जैसे की हम सभी जानते हैं कि भारत में हर साल सिविल सेवा की यूपीएससी परीक्षा का आयोजन किया जाता है और यह परीक्षा देश की कठिन परीक्षाओं में से एक है , इस परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में हिस्सा तो लेते ही हैं साथ ही साथ इस परीक्षा में सफलता हासिल करने का पूर्ण प्रयास करते हैं।
इस परीक्षा में अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल करने वाले कुछ निपुण एवं उत्कृष्ट अभ्यार्थी देश के कई युवाओं के लिए उनकी प्रेरणा बन जाते हैं।
इस परीक्षा में अभ्यार्थी हिस्सा तो लेते हैं और मेहनत से इस परीक्षा में सफलता हासिल करने का प्रयास करते हैं अर्थात सभी अभ्यर्थी कई समय पहले से कोचिंग सेल्फ स्टडी और इंटरनेट का सहारा लेकर खुद के मनोबल को मजबूत करते हैं और इस परीक्षा में सफलता हासिल करने का पूर्ण रूप से प्रयास करते हैं ।
इस परीक्षा में हिस्सा लेने वाले कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में ही इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करके देश के कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में उभर कर आते हैं साथ ही साथ कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में असफलता हासिल करने के बाद सफलता हासिल करने की उम्मीद छोड़ देते हैं ।
इसके ठीक विपरीत कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो लगातार और सफलताओं के बाद भी सफलता हासिल करने का प्रयत्न अवश्य करते हैं , और अपने सपने को हासिल कर ही लेते हैं ।
आज हम आपको एक ऐसे ही अभ्यार्थी के बारे में बताने वाले हैं , आज हम बात करने वाले हैं सोहन लाल सियाग के बारे में , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि सोहनलाल ने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करके ऑल ओवर इंडिया में 681 वीं रैंक हासिल की है ।
सोहन लाल की कहानी उन अभ्यर्थियों के लिए मिसाल है जो असफलताओं के बाद हार मान लेते हैं परंतु सोहन लाल ने अपने असफलताओं से सीख कर तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की है ।
सोहनलाल मूल रूप से जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र रामपुर भाटियान गांव के रहने वाले हैं, सोहन लाल के पिता एक किसान हैं और माता-पिता दोनों ही अंगूठा छाप है परंतु फिर भी सोहन लाल ने अपनी मेहनत के बल पर यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करके ना केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि सोहन लाल ने अपनी शुरुआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से ही पूरी की है परंतु यूपीएससी परीक्षा में चयनित होने के लिए इन्होंने दिन-रात एक करके मेहनत की है ।
पिता ने जमीन गिरवी रखकर बच्चों को पढ़ाया
सोहनलाल के पिता गोरधन राम सियाग कहते हैं कि बच्चों को अच्छी शिक्षा गुरु से मिली अर्थात गुरु की ही दिशा निर्देशों के अनुसार उन्होंने अपने बच्चे को प्राइवेट कोचिंग में पढ़ने के लिए भेजा था इसके लिए उन्हें घर की जमीन भी गिरवी रखनी पड़ी जबकि अभी तक उसका ऋण चुकाना बाकी है ।
तीन बार असफलता के बाद भी नहीं मानी हार
सोहनलाल जब तीन बार यूपीएससी परीक्षा में फेल हो गए तो उनके मन में दूसरी जॉब करने का ख्याल आया परंतु उन्होंने सोचा क्यों ना अपने आपको एक बार अंतिम मौका देकर देख लिया जाए इस दौरान उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से एक बार यूपीएससी परीक्षा की फिर से तैयारी की और इस बार अपने चौथे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 681 वीं रैंक हासिल करके ना केवल अपने परिवार का बल्कि गांव का नाम रोशन कर के अपने सपने को पूरा किया है ।