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Dhiraj Kumar UPSC Success story in Hindi

लाखों की नौकरी का ऑफर छोड़ पहले ही प्रयास में इस तरह धीरज कुमार ने पास की यूपीएससी परीक्षा

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Dhiraj Kumar UPSC Success story in Hindi :-

कभी कभी किसी इंसान की जिंदगी में कुछ ऐसी घटना घटित हो जाती है उसे उसके मंजिल और रास्ते दोनों की अचानक से बदल जाते हैं। यह बात धीरज कुमार सिंह पर बिल्कुल फिट बैठती है।

किसी को नहीं पता था कि एक डॉक्टर जो 5 लाख की सैलरी की नौकरी पाया था, वह नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने में जुट जाएगा।

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धीरज को यूपीएससी की सिर्फ तैयारी नहीं करनी थी, बल्कि उसके अंदर एक जुनून था। उनके जुनून की वजह से ही उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा को पास कर लिया।

ऐसे शुरू हुआ संघर्ष :-

आईएएस धीरज कुमार यूपी के गोरखपुर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि उनका सपना डॉक्टर के क्षेत्र में कैरियर बनाने का था। जब वह डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे थे तब उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह कभी आईएएस बनेंगे।

धीरज के पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे। वह नौकरी के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर ही ज्यादातर समय रहते थे। धीरज ने 12 वीं की पढ़ाई हिंदी मीडियम से की है। 12वीं की पढ़ाई करने के बाद धीरज बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई करते हैं।

इस घटना ने बदल दी जिंदगी :-

धीरज डॉक्टरी की पढ़ाई करते रहते हैं तभी उनके मां की तबीयत अचानक से काफी खराब रहने लगती है। धीरज के पिता नौकरी के सिलसिले में अक्सर ही घर से बाहर रहते थे। ऐसे में धीरज कई बार अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़कर मां की देखभाल के लिए घर आ जाते थे।

एक दिन धीरज ने सोचा कि अगर उनके पिता का पास में ट्रांसफर हो जाए तो वह पढ़ाई और मां की देखभाल दोनों कर सकेंगे। इसी सिलसिले में धीरज एक दिन एक पुलिस अधिकारी से मिलने के लिए जाते हैं।

उन्होंने पुलिस अधिकारी से आग्रह किया कि उनके पिता का ट्रांसफर घर के पास कर दिया जाए। धीरज ने पुलिस अधिकारी को कारण बताया।

लेकिन बात नहीं बन पाई। नतीजा यह हुआ कि धीरज के मन में यूपीएससी की तैयारी करने और आईएएस बनने का विचार आया। वह उस समय मन ही मन यूपीएससी की तैयारी का फैसला कर लेते हैं। लेकिन अपने घर वालों को कुछ भी नहीं बताते।

घरवालों ने किया विरोध :-

धीरज अब डॉक्टर की पढ़ाई खत्म कर लेते हैं।  तुरंत नौकरी भी लग जाती है। उन्हें 5 लाख मासिक तनख्वाह की नौकरी मिली थी।

जब उन्होंने घर वालों को बताएं कि वह नौकरी के बजाय यूपीएससी की तैयारी करने की सोच में है तो धीरज के इस फैसले का घर वालों ने विरोध किया।

कहा गया कि इतनी अच्छी नौकरी और अच्छी सैलरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करना बेवकूफी है। दोस्तों ने भी धीरज को समझाया लेकिन धीरज अपना फैसला कर चुके थे। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और नौकरी को छोड़ दिया।

डॉक्टर से बन गए आईएएस :-

धीरज पढ़ने में काफी होशियार थे, उनके मन में एक जुनून था जिसकी वजह से उन्हें लगातार मेहनत करने का हौसला मिला। जब वह पहली बार यूपीएससी परीक्षा देने बैठे थे तो किसी ने ने भी यह नहीं सोचा था कि यह डॉक्टर इतिहास रचने वाला है।

धीरज की परीक्षा अच्छी गई। जब रिजल्ट आया तो धीरज को ऑल इंडिया 64 रैंक मिली थी। धीरज अब एक डॉक्टर से एक आईएएस अधिकारी बनने वाले थे। जो घरवाले शुरू में धीरज के फैसले के खिलाफ थे, वह धीरज के रिजल्ट को देखकर बेहद खुश थे और उनकी सराहना कर रहे थे।

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