आज हम एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जिसमें मात्र ₹1000 निवेश करके बिजनेस की शुरुआत की गई थी। यह कहानी है बेंगलुरु के रहने वाले आरती की हैं जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर अपना खुद का आज ब्रांड बना लिया है और आज लाखों की कमाई कर रही हैं।
उनके ब्रांड का नाम है Arti’s Homemade आज वह इस ब्रांड के तहत जेम्स और बैटर का बिजनेस कर रही हैं। इसमें वह स्पंज केक और को बटर भी बनाने का काम करती हैं।
पिछले चार-पांच साल से वह गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और बेजोड़ स्वाद के दम से अपनी अलग पहचान बना ली है। एक साधारण से नाम को उन्होंने एक ब्रांड बना दिया।
आर्थिक का बैकग्राउंड कोई व्यवसाई परिवार नही है। एक साधारण नौकरी पैसे वाले घर से संबंध रखती हैं लेकिन आज वह बिजनेस कर रही और उन्होंने खुद का ब्रांड स्थापित कर लिया है। लेकिन इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है।
आरती का जन्म मुंबई में हुआ और उनकी पढ़ाई लिखाई मुंबई में ही हुई। इसके बाद उन्होंने रिक्रूटमेंट सेक्टर में लगभग 8 सालों तक काम किया।
लेकिन उन्हें खाना बनाने का शौक था। हालांकि उन्हें खाना बनाने का शौक शुरू में नहीं था लेकिन शादी के बाद साल 2011 से वह अपने पति को इंप्रेस करने के लिए नई नई डिश बनाने लगी और धीरे-धीरे उन्हें इसमें शौक हो गया और बाद में उन्होंने इसे अपना बिजनेस बना दिया।
आरती बताती हैं कि कई सालों तक काम करने के बाद उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां होने लगी थी। जिसमें शारीरिक थकान और मानसिक थकान भी शामिल है।
इसके लिए उन्होंने थैरेपिस्ट से कंसल्ट किया तब उन्होंने आरती को सलाह दी कि वह उन बातों को लिखे जो उनके मन मे आती हो जिससे उन्हें खुशी मिलती हो। यह काम थोड़ा मुश्किल था लेकिन उन्हें उनके पति का सपोर्ट मिला। धीरे-धीरे उन्होंने लिखना शुरू किया।
तब उन्हें इंटरेस्ट आने लगा और उन्होंने एक रेसिपी का ब्लॉग बनाया, जहां पर वह तरह तरह की रेसिपी को बनाने की विधि लिखती थी, जिन्हें वह खुद ट्राई कर चुकी थी।
इसी दौरान उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न खाना बनाने और लोगों को खिलाने का ही व्यवसाय क्किया जाए। इसके लिए फिर इन्होंने एक छोटा सा रेस्टोरेंट खुल लिया।
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उन दिनों वाकई तरह की रेसिपी बनाने की विधि देखती थी। एक दिन उन्होंने स्ट्रॉबेरी जैम की रेसिपी देखी और उन्हें कुछ आईडिया सूझा। उन्होंने फ्रीज से स्ट्रॉबेरी निकालकर उसका जैम बनाया और अपने घरवालों और दोस्तों को खिलाया।
सब ने की बहुत तारीफ की फिर उन्होंने कई अलग-अलग फलों के जैम ट्राई किये साथ में उन्होंने यह भी ट्राई किया की कैसे बिना प्रिजर्वेशन के जैम को बनाया जा सकता है।
साल 2015 में उन्होंने जैम बनाने की शुरुआत की थी यह प्रक्रिया चार-पांच महीने तक चलती रही, इसके बाद मार्च 2016 में उन्होंने अपना बिजनेस शुरू कर दिया। शुरू में थोड़ा असमंजस में थी क्योंकि बिना प्रिजर्वेटिव्स जैम बनाने की लागत थोड़ी ज्यादा थी।
उनके मन में डर था कि कहीं कीमत ज्यादा होने की वजह से बिजनेस न चल पाए तो क्या होगा। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने कोशिश की, इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पेज बताया की जैम कैसे बनाते हैं।
अपने पेज पर उन्होंने बताया कि हम अपने बच्चों के लिए जो बाजार से जैम खरीदते हैं लेकिन बाजार में मिलने वाले जैन केमिकल युक्त होते हैं। ऐसे मे आज बिना केमिकल के जैम बहुत ही कम उपलब्ध है।
एक दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने जैम की तस्वीर पोस्ट की। उसके अगले हफ्ते ही आर्डर मिल गया। आरती इससे बहुत खुश हुई और ₹1000 के निवेश के साथ उन्होंने अपने काम की शुरुआत कर दी।
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उस आर्डर जो भी पैसे मिले उसका नए उत्पादों के प्रोडक्शन में इन्वेस्ट कर दिए। कुछ समय बाद आर्डर ज्यादा मिलने लगे और इसके लिए उन्होंने सभी कानूनी प्रक्रियाएं जैसे कि रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेट लेना, यह सब पूरा किया।
लोगों का रिस्पांस अच्छा मिल रहा था और उन्होंने ज्यादा इन्वेस्ट भी नही किया और ऑनलाइन ही अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग शुरू कर दी।
धीरे-धीरे उनके बनाए जान की मांग बढ़ती गई फिर उन्होंने जैम के साथ सॉस और बटर की भी सप्लाई करना शुरू कर दिया। आज वो 30 से भी ज्यादा प्रोडक्ट बनाकर सप्लाई कर रही है।
वह फलों और सब्जियों को सीधे किसानों से खरीदनी है और इस बात का ध्यान रखती है कि वह जैविक हो। आज उन्हें लगभग 500 से ज्यादा ऑर्डर हर महीने मिल रहे हैं।
आरती कहती है ऐसा नही है कि उनके पास मुश्किलें नही थी उनके पास मुश्किल थी जैसे शॉपिंग की और प्रोडक्ट को कांच की बोतल में पैक करने की, उसके बाद उन्हें कोरियर के माध्यम से भेजने की क्योंकि कई बार ट्रांसपोर्टिंग के दौरान कांच की बोतल फूट जाती थी और उन्हें नुकसान उठाना पड़ता था।
तब उन्होंने इस समस्या का समाधान ढूढा और बोतलों की पैकेजिंग पर ध्यान देने के साथ ही इसके विकल्प तलाशने लगे। आज बबल रैपिंग का इस्तेमाल करके अपने प्रोडक्ट को अच्छी तरह से पैक कर के भेजते हैं। अब उन्हें पैकेजिंग और शिपिंग से जुड़े किसी भी इस तरह के समस्या का सामना नही करना पड़ता।
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दूसरी समस्या थी बाजार मे मिलने वाले अन्य प्रोडक्ट की तुलना में ऊंची कीमत पर अपने प्रोडक्ट को बेचना, लेकिन वह लोगों को समझाएं कि हानिकारक चीजों का इस्तेमाल न करके जैविक चीजों का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
शुरू में ग्राहकों को अपने उत्पाद के लिए आकर्षित करना मुश्किल था लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से धीरे-धीरे ग्राहक आने लगे आगे।
अब आरती अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करना चाहती हैं और अपने प्रोडक्ट की रेंज को भी बढ़ाना चाहती हैं। उनकी योजना है हल्दी के अचार बनाने की और उसे मार्किट में पहुंचाने की है। आरती कहती हैं कि उन्होंने कभी नही सोचा था कि उनका खाने का ब्लॉग लिखना धीरे-धीरे एक ब्रांड बन जाएगा और यह उनके बिजनेस में उनकी मदद करेगा।
आरती का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ और पौष्टिक उत्पाद उपलब्ध करवाना है जिससे लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहे और वह इसके लिए पूरी मेहनत और लगन से काम कर रही हैं।