जैसे की हम सभी जानते हैं कि भारत देश द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा को देश की कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है अन्यथा हर साल इस परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं परंतु कुछ गिने-चुने निपुण अभयार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल करके अपना सपना पूरा कर पाते हैं ।
इस कठिन परीक्षा में अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल करने वाले कुछ निपुण अभ्यार्थी देश के कई अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में सामने आते हैं ।
यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए लाखों अभ्यार्थी इस परीक्षा में हिस्सा तो लेते ही हैं परंतु इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए अभ्यर्थी लंबे समय से खुद को कोचिंग और सेल्फ स्टडी अर्थात इंटरनेट के सहारे निपुण बनाने का प्रयास करते हैं अन्यथा अपने मनोबल और मानसिक स्थिति को मजबूत बनाकर इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं और सफलता हासिल करने का प्रयत्न करते हैं।
यूपीएससी की कठिन परीक्षा में कई अभ्यार्थी अपने पहले प्रयास में ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर लेते हैं अन्यथा कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में असफलता हासिल होने के बाद सफलता हासिल करने की उम्मीद छोड़ देते हैं इसके विपरीत कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो लगातार असफलताओं के बावजूद भी सफलता हासिल करने का प्रयत्न अवश्य करते हैं अन्यथा सफलता के मुकाम पर अवश्य पहुंचते हैं।
आज हम आप सभी को एक ऐसे अभ्यार्थी के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने सदैव अपनी एकाग्रता को बनाए हुए अपने पांचवें प्रयास में सफलता के मुकाम को हासिल किया है , इस अभ्यार्थी का नाम है अनुदीप दूरीशेट्टी ( Anudeep Durishetty ) , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अनुदीप ने अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल होने के बाद भी सफलता हासिल करने का मौका नहीं छोड़ा और अपने पांचवें प्रयास में सफलता के मुकाम को हासिल किया है।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अनुदीप दूरीशेट्टी मूल रूप से तेलंगाना के छोटे सी जगह मेटपल्ली के रहने वाले हैं , अनुदीप ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई को पूरा करने के बाद ही यूपीएससी की परीक्षा देने का निश्चय किया था इस दौरान उन्होंने वर्ष 2012 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी परंतु वह इंटरव्यू के राउंड में फेल हो गए थे परंतु फिर भी उन्होंने अपने हौसले को बुलंद किया और हार नहीं मानी।
अन्यथा एक बार फिर से कड़ी मेहनत और लगन के बाद अनुदीप ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा दी इस बार उनका एग्जाम क्लियर हो गया परंतु रैंक कम होने के कारण उनका चयन आईआरएस मैं हुआ , इस दौरान अनुदीप ने पद पर अपना कार्य देना शुरू कर दिया अन्यथा उन्होंने 2 वर्ष तक इस पद पर कार्य किया परंतु उन्होंने आईएएस बनने का सपना नहीं छोड़ा और लगातार अपनी आईएएस बनने की पढ़ाई जारी रखी ।
अन्यथा अपने काम के दौरान अनुदीप ने पढ़ाई भी की इस दौरान उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और इस दौरान अनुदीप दूरीशेट्टी ने वर्ष 2016 में आईएएस बनने के सपने को पूरा किया अन्यथा आज अनुदीप ने यह तो साबित कर दिया है कि असफलताओं से हार नहीं माननी चाहिए बल्कि असफलताओं से सीख लेकर सफलता हासिल करने का प्रयत्न करना चाहिए ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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