थोड़ा जोखिम का बोझ लेकर किसान परिवार ने उद्यानिकी खेती से बड़ा कदम उठाया तो टमाटर की खेती में नोटों की बरसात कर दी , यह किसान परिवार केवल टमाटर की एक ही फसल में करोड़पति बन गया ।
किसान परिवार की तरक्की को देखकर कृषि मंत्री कमल पटेल घर पहुंचकर नए पैटर्न द्वारा की गई खेती के बारे में जानकारी हासिल की और दूसरे किसानों को भी इस प्रकार की खेती करने की अपील भी की ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि हरदा जिले के ग्राम सिरकंबा में मधु धाकड़ परिवार पूरी तरह से कृषि से जुड़ा हुआ है। इतना ही नहीं खेती से जुड़े हुए मधु धाकड़ परिवार ने बताया कि उनके पास कुल 130 एकड़ जमीन है ।
मधु धाकड़ परिवार का कहना है कि उन्होंने करीब 12 वर्षों से गेहूं ,चना और सोयाबीन की खेती कर रहे थे परंतु अब वे हरी मिर्च अदरक और टमाटर की फसल के ऊपर काम कर रहे हैं ।
टमाटर की खेती ने किया किसान को मालामाल
मधु धाकड़ परिवार ने उद्यानिकी खेती मैं थोड़ा जोखिम लेकर टमाटर की खेती की शुरुआत की इस दौरान उन्होंने अपने 70 एकड़ के खेतों में टमाटर की खेती करनी शुरू की ।
इस दौरान कुछ समय बाद ही मधु धाकड़ परिवार ने अपने 70 एकड़ के खेतों में की गई टमाटर की खेती से प्रति एकड़ 40 लाख का मुनाफा इस दौरान उन्होंने प्रति एकड़ 2 लाख की लागत लगाई थी और मुनाफा 40 लाख रुपए हुआ ।
किसान मधु धाकड़ परिवार ने जब अपनी फसल को बाजार में निर्यात करने के लिए भेजा तो सभी प्रकार के लागत को निकालने के बाद प्रति एकड़ उन्हें 10 से 11 लाख का मुनाफा हुआ इस दौरान उन्होंने 70 एकड़ की जमीन में टमाटर की खेती से 7 करोड़ का मुनाफा अर्जित किया है । इतना ही नहीं जानकारी के लिए आपको बता दें कि मधु धाकड़ परिवार एक संयुक्त परिवार है ।
350 से अधिक मजदूरों को खेतों में मिलते हैं रोजगार
मधु धाकड़ परिवार ने बताया कि जिस प्रकार उद्यानिकी खेती की लोकप्रियता बढ़ रही थी उस दौरान उन्होंने अपनी पूरी जमीन में गेहूं चना और सोयाबीन की खेती के बदले टमाटर की खेती की और काफी अधिक मुनाफा अर्जित किया है ।
इस दौरान मधु धाकड़ परिवार की सफलता को देखते हुए मंत्री कमल पटेल ने किसानों से कहा कि परंपरागत खेती के साथ-साथ नई तकनीकों का भी उपयोग करें ताकि आप भी मधु धाकड़ परिवार की तरह अधिक मुनाफा अर्जित कर पाए।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने अन्य किसानों से कहा कि आप भी मधु धाकड़ परिवार की तरह उद्यानिकी खेती से जुड़े ताकि आप भी खेती करके अधिक मुनाफा अर्जित कर सके ।
इस दौरान मधु धाकड़ परिवार बताता है कि उनके खेतों में करीब 350 से अधिक मजदूर काम करते हैं और इस प्रकार की खेती करने से मजदूरों को भी काफी अधिक रोजगार हासिल हो पाए हैं ।
साथ ही साथ मधु धाकड़ परिवार का कहना है कि भले ही उन्हें करोना काल की महामारी के दौरान टमाटर की फसल में काफी नुकसान उठाना पड़ा परंतु करोना कि दूसरी लहर के वक्त ही टमाटर की फसल ने उन्हें इतनी अधिक मुनाफा दिया है कि सारे नुकसान की भरपाई भी हो गई है और काफी अधिक मुनाफा भी अर्जित हुआ है ।