आज हम बात करने वाले हैं 21 वर्षीय युवराज पवार के बारे में , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि युवराज पवार मूल रूप से महाराष्ट्र के अहमदनगर के छोटे से गांव निंभारी के रहने वाले हैं ।
युवराज पवार ने हाल ही में जुगाड़ का उपयोग करके एक इलेक्ट्रॉनिक विंटेज कार तैयार की है जिससे वह ना केवल अपने गांव में बल्कि देश में छा गए हैं ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अहमदनगर महाराष्ट्र के छोटे से गांव के रहने वाले 21 वर्षीय युवराज पवार इस समय काफी अधिक व्यस्त हैं, हालांकि वह कोई भी बड़ा बिजनेस नहीं चलाते हैं ।
लेकिन वह अपने द्वारा जुगाड़ से तैयार की गई बुवाई मशीन के 20 से अधिक ऑर्डर पर काम कर रहे हैं उन्हें अपने और ऑर्डर बारिश के मौसम से पहले किसानों को डिलीवर करने हैं ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि युवराज पवार ने बुवाई मशीन को बनाने से पहले वर्ष 2020 में जुगाड़ओं का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक विंटेज कार बनाई थी।
इस दौरान युवराज पवार बताते हैं कि मुझे इस विंटेज कार पर लोगों की इतनी अधिक प्रतिक्रिया मिली कि मुझे इसके कई और ऑर्डर मिले हैं और इस दौरान में अभी फिलहाल विंटेज कार और अपने द्वारा तैयार की गई बुवाई मशीन के आर्डर पर काम कर रहा हूं ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि युवराज पवार ना केवल जुगाड़ का इस्तेमाल करके नई-नई अविष्कार कर रहे हैं परंतु इसके अलावा वह पुणे के काशीबाई नवले कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विषय में अपनी कॉलेज की पढ़ाई भी कर रहे हैं।
बचपन से ही था मशीनों से लगाव
युवराज के पिता एक किसान है अर्थात एक छोटे से गांव के रहने वाले युवराज बड़े सपनों की उम्मीद रखते थे पिता के किसान होने के बावजूद भी युवराज को सदैव ही मशीनों से काफी अधिक लगाव था अर्थात युवराज बताते हैं कि जब वह अपनी चौथी कक्षा में थे तब उन्होंने अपने स्कूल की एक प्रतियोगिता के दौरान सबसे पहली मशीन फ्लोर क्लीनर मशीन को तैयार किया था ।
युवराज ने थर्माकोल और मोटर का इस्तेमाल करके फ्लोर क्लीनर मशीन को तैयार किया था जिससे उनके स्कूल द्वारा और लोगों द्वारा भी काफी अधिक पसंद किया गया था ।
युवराज अपने पहले अविष्कार के बाद कभी भी रुके नहीं लगातार वह अविष्कार करते रहे और अब तक युवराज ने 30 आविष्कारों को तैयार किया है ।
युवराज कहते हैं कि सदैव ही उनकी माता गीतांजलि और उनके पिता जनाधार ने कभी भी उन्हें अविष्कार करने से रोका नहीं और उनकी ही समर्थन का नतीजा है कि आज युवराज नई-नई वस्तुओं का निर्माण कर रहे हैं ।
परंतु युवराज के हुनर को पहचान पिछले 2 वर्षों पहले मिली थी जिस वक्त युवराज ने इलेक्ट्रॉनिक विंटेज कार को तैयार किया था इस दौरान युवराज ने स्टील की पूरी बॉडी खुद ही डिजाइन की थी अन्यथा अपने पिता की पुरानी बाइक के इंजन का इस्तेमाल करके एक इलेक्ट्रॉनिक विंटेज कार को तैयार किया ।
युवराज बताते हैं कि उन्होंने इस विंटेज कार को किसी भी दूसरी कार से प्रेरणा लेकर नहीं बनाया है अर्थात उन्होंने इस कार को अपना मनचाहा लुक दिया ।
युवराज की 3 महीने की मेहनत के बाद जब यह विंटेज कार बनकर तैयार हुई तब लोगों ने इसे कहा कि यह तो बिल्कुल होममेड विंटेज कार की तरह दिख रही है इस दौरान लोगों ने इस कार्य को युवराज 3.0 का नाम दिया ।
गांव के MLA द्वारा हासिल हुआ पहला ऑर्डर
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि युवराज द्वारा तैयार की गई इलेक्ट्रॉनिक विंटेज कार देखने में इतनी आकर्षित है कि रास्ते में चलने वाला हर व्यक्ति एक बार इस कार को मोड़कर अवश्य देखता है।
युवराज बताते हैं कि मैंने कार को तैयार करने के बाद धीरे-धीरे खाली रास्ते पर इससे चलाना शुरु किया इसके बाद गांव के लोगों ने इसे इतना अधिक पसंद किया कि कई लोग इसके फोटो खिंचवाना चाहते हैं, अन्यथा युवराज अपनी इस अविष्कार के चलते पूरे गांव में मशहूर हो गए ।
अर्थात युवराज को अपनी पहली विंटेज कार का आर्डर गांव के MLA से मिला था, अन्यथा युवराज ने अपने पहले आर्डर को 3 लाख रुपए मैं बेचा था , फिलहाल युवराज के पास मध्य प्रदेश को हाथ सहित कई राज्यों से कई आर्डर आ रहे हैं , अर्थात युवराज के माता-पिता युवराज की कामयाबी से काफी अधिक खुश हैं।
लेखिका : अमरजीत कौर
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