उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में पलायन एक महत्वपूर्ण समस्या बन गया है परंतु अब इस समस्या का हल निकालने का बीड़ा बागेश्वर जिले के रहने वाले चंद्र शेखर पांडे ने उठाया है इस दौरान वह जैविक खेती के सहारे लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं ।
चंद्रशेखर पांडे तैयार करते हैं जड़ी बूटी
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि चंद्रशेखर जैविक खेती करके जड़ी बूटियां तैयार करते हैं अर्थात इस कार्य में वह अकेले नहीं है उनके साथ 12 लोगों का परिवार जुड़ा हुआ है , चंद्रशेखर जड़ी बूटियां तैयार करके लोगों को बीमारियों से मुक्त शरीर और स्वस्थ जीवन देना चाहते हैं ।
बागेश्वर जिले की पलायन की समस्या में आई है कमी
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि बागेश्वर के रहने वाले चंद्रशेखर पांडे ने चार-पांच साल पहले जड़ी बूटी वाली जैविक खेती की शुरुआत की थी और इस दौरान उन्होंने गांव के लोगों को कई प्रकार के रोजगार मुहैया कराए थे जिससे आज के समय में बागेश्वर गांव की सबसे बड़ी समस्या पलायन की समस्या कम हो गई है।
22 वर्षों तक मुंबई में की थी नौकरी
जैसे कि हमने आपको पहले भी बताया कि चंद्रशेखर पांडे उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के रहने वाले हैं अर्थात इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करने के लिए मुंबई शहर की ओर रवाना हो गए थे परंतु यहां पर नौकरी करने के बाद उन्हें वह सुकून हासिल नहीं हुआ जो वह अपने गांव में महसूस करते थे ।
इस वजह से छोड़ा मुंबई शहर
चंद्रशेखर बताते हैं कि वह आए थे उत्तराखंड से लोगों के पलायन की खबर सुनते थे , और उस वक्त उन्हें ऐसा महसूस होता था कि वह अपने प्रदेश के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं उन्हें मुंबई जैसे शहर को छोड़ने पर मजबूर कर दिया था और आज अपने जिले में लोगों को रोजगार मुहैया करके पलायन की समस्या को कम करने में समर्थ हो पा रहे हैं ।
यह है लक्ष्य
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि चंद्रशेखर मुंबई शहर छोड़ने के बाद आकर अपने गांव में अपने परिवार के साथ बस गया अर्थात इन के 12 सदस्यों का परिवार अब मिल जुलकर जड़ी बूटियों की जैविक खेती करता है ।
चंद्रशेखर जड़ी बूटियों की जैविक खेती करके यहां के लोगों को रोजगार की प्राप्ति करा रहे हैं अर्थात अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने का प्रयास कर रहे हैं ताकि बागेश्वर जिले साथ ही साथ आसपास के अन्य जिलों के लोग पलायन ना करें अर्थात उत्तराखंड में पलायन की समस्या कम हो जाए।
आज चंद्रशेखर पांडे गांव में अपने परिवार के साथ मिलकर जड़ी बूटियों की जैविक खेती करते हैं अर्थात उत्तराखंड के बागेश्वर जिले समेत आसपास के कई जिलों के लोगों को रोजगार मुहैया कराकर उत्तराखंड में पलायन की संख्या को काफी कम करने में सक्षम हो पाए हैं ।