गर्मियों का मौसम चल रहा है और शहरों में तो बड़ी बड़ी इमारतें ही देखने को मिलती है जो कि कंक्रीट से बने सीमेंट, ईंट, पत्थर से तैयार की जाती है और इनमें गर्मी भी काफी अधिक लगती है, अगर हमारा घर गोबर से तैयार सीमेंट और पेंट से तैयार किया जाए तो यह कैसा होगा , इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करने से पहले हम, इस बात को सच करने वाले डॉ. शिव दर्शन मलिक के बारे में जान लेते हैं :-
परिचय
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि डॉ शिव दर्शन मलिक मूल रूप से हरियाणा के रोहतक जिला के मदीना गांव के रहने वाले हैं, डॉक्टर शिव दर्शन मलिक पिछले 6 वर्षों से लगातार गोबर से इको फ्रेंडली ईट, पेंट ,सीमेंट तैयार करके कई लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं ।
केवल गांव के लोग नहीं बल्कि शहर के कई लोग शिव दर्शन की इस खोज का इस्तेमाल करके इको फ्रेंडली घरों में रहना शुरू कर रहे हैं , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि शिव दर्शन मलिक अभी तक हजार से अधिक लोगों को गोबर से सीमेंट पेंट और ईट तैयार करने की ट्रेनिंग दे चुके हैं।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि डॉक्टर शिव दर्शन रोहतक के एक कॉलेज में बतौर अध्यापक कार्य करते थे इसके कुछ समय बाद ही वर्ष 2004 में दिल्ली और विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित रिन्यूएबल एनर्जी परियोजना के साथ जुड़े और वर्ष 2005 में उन्होंने यूएनडीपी परियोजना के तहत काम किया ।
इस तहत शिव दर्शन मलिक को अमेरिका और इंग्लैंड जाने का अवसर मिला था इस दौरान उन्होंने वहां पर इको फ्रेंडली घर बनाने की ट्रेनिंग ली थी।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि सिर्फ दर्शन मलिक एक किसान के बेटे हैं , अर्थात शिव दर्शन मलिक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से ही पूरी की थी ।
डॉक्टर शिव दर्शन मलिक की नौकरी जाने के बाद उन्होंने अपने गांव की माटी में कुछ ऐसा करने का प्रयास किया जिससे गांव में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके और उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता ना पड़े ।
करते हैं गोबर से ईट और सीमेंट तैयार
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि जब प्रथम बार डॉक्टर शिव दर्शन मलिक ने गोबर पर रिसर्च किया तो उन्हें पता चला कि गोबर थर्मल इंसुलेटेड पदार्थ है जो ठंड में गर्म और गर्म में ठंडे वातावरण को बनाता है ।
इसका एक उदाहरण प्राचीन काल से चला आ रहा है , प्राचीन काल में लोग अपने घरों को गोबर और मिट्टी के लेप से पुताई किया करते थे।
इस दौरान डॉ शिव मलिक कहते हैं क्योंकि मैं एक किसान परिवार का था इसलिए हमेशा से ही मन में यह बात रहती थी कि गाय के गोबर और खेतों में बेकार पड़ी चीजों का इस्तेमाल करके कुछ नया तैयार किया जाए, इस दौरान ही शिव दर्शन ने गाय के गोबर से सीमेंट और पेंट तैयार करने का सोचा ।
उन्होंने अपनी सोच को प्रोफेशनल तरीके से शुरू किया और वर्ष 2015 में उन्होंने गोबर से सीमेंट और तैयार करने का निश्चय किया और इस दौरान उन्होंने सबसे पहले खुद इसका इस्तेमाल किया और गांव के कुछ लोगों को भी इसका इस्तेमाल करने के लिए दिया ।
डॉक्टर शिव दर्शन मलिक ने गोबर की पुताई वाले कंपोस्ट को एक नया रूप दिया और इससे उन्होंने वैदिक प्लास्टर (Vedic Plaster) तैयार किया, शिव दर्शन मलिक बताते हैं कि उन्होंने इस वैदिक प्लास्टर को तैयार करने के लिए जिप्सम, ग्वारगम, चिकनी मिट्टी, नींबू पाउडर आदि चीजों को मिलाकर बनाया है और यह प्लास्टर आसानी से सभी दीवारों पर लग जाता है ।
इसके बाद उन्होंने वर्ष 2018 में गौशाला की स्थितियों को सुधारने के लिए और सस्टेनेबल घर बनाने के मकसद से गोबर की ईंटों को तैयार करना शुरू किया और उनका यह प्रयोग काफी सफल रहा ।
इतना ही नहीं आम ईटों को तैयार करने में जितनी ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है इस दौरान गोबर के ईटों को तैयार करने में किसी भी प्रकार की ऊर्जा की आवश्यकता नहीं पड़ती है और यह आम ईटों की मुकाबले वातावरण के साथ-साथ मनुष्य के लिए भी लाभदायक होता है।
सालाना करते हैं लाखों की कमाई
आज वर्तमान में डॉक्टर शिव दर्शन मलिक गोबर से तैयार इको फ्रेंडली ईट, पेंट और सीमेंट की 5 हजार टन से भी अधिक बिक्री कर लेते हैं इस दौरान सालाना काफी अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं ,केवल पास के क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि दूर-दूर के कई राज्यों में भी इनके सीमेंट की डिमांड काफी अधिक है वह बताते हैं कि वह सलाना 50 से 60 लाख का मुनाफा आसानी से अर्जित कर लेते हैं ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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