी की परीक्षा देने का निश्चय किया परंतु वह अपने पहले और दूसरे प्रयास में असफल रही ।
तीसरे प्रयास में हासिल की सफलता
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि वरुणा अग्रवाल ने यूपी की पहली परीक्षा में कड़ी मेहनत और लगन के साथ प्रयास किया परंतु वह सफल नहीं हो पाई इस दौरान उन्होंने हार नहीं मानी और सफलता हासिल करने की उम्मीद रखी इस दौरान वह अपने दूसरे प्रयास में भी सफलता को हासिल नहीं कर पाई और एक बार फिर वरुणा अग्रवाल सफलता हासिल करने का निश्चय किया और इस बार वह अपने तीसरे प्रयास में सफलता को हासिल कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाई ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अपने तीसरे प्रयास में वर्ष 2020 में वरुणा अग्रवाल ने यूपीएससी की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 38 वी रैंक हासिल की और अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया ।
इस तरह रखे खुद को मोटिवेट
आईएएस वरुणा अग्रवाल का ऐसा मानना है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान कभी भी समय सीमा का निर्धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि कई बार निर्धारित समय पर हम अपनी तैयारी नहीं कर पाते हैं और इस दौरान तनाव की स्थितियां काफी अधिक बढ़ जाती है ।
वरुण अग्रवाल बताती है कि भले ही उन्हें दो बार सफलता हासिल नहीं हुई परंतु उन्होंने हार नहीं मानी इस दौरान उन्हें अपनी तैयारी के दौरान काफी कुछ सीखने को मिला और इस प्रकार वरुणा अग्रवाल मोटिवेट होकर अपने तीसरे प्रयास में सफलता को हासिल कर पाई ।
अन्य अभ्यर्थियों के लिए सलाह
वरुणा अग्रवाल कहती है कि अगर आप अपने जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने लक्ष्य को तय कीजिए उसके बाद सही दिशा में तैयारी करना शुरू कीजिए अर्थात असफलताओं से हार नहीं माने बल्कि असफलताओं से सीख लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करें और 1 दिन सफलता आपको अवश्य हासिल होगी ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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