ADVERTISEMENT

आइए जानते हैं 23 वर्ष के युवक के बारे मैं जिसने समझा हरियाली का महत्व और महज 3 साल में उगा दिए 4‌ लाख से भी अधिक पेड़

Vishal Srivastava 3 yeras 4 lakhs tree
ADVERTISEMENT

आज हम बात करने वाले हैं विशाल श्रीवास्तव के बारे में,  विशाल श्रीवास्तव ने अपनी बीटेक की सेकंड ईयर की पढ़ाई के दौरान सूखे प्रभावित इलाकों का दौरा किया जिसके बाद उनकी जिंदगी में एक नई दिशा आ गई थी, और उस वक्त से वह एक संस्था के साथ जुड़ गए और तब से आज तक लाखों पौधे लगा चुके हैं ।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि विशाल श्रीवास्तव 23 वर्ष के हैं और सिंगरौली के रहने वाले हैं विशाल की माता एक स्कूल की टीचर हैं , विशाल की मां ने बड़ी ही सादगी से विशाल को बड़ा किया है और बचपन से ही विशाल आसपास की समस्याओं को देखते हुए बड़े हुए हैं ।

ADVERTISEMENT

इस दौरान वह हमेशा से ही अपने स्तर पर छोटी-छोटी समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं इस प्रकार ही हरियाली फैलाने और पेड़ लगाने के लिए सदैव कुछ ना कुछ करते रहते हैं ।

विशाल श्रीवास्तव जब अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ग्वालियर के मराठा वाड़ा गांव के सूखा प्रभावित क्षेत्र में गए तो वहां की समस्याओं को समझने का प्रयास किया और इस दौरान उन्होंने आसपास के एनजीओ (NGO) के साथ मिलकर समस्या को सुलझाने के प्रयास करने में लग गए ।

इस दौरान विशाल बताते हैं कि अक्सर हमें मराठवाड़ा की खबरें सुनने को मिलती थी, इसके बाद जब विशाल उस गांव में गए तो वहां की समस्या को लेकर उन्होंने उसे हल करने का प्रयास इस दौरान एनजीओ की मदद तो ली ही साथ ही साथ कॉलेज का एक ग्रुप भी बनाया जहां पर उन्होंने 15 से 20 हजार रुपए जमा करवाएं ।

इस प्रकार शुरू हुआ पेड़ पौधे लगाने का सिलसिला

जिस वक्त विशाल श्रीवास्तव मराठवाड़ा में काम कर रहे थे उस वक्त वह “प्रयास” नाम के एनजीओ से जुड़े थे जिसका कार्य पौधा रोपण करना था अर्थात यह एनजीओ मुख्यता मियावाकी तकनीक का उपयोग करता था और इस दौरान ही विशाल ने भी इस एनजीओ के साथ पौधारोपण का कार्य तो किया ही साथ ही साथ मियावाकी तकनीक को भी सिखा ।

विशाल श्रीवास्तव को एनजीओ द्वारा सिखाई गई है तकनीकी इतनी अधिक अच्छी लगी कि वह घूम घूम कर कई सरकारी ऑफिस में इस तकनीक के बारे में बताने लगे ।

Vishal Srivastava 3 yeras 4 lakhs tree

इस दौरान विशाल जिस भी ऐसी जगह को देखते जहां पर कम पौधे हैं उसका प्लान तैयार करते और उसे कलेक्टर ऑफिस में ले जाते  , क्योंकि विशाल यह काम अपनी खुशी से करते थे इसलिए इसके बदले वह कभी भी पैसे नहीं लेते थे, इस दौरान विशाल को धीरे-धीरे काम मिलने लगा एक के बाद एक प्रोजेक्ट उनको हासिल होने लगे ।

पिछले करीब 2 सालों से विशाल श्रीवास्तव ने जबलपुर कटनी और ग्वालियर में डेढ़ लाख से अधिक पेड़ पौधे लगाए हैं फिलहाल वह खंडवा, छतरपुरा, शिवपुर में पेड़ लगाने की तैयारी कर रहे हैं ।

इस दौरान विशाल श्रीवास्तव बताते हैं कि वह आसपास पौधे हरियाली को बढ़ाने के लिए लगाते हैं साथ ही साथ वह कभी-कभी कुछ-कुछ फलों के पौधे भी लगा देते हैं क्योंकि इससे आसपास की महिलाओं को रोजगार का अवसर मिल सकेगा इस दौरान वह बताते हैं कि हम गांव में भी पेड़ पौधे लगाते हैं इस दौरान हमें पंचायत का सहयोग भी मिल जाता है।

पढ़ाई के साथ करते हैं इस प्रकार यह काम

अगर हम आपको आसान शब्दों में बताएं तो विशाल श्रीवास्तव सरकारी प्लांटेशन प्रोजेक्ट के लिए फ्रीलांसिंग का काम कर रहे हैं, विशाल बड़े गर्व के साथ बताते हैं कि उन्होंने अभी तक जितने भी पौधे लगाए हैं सभी अच्छे और बड़े-बड़े पेड़ हो गए हैं कुछ ही पौधे होंगे जो खराब हुए होंगे ।

विशाल श्रीवास्तव आसपास हरियाली फैलाने के साथ-साथ आसपास के गांव और स्कूलों की अवस्था को भी सुधारने का प्रयास कर रहे हैं , इसके लिए वह देश के बड़े से बड़े एनजीओ के साथ संपर्क भी कर रहे हैं , इस दौरान विशाल ने अक्षर फाउंडेशन के साथ मिलकर ग्वाहाटी के 100 से अधिक स्कूलों को डिजिटलाइजेशन शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया है ।

आज विशाल श्रीवास्तव एक इंजीनियर के स्टूडेंट होने के बावजूद भी पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और आसपास के क्षेत्रों में हरियाली फैलाने का कार्य कर रहे हैं अब तक विशाल ने एनजीओ की मदद से चार लाख से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को काफी हरियाली प्रदान की है साथ ही साथ वह स्कूलों और कॉलेजों की दशा को सुधारने का भी प्रयत्न कर रहे हैं।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

यह भी पढ़ें :

आइए जानते हैं महिला के बारे मे जिसने कंक्रीट के जंगलों में 3 हजार पेड़ पौधों से तैयार किया है मिनी हिल स्टेशन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *