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11वीं में पढ़ने वाली छात्रा ने पौधों को सींचने के लिए तैयार की Solar Cycle , बिना पंप के की जा सकती है सिंचाई

Rachana Bodagu solar water pump cycle inventor ki kahani
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आज हम बात करने वाले हैं बेंगलुरु की रहने वाली रचना बोडागु के बारे में, रचना बोडागु 11वीं में पढ़ने वाली छात्रा है, रचना का सपना था कि वह इको फ्रेंडली तरीके से पानी पंप करने में किसानों की मदद करना चाहती थी , इस दौरान रचना ने अपने सपने को पूरा करने के लिए एक सोलर साइकिल का निर्माण किया है, इसकी मदद से किसान आसानी से सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल करके वाटर पंप कर सकते हैं ।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दे की रचना बेंगलुरु के वॉटर वॉरियर आनंद मल्लिगवड़ के साथ, कोमासांद्रा तालाब को पुनः जीवित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है ।

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रचना बताती है कि उन्होंने अपने गुरु से प्रेरित होकर वाटरिंग सिस्टम तैयार करने का फैसला किया था ताकि तलाब के आसपास जो पौधे हैं उन्हें आसानी से पानी दिया जा सके।

रचना का कहना है कि शुरुआत में उन्होंने आनंद मल्लिगवड़ के साथ मिलकर कोमासांद्रा तलाब को पुनः जीवित करने के लिए और उसके आसपास के पौधों को पानी देकर उनकी संख्या बढ़ाने में काफी प्रयत्न किया परंतु पौधों को पानी देना इतना आसान नहीं था इसलिए उन्होंने आसानी से पौधों को पानी देने के लिए एक इको फ्रेंडली सोलर साइकिल का निर्माण किया ।

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इस तकनीक को तैयार करने में कितना आया खर्च और कहां से आए पैसे?

रचना बताती है कि उन्होंने इस तकनीक को तैयार करने के लिए इंटरनेट और जस्ट डायल का सहारा लिया और लोगों को ढूंढ कर उनसे कनेक्ट किया , कुछ दिनों तक तो उन्हें कोई रिस्पांस नहीं मिला परंतु कुछ समय बाद ही एक व्यक्ति जिसका नाम था मधुसुधन , उसने रचना को‌ सोलर पैनल और वाटर पंप दान किया किया।

रचना ने बताया की इंटरनेट की मदद से उन्हें सोलर पैनल और वाटर पंप तो मिल गया था उसके बाद उन्होंने इंडियन मार्ट से एक साइकिल खरीद लिया था।उसके बाद रचना ने सभी चीजों की मदद से सोलर साइकिल तैयार कर ली थी ।

रचना का कहना है कि सोलर साइकिल को तैयार करने में एक लाख का खर्च पड़ गया था , इस दौरान उन्होंने अपनी जमा पूंजी का उपयोग किया । परंतु आज इस सोलर साइकिल की डिमांड इतनी अधिक बढ़ गई है कि उन्हें CSR फंड मिलता है और वह इस फंड की मदद से इस प्रकार के कई सोलर साइकिल तैयार करती है।

रचना बताती है कि बेंगलुरु में रहने वाले सभी किसानों को रात के वक्त ही बिजली दी जाती है और उन्हें अपने बड़े-बड़े खेतों में रात के वक्त सिंचाई करनी पड़ती है‌, और यह एक काफी मुश्किल और जोखिम भरा काम है अर्थात मैं अपने सोलर साइकिल को काफी किफायती और फायदेमंद बनाना चाहते हैं ताकि हर किसान तक पहुंच सके और उनके काम आ सके, इसके साथ ही साथ किसानों को बिजली और ईंधन बिना निर्भर रहे आसानी से और किफायती रूप से सिंचाई कर सकें ।

आज जिस प्रकार 11वीं में पढ़ने वाली रचना बोडागु ने किसानों के लिए इको फ्रेंडली सोलर साइकिल तैयार किया है यह किसानों के लिए काफी मददगार तो है ही इसके साथ ही साथ किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए रचना की यह सोच कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रही है।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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