स्मृति शेष : स्व: महेंद्र जी गेलड़ा ( बोरावड़ )

धर्मपरायण स्व: महेंद्र जी गेलड़ा ( बोरावड़) काकासा के चरणों में प्रदीप छाजेड़ का भावों से शत- शत वन्दन ! …

भगवन! वो बचपन फिर से लौटा दो ना

भावनाओं का पुतला है आदमी। मुख्यतः भावना ही है जीवनचर्या का अमिय आधार। सारी प्रवृत्तियाँ, क्रियाएँ, प्रतिक्रियाएँ चलती हैं भावनाओं …