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zerodha co founder Nikhil Kamath ki kahani

मात्र 8000 की नौकरी करने वाले शख्स को एक आइडिया ने बनाया अरबपति

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आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने वाले हैं जिसमें एक शख्स जो मौत 8000 की नौकरी करता है उसे एक आईडीए ने अरबों की सीढ़ी पर चढ़ा दिया , आइए जानते हैं इस शख्स की पूरी कहानी ।

हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं उसका नाम निखिल कामथ ( Nikhil Kamath ) है , कामथ बताते हैं कि एक दिन उनके पिता ने अपनी कुछ सेविंग उन्हें दी और उन्हें मैनेज करने के लिए कहा ।

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इस दौरान कामथ कहते हैं कि उनके पिता उन पर आंख मूंदकर विश्वास करते थे , इसलिए पिता ने कामथ को अपनी सेविंग देकर उन्हें मैनेज करने के लिए कहा, कामथ इस सेविंग को लेकर  शेयर मार्केट में उतरे थे।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अत्यधिक शेयर मार्केट से ताल्लुक रखने वाले लोग निखिल कामथ और जीरोधा ( Zerodha )  दोनों से अवगत होंगे , आजकल निखिल कामथ का नाम उन लोगों में गिना जाता है जो वाकई में अपनी सफलता से नाम कमा रहे हैं ।

वही निखिल कामथ की कंपनी जीरोधा अभी के समय में सबसे अधिक ग्रोथ एवं स्टॉक ब्रेकिंग कंपनी बन गई है । वहीं अगर हम निखिल कामथ की सफलता की बात करें अर्थात उनके अरबपति बनने की बात करें तो आपको इनकी कहानी सुनकर काफी अधिक हैरानी हो सकती है ।

कॉल सेंटर में करते थे कार्य

जिरोधा कंपनी के को-फाउंडर निखिल कमात ने हाल ही में Humans of Bombay को दिए गए एक इंटरव्यू में अपनी कहानी बताई है , निखिल बताते हैं कि उन्होंने महज 17 वर्ष की उम्र में अपनी पहली नौकरी कॉल सेंटर में की थी जहां पर उनकी आय मात्र 8000 रुपए थी ।

आज निखिल अरबों करोड़ों की कमाई कर रहे हैं , अर्थात इस सफर की शुरूआत उन्होंने स्टॉक मार्केट मैं ट्रेडिंग से शुरुआत की थी ।

निखिल बताते हैं कि जब उन्होंने स्टॉक मार्केटिंग में ट्रेडिंग की शुरुआत की थी तब वह इसे गंभीरता से नहीं लेते थे परंतु शुरुआती कुछ समय के बाद ही उन्हें मार्केट के वैल्यू का पता चल गया था ‌, और इसके बाद वह गंभीर होकर अपना समय स्टॉक मार्केट को देने लगे अर्थात इसके बल पर ही आज उनका नाम  अरबपतियों की लिस्ट में शुमार किया गया है ।

पिता के भरोसे से हुई थी इस कार्य की शुरुआत

निखिल बताते हैं कि एक समय था जब उनके पिता ने आंख मूंदकर भरोसा करके उन्हें कुछ सेविंग दी थी जिसके द्वारा वह मार्केट में उतरे थे और इन सेविंग को मैनेज करने के बाद उन्हें काफी अधिक फायदा हुआ ।

इसके बाद पिता ने उन्हें अन्य लोगों से पैसे दिलवाए और उनके पैसे को भी मैनेज करने के लिए कहा और इस दौरान ही धीरे धीरे निखिल की पकड़ मार्केट में बनती गई ।

वर्ष 2010 में हुई थी जीरोधा की शुरुआत

निखिल बताते हैं कि एक समय ऐसा आया था जब वह नौकरी पर जाना छोड़ चुके थे , वह बताते हैं कि 1 दिन ऐसा आया जब मैनेजर को काफी अधिक फायदा हुआ था इस दौरान उसने अन्य लोगों को बताया उसके बाद सारी डिपार्टमेंट का पैसा मैंने मैनेज करना शुरू कर दिया था।

कुछ समय बाद मैंने नौकरी छोड़ दी थी । इसके बाद मैंने निथिन कामथ ( Nithin Kamath ) के साथ मिलकर  2010 में Zerodha  की शुरुआत की थी ।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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