आज हम बात करने वाले हैं भोपाल के यश सिंह के बारे में, जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि यश सिंह लगभग 3 सालों से एक आर्ट स्टूडियो को चला रहे हैं वह अपने स्टूडियो में पेंटिंग, स्केचिंग और पोर्ट्रेट बनाते हैं ।
यश सिंह बताते हैं कि वह करोना महामारी से पहले भोपाल में अपने 2 आउटलेट चलाते थे परंतु महामारी के दौरान लॉकडाउन के की परिस्थितियों के कारण उन्हें अपने दोनों आउटलेट को बंद करना पड़ा परंतु अब परिस्थितियों के सुधार होने के बाद उन्होंने 3 महीने पहले ही एक नए आउटलेट की शुरुआत की है , जिससे यश नाम तो कमा ही रहे हैं इसके साथ ही साथ उनकी कमाई भी काफी अच्छी हो रही है।
यश सिंह आज अपने आर्ट के जरिए 50 से 60 हजार आसानी से कमा ले रहे हैं, परंतु उनके लिए इस प्रोफेशन को चुनना इतना भी आसान नहीं था , उन्होंने अपनी 23 साल की जिंदगी में बचपन से लेकर आज तक कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है ।
बचपन में पापा ने मां को दिया डिवोर्स
यश सिंह बताते हैं कि जब वह 12 से 13 वर्ष के थे उस वक्त ही उनके पिता ने उनकी मां को डिवोर्स दे दिया था और इस समय घर पर कमाने वाला कोई भी नहीं था और वे कुल तीन लोग थे इस दौरान परिवार को संभालने के लिए यश अपने मामा के साथ काम पर जाते थे परंतु वह कुछ समय बाद वहां से निकल गया क्योंकि उनकी और उनके मामा के बीच में कुछ अच्छी पकड़ नहीं बन रही थी।
बचपन से ही था पेंटिंग का शौक
यश सिंह बताते हैं कि उन्हें पेंटिंग का बचपन से ही शौक था और उन्होंने पेंटिंग अपने पिता से सीखी थी क्योंकि उनके पिता पेंटिंग को बनाने का कार्य करते थे, इस दौरान यश ने भी अपने स्कूल में पेंटिंग बनाकर कई कंपटीशन भी जीते थे, यश बताते हैं कि उन्होंने पेंटिंग का कोई भी फाइन आर्ट कोर्स नहीं किया क्योंकि पैसों की काफी कमी थी ।
डिलीवरी ब्वॉय का करते थे काम
यश सिंह कहते हैं कि मामा के साथ अच्छी पकड़ ना बनने के कारण मुझे वहां से निकलकर भोपाल के एक ग्रोसरी कंपनी के डिलीवरी ब्वॉय के रूप में काम करना पड़ गया था इस दौरान मुझे काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि हमारे समाज के लोग डिलीवरी ब्वॉय को काफी घृणा भरी नजरों से देखते हैं इसलिए उन्होंने कुछ समय बाद डिलीवरी ब्वॉय का काम छोड़ दिया था ।
पेंटिंग में शुरू किया एक नया करियर
यश सिंह कहते हैं कि जब परिवार की आर्थिक स्थितियों को संभालने के लिए किसी भी प्रकार का जरिया नजर नहीं आ रहा उस वक्त में कुछ समय के लिए डिप्रेशन में चला गया था और खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था परंतु कुछ समय बाद ही मैंने पेंटिंग बनाना शुरू किया इससे मेरा दिमाग शांत होने लगा फिर मैंने पेंटिंग को ही अपनी कमाई का जरिया बना लिया और इससे अपना प्रोफेशन बना लिया ।
यश को प्राप्त हुए हैं कई सम्मान
यश सिंह बताते हैं कि उनके आउटलेट में दूर दराज से लोग पेंटिंग और पोट्रेट बनवाने के लिए आते हैं वह कहते हैं कि राज्य सरकार की ओर से मुझे कई मौकों पर सम्मानित भी किया जा चुका है अर्थात सोशल मीडिया पर प्रतिदिन मेरे कंटेंट की काफी अधिक मांग रहती है ।
प्रोफेशनल पेंटर बनने के लिए सलाह
यश सिंह कहते हैं कि लोगों को लगता है कि यह केवल पेंसिल और कलर का खेल है परंतु अगर कोई युवा इस विषय में अपना करियर बनाना चाहता है तो उसे सबसे पहले फाइन आर्ट में डिप्लोमा करना चाहिए , इसके साथ ही साथ अपने करियर को लेकर पूरा स्कोप को तैयार करके रखना चाहिए अर्थात कमाई के साथ-साथ नाम भी प्राप्त होगा ।
यश सिंह बचपन से ही कई परिस्थितियों से उतार चढ़ाव करके आगे बढ़े हैं परंतु कभी भी हार नहीं मानी और आज अपनी पेंटिंग की खूबी के बल पर नाम तो कमा ही रहे हैं और अच्छी कमाई करके अपने परिवार की आर्थिक स्थितियों को भी सुधार रहे हैं।
लेखिका : अमरजीत कौर
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