भारत में आयोजित की गई यूपीएससी की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है अन्यथा हर साल देश के इस कठिन परीक्षा का आयोजन किया जाता है ।
परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए लाखों अभ्यार्थी इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं परंतु कुछ गिने-चुने निपुण अभयार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं ।
अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थी देश के अन्य कई विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में उभर कर आते हैं ।
भारत के इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए हर साल लाखों अभ्यार्थी इस परीक्षा में हिस्सा तो लेते ही है साथ ही साथ सफलता हासिल करने के लिए सभी अभ्यर्थी खुद को निपुण बनाने का पूर्ण प्रयास करते हैं ।
इसके लिए सभी विद्यार्थी कोचिंग, सेल्फ स्टडी और इंटरनेट का सहारा लेकर खुद को मजबूत बनाते हैं अन्यथा खुद को मोटिवेट करके एवं अपने मनोबल को बड़ा करके इस परीक्षा में सफलता हासिल करने का प्रयास करते हैं ।
इस कठिन परीक्षा में हिस्सा लेने वाले कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में ही सफलता को हासिल कर लेते हैं और देश के कई अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में उभर कर आते हैं।
कई अभ्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो अपने पहले प्रयास में असफलता हासिल करने के बाद सफलता हासिल करने की उम्मीद छोड़ देते हैं परंतु कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो लगातार असफलताओं के बावजूद भी सफलता हासिल करने का प्रयत्न करते हैं ।
जैसे की हम सभी जानते हैं कि हाल ही में भारत द्वारा आयोजित की गई वर्ष 2021 में यूपीएससी की परीक्षा का रिजल्ट आ गया है और इसमें पहले तीन स्थानों पर लड़कियों ने अपने स्थान को स्थापित किया है ।
हालांकि इसके साथ ही साथ 28वीं रैंक में आने वाले मंत्री मौर्य ने अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है अर्थात यह उन सभी अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में उभर कर आ रहे हैं जो असफलताओं से हार मान लेते हैं ।
रह चुके हैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि मंत्री मौर्य आंध्र प्रदेश के नरसीपट्टनम से ताल्लुक रखते हैं , मंत्री मौर्य के माता पिता गवर्नमेंट कर्मचारी हैं , इसके साथ ही साथ 28 वर्षीय मंत्री मौर्य ने एनआईटी से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है ।
इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बतौर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्य भी किया है , परंतु मंत्री मौर्य बचपन से ही एक आईएएस बनना चाहते थे अर्थात उनके माता-पिता का भी सपना मंत्री मौर्य को एक अधिकारी के रूप में देखने का था ।
असफलताओं से नहीं मानी हार
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि मंत्री मौर्य ने अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी के साथ ही साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी की है इसके बाद उन्होंने कई बार यूपीएससी परीक्षा मैं हिस्सा भी लिया परंतु वह अपने चार प्रयासों में असफल रहे हैं , परंतु इसके बावजूद भी उन्होंने असफलताओं से हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करने का फैसला किया ।
पांचवें प्रयास में हासिल किए सफलता
मंत्री मौर्य ने असफलताओं से हार ना मानकर लगातार प्रयास करके अर्थात यूपीएससी परीक्षा की तैयारी मेहनत और लगन के साथ अर्थात कड़ी परिश्रम के साथ करने के बाद उन्होंने पांचवें प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया ।
इस बार वह अपने पांचवें प्रयास में ऑल ओवर इंडिया में 28 वी रैंक पर आए हैं, बातचीत के दौरान मंत्री मौर्य बताते हैं कि वह अपनी इस सफलता से काफी गर्व महसूस कर रहे हैं अन्यथा आज वह अपने माता-पिता का भी सपना पूरा कर पाए हैं ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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