ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जैसा चाहो, वैसा सोचो

ADVERTISEMENT

हमारी सोच, हमारा चिन्तन वास्तविकता को सिंचन देते हैं।दुनिया में सबकी सोच व चिन्तन का नजरिया अलग होता है ,रिश्ते निभाने के लिए दूसरों के स्वभाव को भी समझने की जरूरत होती है। जीवन में स्थितियां बदलती रहती है, बस जरूरत है एक-दूसरे को सहयोग करने की ।

यदि सकारात्मकता हो तो जीवन हँसी खुशी से बीत जाता है और इसके विपरीत यदि सोच नकारात्मक हो तो जीवन में धूल लग जाती है। व्यक्ति के विचार, उसकी सोच कई बार उसके जीवन की दशा और दिशा निर्धारित करती हैं, यदि जीवन में हम सकारात्मक सोच रखें तो सफलता अवश्य ही प्राप्त होती है, विपरीत परिस्थितियों को भी हम अनुकूल बना सकते हैं।

ADVERTISEMENT

अतः हमारी सोच नकारात्मक न हो, नकारात्मक सोच मनुष्य को मन व शरीर से निर्बल बना देती है, वहीं सकारात्मक सोच के बगैर व्यक्ति साम‌र्थ्यहीन हो जाता है।

इंसान ही क्या मैं तो कहता हूँ कि,जब हम पेड़ उगाते हैं, तब उसका भी प्यार से पोषण करना पड़ता है। केवल उसे पानी देकर डाँटने से वह नहीं बढ़ेगा।अपने परे। पूर्ण व्यवहार से बड़े सुंदर फल-फूल देगा तो ज़रा सोचिए सोच मानव को कितना अधिक प्रभावित कर सकती है।

बर्फ़ शीतलता प्रदान करती है और अग्नि गर्मी।वैसे ही सही सोच सभी को अच्छा लगती है धोंस नहीं। ठीक वैसे ही नम्रता से हम हर काम आसानी से करवा सकते हैं और सामने वाले को अपना बना सकते हैं।

ठीक वैसे ही इंसान अगर ताक़तवर है,या ओहदे में बड़ा है तो वो धोंस से काम तो करवा लेगा पर सामने वाले व्यक्ति को कभी अपना नहीं बना पायेगा। इसलिए हम भविष्य में जिस तरह का जीवन जीना चाहते हैं उसी अनुरूप सोच की जी रहा हूँ की कल्पना करना शुरू कर दें ।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )

यह भी पढ़ें :-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *