आज हम बात करने वाले हैं बैतूल के रहने वाले जयराम गायकवाड़ के बारे में , वर्तमान में कई किसान यह साबित कर रहे हैं कि खेती एक मुनाफे का सौदा है इसी में से एक है बैतूल के रहने वाले जयराम गायकवाड़ । जानकारी के लिए आप सभी को बता दें की जयराम गायकवाड़ ने तीन सरकारी नौकरी को ठुकराया है इसके साथ ही साथ वह पारंपरिक खेती भी करते थे परंतु अब वह इन सब को छोड़कर ऑर्गेनिक फार्मिंग की ओर रुख कर चुके हैं ।
ऑर्गेनिक फार्मिंग की ओर रुख करने के साथ ही साथ शुरुआत में ही उन्हें लाखों की कमाई हो गई थी इसके साथ ही साथ उन्होंने साथ में दो गायों को भी रखा था और डेयरी की शुरुआत की थी पर आज उनके पास 50 गाय हैं और वह अपनी 30 एकड़ भूमि में जैविक खेती करते हैं और दुग्ध उत्पादन करके लाखों का मुनाफा अर्जित करते हैं , हमारे देश के प्रधानमंत्री जब गुजरात के सीएम थे तब उनके द्वारा जयराम गायकवाड़ को सम्मानित भी किया जा चुका है।
54 वर्षीय M.A पास जयराम गायकवाड़ बैतूल से 11 किलोमीटर दूर बघौली गांव के रहने वाले हैं , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि जयराम के पास 30 एकड़ पुश्तैनी जमीन है जिस पर उनके पिता पारंपरिक खेती किया करते थे ।
बातचीत के दौरान जयराम बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान उन्हें सी आर पी एफ , रेलवे और आर्मी जैसे जॉब ऑफर आए थे परंतु वह नौकरी तो करना चाहते थे परंतु अपनी माटी को छोड़कर नहीं जाना चाहते थे इसलिए उन्होंने सभी नौकरियों को ठुकरा दिया , और खेती करने का निर्णय लिया, जयराम का एक बेटा लोकेश गायकवाड़ है जो अपने पिता की राह पर चल रहा है और रीवा वेटनरी कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा है।
35 लाख है सालाना आय :-
जयराम बताते हैं कि उन्हें जैविक तरीकों से आधुनिक खेती करने का आईडिया कृषि विभाग द्वारा किए गए एक प्रोग्राम के तहत और खुद की जिज्ञासा के तहत आया था , जयराम कहते हैं कि वह 30 एकड़ भूमि में आधुनिक खेती करते हैं और इनके साथ उनकी मदद उनकी भाई भी करते हैं परंतु इस दौरान वह खेतों में बिल्कुल भी केमिकल्स और फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल नहीं करते हैं , इस दौरान वह अपने खेतों में गाय के गोबर से तैयार कंपोस्ट का उपयोग करते हैं ।
जयराम बताते हैं कि वह अपने भाइयों के साथ मिलकर अपनी 30 एकड़ के खेतों में गेहूं और गन्ने की खेती करते हैं इसके साथ ही साथ कई सब्जियों का उत्पादन भी करते हैं, अर्थात खेती जैविक रूप से होने के कारण उनका धान और गन्ने का भाव काफी अधिक बिकता है अर्थात इस प्रकार मुनाफा भी सालाना लाखों तक पहुंच जाता है ।
इस प्रकार करते हैं खेती :-
जयराम तो खेती करते ही हैं, इसके साथ ही साथ उन्होंने डेयरी फार्म खोलने का भी निश्चय किया इसके लिए वह दो गाय को खरीद कर लाए और महज 10 सालों में उनके पास 50 हाइब्रिड गाय और उनके बछड़े हैं , जिससे उनका डायरी फॉर्म काफी अच्छा चल रहा है ।
इतना ही नहीं जानकारी के लिए आप सभी को बता देगी जयराम गायकवाड़ गोबर से घरेलू बिजली भी बनाते हैं और गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करके अपने खेतों में जानकारी देते हैं जिससे उनकी फसलों का उत्पादन काफी अधिक होता है ।
जय राम गायकवाड ने गायों के रहने के लिए शेड को कुछ इस प्रकार तैयार किया है कि सभी पशुओं का वेस्ट सीधा नालियों से टैंक में जाएगा जिस प्रकार गैस प्लांट का सारा वेस्ट एक टैंक में जाकर जमा होता है उसी प्रकार से ही इन पशुओं का वेस्ट नालियों से सीधा एक टैंक में जाता है जहां पर कंपोस्ट तैयार होने की पहली प्रक्रिया शुरू होती है और यह गोबर का कंपोस्ट जयराम के खेतों का रामबाण उपाय है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता जयराम गायकवाड़ कई नौकरियों को ठुकराने के बाद आज जैविक तरीकों से आधुनिक खेती कर रहे हैं साथ ही साथ डेयरी फॉर्म भी चला रहे हैं जिनसे उन्हें लाखों का मुनाफा हो रहा है, जयराम गायकवाड ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी नौकरी ही सब कुछ नहीं है खेती को अगर सही तरीके से किया जाए तो यह भी मुनाफे का सौदा बन सकती है ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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