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कोल माइनिंग इलाके में उगाए हैं सैकड़ों पौधे अपने सरकारी क्वार्टर को बना दिया है फूलों का गुलदस्ता

Neha Kashyap gardening
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आज हम बात करने वाले हैं धनबाद के कोल इंडिया के रहने वाले नेहा कश्यप के बारे में जिन्होंने अपने सरकारी क्वार्टर को पूरी तरह से फूलों के गुलदस्ते में बदल दिया है ।

धनबाद की रहने वाली नेहा कश्यप के सरकारी क्वार्टर में आए दिन जाने अनजाने लोग इनके गार्डन को देखने आते रहते हैं क्योंकि इन्होंने अपने सरकारी क्वार्टर में कोल माइनिंग इलाके में इतने सारे पौधे लगाए हैं कि उन्होंने एक खूबसूरत गार्डन तैयार कर लिया है जो काफी खूबसूरत है और जाने अनजाने लोग आकर इनके गार्डन की काफी अधिक प्रशंसा करते हैं ।

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इतना ही नहीं जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि नेहा के द्वारा अपने सरकारी क्वार्टर को जिस प्रकार से फूलों के एक गार्डन में बदल दिया गया है ,कोविड-19 महामारी के दौरान कई लोग अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए और अपने मन को शांति देने के लिए फूलों के बीच कुछ देर तक समय बिताने के लिए भी आते थे।

बातचीत के दौरान नेहा बताती है कि जब वह शादी करके धनबाद के कोल माइनिंग इलाके में सरकारी क्वार्टर में रहने आई थी , वह कहती है कि यहां केवल कोल माइनिंग का कार्य होने के कारण यहां सबसे अधिक प्रदूषण ही नजर आता था वह कहती है कि आसपास केवल बड़ी-बड़ी खानों को देखकर मन एकदम असमर्थ हो गया था परंतु फिर मैंने अपने घर के बाहर धीरे-धीरे से  पौधे लगाने शुरू किए ।

वह कहती है कि यह पौधे लगाने का सिलसिला आज इतना अधिक बढ़ गया है कि मेरा घर एक गार्डन के रूप में सज गया है मानो एक फूलों का गुलदस्ता कई लोग इस गुलदस्ते में अपना समय बिताने भी आते हैं।

नेहा बताती है कि वह जिस इलाके में रहती हैं आसपास पूरी तरह से कोयले की खदान का इलाका है , इस कारणवश यहां पर गर्मी भी काफी अधिक रहती है और धूल भी काफी अधिक उड़ती है । इस प्रकार नेहा द्वारा तैयार किया गया खूबसूरत गार्डन हर किसी को कश्मीर की खूबसूरत वादियों याद दिला देता है ।

नेहा बताती है कि हालांकि 7 साल पहले मेरा यह घर बिल्कुल भी ऐसा नहीं था , और ना ही यहां पर ज्यादा अधिक पौधे लगे थे और ना ही आसपास के घरों में इस प्रकार का कोई भी गार्डन था।

नेहा कहती हैं कि जब मैंने अपने सरकारी क्वार्टर में पेड़ पौधे लगाने शुरू की और इसे खूबसूरती से सजाना शुरू किया तो आसपास के कई लोग मुझे यह कहते थे कि भले सरकारी क्वार्टर को कौन इतना अधिक सजाता है, और अगर कुछ समय बाद इस क्वार्टर को छोड़ना पड़ेगा तब यह सजावट किसी भी काम नहीं आएगी , नेहा सभी से कह देती थी कि बाद की बाद में सोचेंगे और फिलहाल यही सरकारी क्वार्टर मेरा घर है और इस घर में जब इतनी जगह मिली है तो इसमें  पौधे को लगाने ही चाहिए ।

दरअसल नेहा रांची की रहने वाली है और शुरू से हरियाली के बीच में पली बढ़ी है क्योंकि उनकी माता रांची के एक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में काम करती थी और उनके घर पर ढेरों पेड़ पौधे लगे हुए थे नेहा का कहना है कि रांची में ज्यादा अधिक गर्मी नहीं पड़ती है और इसी कारण में पेड़ पौधे जल्दी सूखते भी नहीं है इसलिए आसपास के वातावरण में हमेशा हरियाली छाई रहती है।

आगे कहती हैं कि इसके विपरीत धनबाद में इतनी अधिक गर्मी पड़ती है कि पेड़ पौधों की खास देखभाल करनी पड़ती है और शुरू से हरियाली के बीच रहने की आदत हो गई थी इसी कारणवश यहां पर बिना हरियाली के रहना अच्छा नहीं लगता था और इसी कारणवश मैंने गार्डनिंग करना शुरू किया, इस दौरान मेरी मां ने मुझे कहा कि   कुछ पौधे लगाओ और मेरे क्वार्टर के बाहर जगह भी काफी अधिक थी ।

नेहा बताती है कि शुरुआत में मैंने अपनी माता से पूछ पूछ कर कुछ पौधे लगाने शुरू किए और इसके साथ ही के साथ कुछ सब्जियों को उगाने के बारे में भी सोचा नेहा कहती है कि माइनिंग इलाका होने के कारण यहां मिट्टी में खनिज तत्व काफी अधिक पाए जाते हैं और इस कारणवश उपज भी काफी अच्छी हो सकती है, वह कहती है कि गार्डनिंग में सफलता मिलने के बाद उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार पेड़ पौधे लगाकर अपने सरकारी क्वार्टर को एक सुंदर गुलदस्ते में बदल दिया।

नेहा बताती है कि धीरे-धीरे पेड़ पौधे लगाने का सफर बढ़ता गया परंतु धनबाद में अच्छी नर्सरी नहीं होने के कारण अच्छे पौधे नहीं मिल पाते थे इसलिए मैं रांची से नए-नए पौधों लेकर लगाती थी नेहा बताती है कि न केवल फूलों को लगाती थी इसके साथ ही साथ में फल और सब्जियों को भी उग आती थी वह कहती है कि धीरे-धीरे गार्डन में फल सब्जी फूल काफी अधिक हो गए थे और वह काफी खूबसूरत हो गया था । नेहा कहती है कि मुझे गुलाब काफी अधिक पसंद है और यही कारण है कि मैंने अपने गार्डन में गुलाब के 15 किस्म  उगाए हैं ।

नेहा कहती है कि मैंने ज्यादातर पौधे और फल गमलों में लगाए हैं वह कहती हैं कि अगर नए घर में जाना हो तो मैं इन गमलों को अपने साथ ले जाऊंगी और अगर मेरे नए घर में जगह नहीं रही तो मैं इन खबरों को यही सजावट के लिए छोड़ जाऊंगी ताकि जो यहां रहने आए वह मेरे पौधे को देखकर गार्डनिंग सीखने का प्रयास करें और हरियाली वातावरण से उसके स्वास्थ्य भी अच्छी रहे और वह खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें ।

नेहा कहती है कि अब मेरे घर को देखकर आसपास के कई लोगों ने अपने घर पर पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं इतना ही नहीं कई लोग उनके गार्डन में आते हैं खूबसूरत पौधों को देखकर नेहा से गार्डनिंग की टिप्स भी लेते हैं , नेहा केवल गार्डनिंग ही नहीं करती बल्कि इसके साथ ही साथ व केक बनाने में भी काफी माहिर है और घर पर एक बेकिंग का बिजनेस भी चलाती ।

अंत में नेहा कहती है कि अपने आसपास पेड़ पौधों का होना काफी आवश्यक है क्योंकि इससे स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है और इसके साथ ही साथ पर्यावरण के मुख्य तत्व हमेशा ही संपन्न रहते हैं ।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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