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बाइक बेच कर मिले पैसे से शुरू किया स्टार्टअप आज है करोड़ों का रिवेन्यू

बाइक बेच कर मिले पैसे से शुरू किया स्टार्टअप
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हमारा समाज कुछ ऐसा है कि लोगों की काबिलियत उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर मापी जाती है लेकिन काबिलियत को मापने का यह तरीका कई बार गलत साबित होती है।

भले ही किसी बड़े इंस्टिट्यूट से डिग्री हासिल कर ले लेकिन यह सफल होने की गारंटी नही होती है। यही वजह है आज भी कई सारे ऐसे प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट हैं जिनकी बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेने के बाद भी सफलता नही मिल पाती है।

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आज की कहानी कैसे व्यक्ति की है जिसने अपनी पढ़ाई बीच छोड़ दी और अपनी बाइक को बेचकर जो पैसे मिले उससे स्टार्टअप शुरू किया और आज उन्हें करोड़ों की कमाई हो रही है।

आज की यह कहानी समाज के सामने एक अनूठी मिसाल की तरह है जिससे यह साबित होता है कि सफलता के लिए बड़ी-बड़ी डिग्रियों की जरूरत नहीं है।

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आज की कहानी है मुंबई के साधारण से परिवार में जन्म लिये जिमी मिस्त्री की। इनके पिता ने लगभग 33 साल तक एक विक्रेता के रूप में काम किया है।

जिमी शुरू से ही उद्यमी बनना चाहते थे इसके लिए उन्होंने अपनी इंजीनियर की पढ़ाई को बीच में ही छोड़कर बिजनेस की दुनिया में कदम रखने का निश्चय किया।

किसी भी बिजनेस की शुरुआत पूँजी से होती है और उसके लिए निवेश की जरूरत होती है। तब उन्होंने अपनी बाइक को बेचने का फैसला किया।

उन्होंने 1991 में अपनी बाइक को बेच दिया जिससे उन्हे 20 हजार की धनराशि मिली। इस पैसे को उन्होंने कीट नियंत्रण सेवा में निवेश करके अपने व्यवसाय की स्थापना की।

वह लगातार प्रयास करते रहे उन्हें कई व्यवसाय किया और सीखा। इसके बाद उन्होंने कई क्षेत्रों में कदम रखा। जल्दी उन्होंने लग्जरी फर्नीचर का व्यापार शुरू किया।

भारत में लग्जरी फर्नीचर कुछ विदेशी ब्रांड के ही उपलब्ध थे उन्होंने विदेशी ब्रांड के साथ भागीदारी की और जल्द ही मुंबई में अपना पहला शो रूम खोल दिया।

इसके बाद उन्होंने दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई में भी उसकी शाखाएं खोल दी उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दुबई में भी अपनी एक शाखा को खोल दिया।

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लग्जरी फर्नीचर उनकी विशेषता की वजह से उन्हें कई टर्नकी व्यवसाय अनुबंध मिल गए और दिनों दिन उनका व्यवसाय बढ़ने लगा।

बिजनेस को बढ़ाने के साथ ही जिम्मे ने अपना शोध कार्य जारी रखा और उन्होंने अपनी कंपनी डीलर टेक्निका के बैनर तले हर क्षेत्र में अपनी एक पहचान बना ली।

आतिथ्य उद्योग में उन्होंने महाराष्ट्र के लोनावाला में प्रसिद्ध डेला एडवेंचर पार्क की स्थापना की। यह अपने आप में एक अनूठा पार्क है, जहां पर कई होटल, स्पा, रेस्टोरेंट, एडवेंचर पार्क, ट्रेनिंग जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध है।

उन्हें इसके अलावा डिजाइनिंग का भी शौक है। इसमें भी उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की है उन्होंने कंपनी घर, ऑफिस, होटल के लिए इंटीरियर डिजाइनिंग का काम किया है।

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वह आज एक प्रसिद्ध वक्ता भी है और विभिन्न अवसरों पर विभिन्न प्रतिष्ठित मंच पर डिजाइन के बारे में वक्ता के रूप में उन्हें आमंत्रित किये जाते है।

 जिमी से हमें यह प्रेरणा मिलती है शोध कार्य के जरिए किसी एक ही चीज में नही बल्कि कई क्षेत्रों में सफलता हासिल की जाती है। उन्होंने 20 हजार की छोटी से लागत के साथ दो लोगों मिल के एक छोटे से शुरुआत की थी और आज 2000 से भी ज्यादा लोगों की एक टीम उनके पास है जिससे उनके सालाना 1150 करोड का रेवेन्यू मिलता है।

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