प्रमोद बनाते है कबाड़ से खूबसूरत फर्नीचर, खड़ी कर ली है,बड़ी कंपनी और कमा रहे हैं लाखों

P2s international upcycling Design Concept

आज हम बात करने जा रहे हैं प्रमोद कुमार की जिन्होंने कबाड़ से पैसे किस प्रकार कमाए जाते हैं यह बखूबी साबित कर दिया है।

इसके साथ ही साथ आज प्रमोद कुमार P2S इंटरनेशनल कंपनी के संस्थापक है। P2S इंटरनेशनल कंपनी आज कबाड़ व अन्य सामानों का इस्तेमाल करके फर्नीचर को तैयार करके लाखों रुपए कमा रही है।

प्रमोद कुमार कबाड़ का इस्तेमाल करके ना ही केवल फर्नीचर बना रहे हैं बल्कि पर्यावरण प्रदूषण के बचाव में महत्वपूर्ण योगदान भी दे रहे हैं।

प्रमोद बताते हैं कि बचपन में जब वह टायरों से खेला करते थे और आज वे उन्हें टायरों का कुछ अलग तरीके से इस्तेमाल करके उनसे कुछ रोचक ढंग से खेल रहे हैं परंतु आज प्रमोद कुमार कुछ अनोखी और अलग चीजों का निर्माण भी कर रहे हैं।

चीन यात्रा के दौरान मिला यह आईडिया

प्रमोद बताते हैं कि कबाड़ इस्तेमाल करके  के और इसके साथ-साथ रोजमर्रा की खूबसूरत कलाकृतियों का निर्माण करना में प्रमोद कुमार की यात्रा इतनी सरल नहीं थी।

प्रमोद कहते हैं कि इससे पहले इंजीनियरिंग की डिग्री को हासिल करने के बाद वह बिजली उपकरणों के निर्माण करने वाली एक फैक्ट्री में कार्य करते थे। उनकी इस नौकरी से उनके माता-पिता तो संतुष्ट थे पर प्रमोद की चाह कुछ अलग करने की थी।

इस प्रकार प्रमोद कहते हैं कि उन्हें वर्ष 2017 में चीन की यात्रा पर जाने का मौका मिला, और चीन की यात्रा प्रमोद के लिए उनके जीवन में काफी कुछ बदलाव के लिए महत्वपूर्ण रही।

प्रमोद बताते हैं कि चीन की यात्रा के दौरान वैश्विक फास्ट फूड के जितने भी रेस्टोरेंट थे सभी जगह पर ऐसी ऐसी कुर्सियाँ और मेजें जिसका निर्माण कबाड़ के इस्तेमाल से किया गया था।

प्रमोद को नजर आया भारत में एक नया स्कोप

प्रमोद बताते हैं कि चीन की यात्रा से आने के बाद उन्हें मन में यह ख्याल आया कि भारत में किस प्रकार का कबाड़ आसानी से उपलब्ध हो जाता है और इसका प्रचार भी भारत में काफी बड़ा है ।

उन्होंने सोचा क्यों ना कबाड़ के इस्तेमाल से वस्तुओं को तैयार करके भारत में कुछ नया प्रयास किया जाए, बस इस प्रयास के लिए ही प्रमोद ने अगले वर्ष ही अपनी कंपनी PS2 इंटरनेशनल की स्थापना कर दी।

प्रमोद बताते हैं कि कंपनी की स्थापना के लिए उनके पास इतने पैसे तो नहीं थे परंतु जितनी भी बचत थी उन्होंने सारी उस कंपनी में लगा दी और कुछ पैसे अपने दोस्तों से उधार लेकर इस कंपनी को शुरू किया। प्रमोद बताते हैं कि शुरुआत में मैंने सेकंड हैंड मशीनों को खरीद लिया और सैंपल को खुद ही तैयार करने लगा।

इस प्रकार मिला प्रमोद को पहला बड़ा ऑर्डर

प्रमोद बताते हैं कि मेरे काम को देखते हुए छोटे ऑर्डर तो मुझे मिलना शुरू हो गए थे परंतु बड़े आर्डर जल्द नहीं मिल पा रहे थे।

इस दौरान प्रमोद कहते हैं कि मैंने अपने परिवार को यह नहीं बताया था कि मैंने अपनी नौकरी को छोड़ दिया है क्योंकि माता-पिता उनकी पुरानी नौकरी से संतुष्ट थे और और उन्हें यह बात पता चलती तो वह  काफी हताश हो जाते।

प्रमोद कहते हैं कि भले ही मुझे इस कंपनी की का आईडिया चीन से आया हो परंतु मैं भारत में इसे लाकर सक्सेस होना चाहता था ।

इस दौरान मैंने कंपनी की शुरुआत करने के लिए काफी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है परंतु मेरे लिए सबसे बड़ा मौका 2019 में आया जब मुझे 5.5 लाख रुपए का सबसे बड़ा ऑर्डर आया था।

अपने सबसे बड़े ऑर्डर को उन्होंने एक सपने जैसा लिया वह कहते हैं कि मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इतना बड़ा ऑर्डर इतनी जल्दी मिल गया अभी तो कुछ छोटे ऑर्डर की आने शुरू हुए थे।

परंतु इतनी जल्दी बड़ा ऑर्डर आ जाएगा मुझे बिल्कुल भी आशा नहीं थी। इस दौरान प्रमोद कहते हैं कि सभी परिस्थितियों से लड़कर मैंने अपनी कंपनी को स्थापित किया परंतु एक बड़े आर्डर ने इस कंपनी को स्थापित करने की जो मेरी सोच थी उसको और भी अधिक प्रबल कर दिया।

प्रमोद कहते हैं कि मेरी कंपनी को जितनी जल्दी इतना बड़ा ऑफर मिला यह किसी भी कंपनी में इतनी जल्दी नहीं हो पाता है परंतु इस दौरान मैं यह समझ गया था कि मेरा आईडिया बाजार में मुनाफा भी लाएगा और यह काफी तरक्की भी करने वाला है।

इस दौरान ही प्रमोद यह तय कर लिया था कि अब वे किसी भी कंपनी में कार्य नहीं करेंगे परंतु अपनी खुद की कंपनी पर पूरा ध्यान देंगे।

प्रमोद की कंपनी का सालाना टर्नओवर एक करोड़ रुपए तक पहुंच गया है

प्रमोद बताते हैं कि आज उनकी कंपनी ना केवल भारतवर्ष में बल्कि देश विदेश में नाम कमा रही है उन्होंने भारत मे कबाड़ से वस्तुओं का निर्माण करके एक नई क्रांति ला दी है।

प्रमोद कबाड़ का इस्तेमाल जैसे टायर ड्रम एवं अन्य कबाड़ की वस्तुओं से खूबसूरत कलाकृतियों का निर्माण करते हैं इसके साथ ही साथ प्रमोद कुर्सी-मेज एवं आदि खूबसूरत कलाकृतियों का भी निर्माण करते हैं।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दे की करोना महामारी के समय में प्रमोद ने कबाड़ की वस्तुओं से एक सैनिटाइजर डिस्पेंसर को भी तैयार किया था।

इस दौरान प्रमोद अपने अपनी कंपनी की होने वाली कमाई के बारे में बताते हुए कहते हैं कि अब वे काफी आसानी से 1 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच जाते हैं इसके साथ ही साथ  प्रमोद कहते हैं कि अब उन्हें ऑर्डर की कमी नहीं होती है लगातार छोटे से बड़े ऑर्डर्स उनके पास आते रहते हैं।

प्रमोद कहते हैं कि वे अपने इस काम के अनुसार कबाड़ को रिसाइकल करके पूरे समाज को कुछ वापस लौट आने का प्रयास कर रहे हैं इसके साथ ही साथ पर्यावरण को बेहतर करने में उच्च स्तर पर अपना योगदान भी दे रहे।

प्रमोद ने यह साबित कर दिया है कि केवल पढ़ लिखकर कंपनियों में कार्य करना ही सब कुछ नहीं होता है बल्कि खुद की सोच को उच्च स्तर पर रखते हुए अपने बारे में ना सोचते हुए पर्यावरण और देश के लिए सोचते हुए कुछ करने की इच्छा भी होनी चाहिए।

प्रमोद जी की यह सोच कबाड़ को रिसाइकल करके समाज को कई नहीं कलाकृतियां तो दे ही रही है इसके साथ ही साथ प्रमोद कबाड़ को रिसाइकल करके पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण को रोक रहे हैं और प्रदूषण के बचाव में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

लेखिका : अमरजीत कौर

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