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Future Farms Success Story : बिना मिट्टी के, Technology की मदद से कर रहे खेती, 2 करोड़ से अधिक का है टर्नओवर

टेक्नोलॉजी की मदद से खेती
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क्या बिना खाद और मिटटी के  पौधे उगाए जाना संभव है ? शायद आपका जवाब होगा नहीं ! लेकिन आज ऐसी Technology developed हो गई है जहां पर बिना खाद और मिट्टी के पेड़ पौधे उगाए जा सकते हैं और इस तरीके से खेती की जा सकती है। इस तकनीक को Hydroponics के नाम से जानते हैं।

चेन्नई के रहने वाले श्री रामगोपाल हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती कर रहे हैं और उनका सालाना का टर्नओवर 2 करोड़ से भी अधिक का है। श्री राम गोपाल का कहना है कि कृषि में कोई पढ़ाई ज्यादा मायने नहीं रखती है और मौजूदा वक्त में देश के सामने जो समस्याएं हैं उनके समाधान में modern technology का महत्वपूर्ण योगदान संभव है और अगर तकनीक की सहायता से खेती की जाए तब कई सारी समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।

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चेन्नई के रहने वाले श्री राम Electrical and Electronics में इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद काली डोनियन बिजनेस स्कूल यूनाइटेड किंगडम से मार्केटिंग में मास्टर्स किए है । श्री राम के पिता गोपालकृष्णन की एक फोटो प्रोसेसिंग और पेंटिंग की मशीन थी लेकिन स्वास्थ्य कारणों और बिजनेस कम चलने की वजह से उन्होंने 2007 में उसे बंद कर दिया था।

श्री राम को कॉलेज के दिनों से ही High end cameras का बेहद शौक हुआ करता था। इसलिए पढ़ाई के बाद वह हाई एंड कैमरा रिपेयर की शॉप खोली। इसके अलावा वो 7 साल पहले तक वह एक आईटी कंपनी में काम करते थे, अच्छी सैलरी भी मिलती थी। लेकिन एक दिन उनके एक दोस्त ने उन्हें हाइड्रोपोनिक्स से जुड़ा एक video, youtube पर उन्हें दिखाया, जिससे भी बेहद प्रेरित हुए और कुछ करने की सोचे।

श्रीराम का मानना है कि भारत कृषि प्रधान देश है लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में कृषि के क्षेत्र में तकनीक का सहारा लेना जरूरी है। बढ़ती आबादी और शहरों के विकास के चलते खेती करने के लिए भूमि कम होती जा रही है।

सिंचाई की सुविधा भी पानी के अभाव से पूरी नहीं हो पाती है। श्री राम का कहना है कि कृषि में भी अब इन नई टेक्नोलॉजी का सहारा लेना चाहिए। श्री राम ने अपने पिता की बंद फैक्ट्री के रूफटॉप पर वीकेंड पर बिना मिट्टी के पौधे उगाने की तकनीक का परीक्षण करना शुरू किया, जिसमें उनके पिता ने भी उनका सहयोग किया।

उन्होंने देखा कि इससे उनके पिता की सेहत में भी काफी सुधार आने लगा था और उसके बाद उन्होंने इस दिशा में कुछ बड़ा करने का फैसला लिया और हाइड्रोपोनिक के क्षेत्र में काम करने वाली Foreign companies से बात करके उनके उनसे टेक्नोलॉजी का ज्ञान हासिल किया और उनकी कंपनियों को भारत में Representative करने और उसमें निवेश करने की बात कही।

श्रीराम हाइड्रोपोनिक्स के बारे में बताते हैं कि इस तकनीक की मदद से फ्लैट या घर में भी बिना मिट्टी के पेड़ पौधे और सब्जियां उगाई जा सकती हैं। इसमें पानी में लकड़ी का बुरादा, बालू या कंकड़ को डाला जाता है और पौधों को पोषण देने के लिए एक खास तरीके का घोल इसमें डाला जाता है।

पौधों को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए पतली नली या फिर पंपिंग मशीन का भी इस्तेमाल होता है। श्री राम का कहना है कि इस तकनीक की मदद से फसलों को उगाने में करीब 90% तक पानी की बचत होती है तथा इसमें किसी भी प्रकार का कीटनाशक उपयोग में नहीं लाया जाता है और उत्पादन भी सामान्य खेती की तुलना में ज्यादा होता है।

 एक शोध के मुताबिक ग्लोबल हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का बिजनेस 2016 में 6934.6 मिलियन डॉलर का था और साल 2025 तक इसके 12,106.5 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

 

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