Success story of IAS Topper Rena Jamil :-
झारखंड के एक बेहद छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले रैना जमील आज लाखों लोगों के लिए आदर्श बन चुकी हैं। रैना का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जहां पर उन्हें पढ़ाई लिखाई और आगे बढ़ने के लिए हमेशा समर्थन मिलता रहा।
परिवार वालों के सपोर्ट की वजह से ही रैना जमील आज खुद को बेहद खुशकिस्मत समझती है। वह बताते हैं कि उनके परिवार ने उन्हें दूर के कालेज जाने से कभी नहीं रोका।
शायद यही वजह है कि आज वह अपने परिवार का नाम रोशन कर रही है। रैना जमील यूपीएससी परीक्षा को पास करने से पहले कई डिग्रियां हासिल कर चुकी थी। आइए जानते हैं रैना की सफलता की कहानी के बारे में
इस तरह हुई शुरुआत –
रैना जमीन की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल से प्रारंभ हुई थी जो कि एक उर्दू स्कूल था। उर्दू स्कूल से शिक्षा लेने के बाद वह ग्रेजुएशन करती हैं और इसके बाद वह पोस्ट ग्रेजुएशन की भी पढ़ाई पूरी करती हैं।
पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वह B.Ed करती हैं। पढ़ाई के दौरान सबसे अच्छी बात यह रही कि उनके घर वालों ने हमेशा उनका साथ दिया और उन पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला।
पोस्ट ग्रेजुएशन उन्होंने जूलॉजी में किया है। इसीलिए यूपीएससी परीक्षा में ऑप्शनल विषय के रूप में उन्होंने जूलॉजी को ही रखा। 3 डिग्रियां हासिल करने के बाद रैना जमील ने यूपीएससी के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने का फैसला किया।
बड़े भाई से मिली मदद –
रैना जमील हमेशा साइंस की छात्र रही है। ऐसे में आर्ट साइड के सब्जेक्ट को पढ़ने और समझने में शुरुआत में उन्हें कई सारी मुश्किलें आ रही थी।
उस वक्त उस मुश्किल वक्त में उनके भाई ने उनका सपोर्ट किया। रैना जमील के भाई कुछ साल पहले ही यूपीएससी परीक्षा पास करके आईआरएस के लिए चयनित हुए थे। इसलिए उन्होंने रैना को यूपीएससी की तैयारी में काफी मदद की।
सही रणनीति बनाये –
रैना जमील का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए एक अच्छी स्ट्रेटजी बनाना बेहद जरूरी है। और अपने स्ट्रेटजी पर काम करना चाहिए। स्ट्रेटजी बनाने के लिए आप टॉपर्स के इंटरव्यू देकर उससे मदद ले सकते हैं।
दूसरे यूपीएससी कैंडिडेट से भी सलाह ले सकते हैं। इससे बेसिस को क्लियर करने में मदद मिलती है। बेसिक्स को क्लियर करने में एनसीईआरटी की किताबें काफी मददगार साबित हो सकती है।
दूसरे अभ्यार्थियों को सलाह –
रैना जमील का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए धैर्य होना बेहद जरूरी है। क्योंकि दूसरी परीक्षाओं की तुलना में इस परीक्षा को पास करने में कई बार काफी ज्यादा समय लग जाता है।
ऐसे में अभ्यार्थी का धैर्य रखना बेहद जरूरी है। रैना जमील को साल 2016 में उनके पहले प्रयास में उन्हें 882 रैंक मिली थी और उन्हें इंडियन इनफॉरमेशन सर्विस के लिए चुना गया था।
उन्होंने ट्रेनिंग तो ज्वाइन कर ली थी लेकिन हमेशा से वह आईएएस बनना चाहती थी। यही वजह थी कि उन्होंने दोबारा से यूपीएससी परीक्षा दी। लेकिन ट्रेनिंग की वजह से वह अपनी तैयारी सही ढंग से नहीं कर पाई थी।
इसलिए उनका प्री परीक्षा भी क्वालीफाई नहीं हुआ। उसके बाद वह छुट्टी लेती है और तीसरी बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा देती हैं और इस बार उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो जाता है।