हमारे जीवन में समाज की बैठक में जाने के कारण बड़े बुजुर्ग से कई प्रकार से सीखने का मौका मिला। समाज की नीति नियम, सामाजिक, समाज संस्कृति संस्कार शिक्षा, आध्यात्मिक धार्मिक प्राकृतिक जीवन शैली की जानकारी।
लोगों से मिलने और बात-चित करने का तरीका। लोगों को सेवा करने एवं स्वयं अध्ययन करना और एक दूसरे को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने की प्रेरणा मिली। मुझे अलग – अलग क्षेत्र में भ्रमण में जाने से यह सीख मिला, कि बड़े शहरों की बड़ी – बड़ी महल, वहां के व्यापार करने का तरीका, बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने की जानकारी मिली।
अच्छे कृषकों से मिलकर कृषि करने का तरीका, पशु पालन, मुर्गी पालन, उद्यानिकी खेती करने की जानकारी मिली। मैं वहां की जानकारी को ग्राम के ग्रामीणों को बताता हूं और ऐसे कामों को करने के लिए लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करता हूं।
मेरे जीवन में कई बार पुस्तक विमोचन सेमिनार और अवार्ड राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समारोह में नेपाल, थाईलैंड, हांगकांग जाने का मौका मिला है। वहां पर उपस्थित प्रतिभागियों के द्वारा जीवन में किये गये कार्य का अपने उपलब्धियों की जानकारी के बारे में बताते हैं। उसे सुनकर स्वयं को भी समाज देश के लिए अच्छा करने या पढ़ने लिखने की प्रेरणा मिलती है।
जीवन में कुछ संस्था या ट्रस्ट के द्वारा गरीब, असहाय, दिव्यांग, नेत्रहीन और विधवा लोगों की सेवा के लिए मद्दत या दान करते हैं। उनकी चेहरा खुशी से प्रफुल्लित होता है और चेहरा खिल जाता है।
उन लोग मन से आशीर्वाद देते है, उस समय दान करने वाले का मन को सुकून मिलता है। मुझे यह सीख मिली कि अपनी आर्थिक स्थिति के आधार पर गरीब, अहसाय, दिव्यांग, विधवा और नेत्रहीन लोगों को हर संभव मद्दत करना चाहिए या लोगों को प्रेरित करना है, दान करने के लिए। सामाजिक कार्यकर्ताओं और समाज सेवियों के द्वारा यह सीख मिली है, कि ग्राम में खाली पड़ी जमीन पर वृक्षारोपण का कार्य करना, पानी देना, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण से बचाना, नशा मुक्त समाज को सार्वजनिक वस्तुओं को नुकसान नहीं पहुंचाना और न्याय कानूनी जानकारी देना, ग्राम की छोटी -छोटी समस्याओं जैसे – छोटी – छोटी झगड़ा, जमीन बंटवारा ग्राम पंचायत की स्तर में निपटारा करना आदि।
जीवन में कभी-कभी कुछ लोग हमारी कामों को रोकने या बाधा डालने का काम करते हैं और पसंद नहीं करते हैं, बहुत आलोचना करते हैं और धमकियां देते हैं। कुछ समय बाद उसी काम को लोग पसंद करते हैं और ईनाम भी देते हैं, यह सब समय – समय का खेल है। मानव जीवन नदी के धार के समान है, कभी ज्यादा पानी कभी कम पानी का होना।
कभी खुशी कभी दुखी का उतार चढ़ाव होते रहता है। आदमी एक खिलौना है, जौर से गिर गया तो टुटकर बिकर जाता है। जुड़ गया तो रख लेते हैं जुड़ नहीं पाया तो कचरे में फेंक देते हैं। अपनी जीवन में सतर्क रहना है और काम को निरंतर करते रहना है।
बीएल भूरा
भाबरा जिला अलीराजपुर मध्यप्रदेश
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