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आइए जानते हैं पढ़ाई में कमजोर होने के बावजूद , किस प्रकार बने राजेश वर्मा एसडीएम

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आज हम आपको एसडीएम राजेश वर्मा की कहानी बताने वाले हैं जो पढ़ाई में कमजोर होने के साथ-साथ हिंदी मीडियम से पढ़ चुके हैं परंतु इसके बावजूद उन्होंने एसडीएम के पद पर सफलता हासिल की है ।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि राजेश वर्मा का ऐसा कहना है कि अगर आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो तैयारी के वक्त अपने कॉन्फिडेंस लेवल को हाई रखें अगर आप परीक्षा में असफल भी होते हैं तो आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है ।

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आपको अपने हौसले को मजबूत करके अधिक जोश के साथ आगे बढ़कर सफलता हासिल करने का प्रयत्न करना चाहिए । अगर आप किसी भी काम को करने का निश्चय कर ले उसके बाद आने वाली सभी मुसीबतों का सामना आप कर सकते हैं ।

आप उस काम को करते ही मानते हैं यह सभी मानव का मानवीय स्वरूप होता है , आज हम आपको एक ऐसी ही सफलता की कहानी बताने वाले हैं जिसने कई मुसीबतों से हार नहीं मानी और लगातार असफलताओं के बावजूद सफलता हासिल करके दिखाएं ।

आज हम आपको यूपीएससी परीक्षा पास करके एसडीएम बनने वाले राजेश वर्मा की सफलता की कहानी बता रहे हैं , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि राजेश शुरू से ही पढ़ाई में काफी कमजोर रहे हैं और एक हिंदी मीडियम छात्र है ।

इसलिए इन्हें किसी भी बड़ी परीक्षा में सफलता मिलने में काफी कठिनाई का सामना करना था परंतु इसके बावजूद उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर सफलता हासिल कर ली है ।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि कई कठिनाइयों के बाद यूपीएससी की परीक्षा में एसडीएम के पद में सफलता हासिल करने वाले राजेश वर्मा का कहना है कि अगर आप यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको अपने सभी बैकग्राउंड को पीछे छोड़ कर कड़ी मेहनत के साथ सफलता हासिल करने का प्रयत्न करना चाहिए ।

साथ ही साथ राजेश वर्मा का यह भी कहना है कि कई बच्चे ऐसे सोचते हैं कि वह हिंदी मीडियम से है तो सफलता हासिल करने में मुश्किल होगी परंतु अगर देखा जाए तो आपके हिंदी या फिर इंग्लिश मीडियम से होने से किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ता है फर्क इस बात से पड़ता है कि आप सफलता हासिल करने में कितनी मेहनत कर रहे हैं अगर आपकी मेहनत सच्ची है तो आपको आपकी मेहनत का फल अवश्य हासिल होता है ।

राजेश वर्मा शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर से और हिंदी मीडियम से पढ़ने के बावजूद उनके मन में एक अवसर पड़ने का जज्बा था , परंतु राजेश वर्मा के मन में अफसर बनने की ख्वाहिश थी और इस ख्वाहिश नहीं उनकी पूरी जिंदगी बदल दी ।

राजेश वर्मा ने निश्चित कर लिया था कि वह यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करके अवसर बनेंगे परंतु इस दौरान ही उन्होंने 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद कई बार उन्होंने सफलता भी हासिल की परंतु फिर भी हार नहीं मानी और सफलता हासिल करने में लगे रहे इस प्रकार उन्होंने वर्ष 2020 में होने वाली यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करके एसडीएम के पद का कार्यभार संभाला है।

राजेश वर्मा कहते हैं कि सभी कैंडिडेट्स जो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लगे हुए हैं उन्हें सफलता हासिल करने के लिए अपने कॉन्फिडेंट के साथ-साथ अपने दिमाग को शांत रखने के विकास की आवश्यकता होती है।

क्योंकि अगर आप अधिक पढ़ाई करेंगे और आपका दिमाग शांत नहीं रहेगा तो आपको कुछ भी याद नहीं हो पाएगा इस दौरान आपको अपने मन को शांत और मेडिटेशन के द्वारा अपनी हेल्थ को भी अच्छी तरह से रखना है ताकि आप सभी प्रकार से अच्छे रहें और पढ़ाई में आप का मन लगे जिससे आप सफलता हासिल कर पाए ।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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