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रिस्तेदार से 10 हजार रुपये उधार लेकर शुरू किया था बिजनेस आज 395 करोड़ रुपये का है टर्नओवर

कमल खुशलानी
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मुफ्ती भारत का सबसे चर्चित कपड़ा ब्रांड है। इसकी स्थापना करने वाले कमल की कहानी बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक है। उन्होंने इसकी शुरुआत अपने एक रिश्तेदार से ₹10,000 उधार लेकर की थी और आज वह करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं।

आइए जानते हैं कमल के इस दिलचस्प यात्रा के बारे में:

बात 1992 की है। उस समय भारतीय फैशन ट्रेंड में बदलाव देखा जा रहा था। तो कमल खुशलानी ने उस समय देश के फैशन ट्रेंड की पहचान करी कि मेंस वियर किस तरह से विकसित हो रहे हैं। इसके बारे में पड़ताल की और उन्हें इसमें बिजनेस का आईडिया नज़र आया।

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कमल खुशलानी इस बारे में बताते हैं कि जींस में तरह-तरह के स्टाइल थे कट से लेकर बेलबाटम तक। हालांकि हर ब्रांड लगभग सेम क्वालिटी लेवल पर एक समान पैटर्न नहीं दे रहे थे और वह एक ऐसा पैटर्न लेकर आना चाहते थे जो भारतीय पुरुषों के लिए प्रोग्रेसिव फैशन हो जाए।

दरअसल कमल की हमेशा से फैशन रिटेल कारोबार में दिलचस्पी रही थी। वह एक मध्यम वर्ग की पृष्ठभूमि से संबंधित थे,लेकिन वह इसमें खुद को बढ़ना चाहते थे। उन्होंने मात्र 19 साल की उम्र में ही अपने पिता को भी खो दिया था।

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उनके पास अपने विजन को पूरा करने के लिए पैसा नहीं था। यहां तक कि वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वीडियो कैसेट कंपनियों के साथ भी काम करने लग गए थे।

जब वह अपने सपने का निर्माण करना शुरू किए थे उस वक्त उनके पास पैसे नहीं थे। तब उन्होंने अपनी मामी से ₹10,000 उधार लिया और अपने उद्यमशीलता की यात्रा को शुरू कर दी।

1992 में उन्होंने Mr & Mr शर्ट शर्ट की कंपनी की स्थापना की जो कि पुरुषों के लिए मैन्युफैक्चरिंग शर्ट बनाया करती थी। कारोबार ठीक चल रहा था लेकिन इस दौरान कमल ने महसूस किया कि वह अपने बिजनेस को चलाने के लिए उसका उपयोग अपने सर्वोत्तम रूप में नहीं कर पा रहे हैं।

उन्हें लगा कि इसमें अभी काफी कुछ करने के लिए खाली जगह है। इसके लिए वह खुद फैशन डिजाइनिंग का काम सीख लिया और कमल का भारत की संस्कृत और फैशन की एक लहर बनाने के लिए वह दृढ़ संकल्प थे, जिसे आज दुनिया भर में अपना लिया गया है।

अपने संकल्प के बदौलत ही उन्होंने 1998 में अपना ब्रांड मुफ्ती लांच कर दिया। दरअसल मुफ्ती एक हिंदी शब्द है। जिसको भारत के सशस्त्र बलों से लिया गया है। जिसका अर्थ होता है कैजुअल ड्रेसेस यानी कि यह एक यूनिफार्म के विपरीत होता है।

कमल कहते हैं उन्होंने यह नाम इसलिए चुना क्योंकि उस समय कंपनी द्वारा बेचे जाने वाले एक अन्य ब्रांड के कपड़े की अपेक्षा सबसे अलग कपड़े बेच रही थी और वह अपने ब्रांड को एक अल्टरनेटिव के रूप में खड़ा करना चाहते थे।

कमल ने मुफ्ती की शुरुआत अकेले ही की थी। वह अपनी बाइक पर कई किलो कपड़े ले जाते थे और वर्कशॉप पर छोड़ आते थे। फिर सेल के लिए तैयार प्रोडक्ट लेकर वापस आते थे।

कई साल तक उन्होंने ऐसा किया और अपने व्यवसाय में पैसे कमाए और उससे जो भी कमाई हुई उसका इसी में फिर से इस्तेमाल करते रहे थे। वह बताते हैं मेरे पास इसके लिए कोई ऑफिस नहीं था न ही कर्मचारी था।

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वह खुद ही अपने व्यवसाय का चपरासी, मालिक थे। उनकी गोदाम उनके खाने की मेज के नीचे थी। वह वर्क शॉप से शर्ट कलेक्ट करते थे और लगभग 60 पीस एक बार में उठा लेते थे। उस समय उनके पास एक बड़ा सा सूटकेस था जिसमें उन्होंने मोची से स्टेप भी लगा रखी थी।

वह कहते हैं वह कई बार ट्रैफिक में फस गए थे और उनका सूटकेस इतना भारी था कि उनकी बाइक के लिये पर्याप्त खाली जगह जब रक न होती वह निकल नही पाती थी।

इसलिए उन्हें इंतजार करना पड़ता था और आसपास से गुजरने वाले लोग उन्हें देखकर हंसते थे। फिर साल 2000 में मुफ्ती ने काफी तरक्की कर ली और विशेष ब्रांड के आउटलेट, बड़े और मल्टीब्रांड आउटलेट और फिर उससे भी बड़े स्टोर तक में अपना विस्तार कर दिया।

वह कहते हैं कि उनके विस्तार का कारण उनके ग्राहकों का प्यार और उनकी स्वीकार्यता रही है। वह कहते हैं उनके ग्राहक उनसे बहुत प्यार करते हैं और नए स्टाइल से प्यार करते हैं क्योंकि उन्हें फिट और आरामदायक चीजें मिल रही थी।

पुराने ब्रांड फैशन के पुराने पैटर्न जारी थे साथ ही नए स्टाइल भी पेश थी और इस तरह से उन्होंने भारतीय ब्रांडो में अपनी अलग ही एक पहचान बना ली।

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कमल कहते हैं कि मुफ्ती ब्रांड पुरुषों के लिए स्ट्रेच जींस पेश करने वाला पहला ब्रांड था। वह डेनिम पर एक रिजेक्ट फैब्रिक है और महिलाओं की जींस में स्ट्रेचेबल फैब्रिक का इस्तेमाल किया गया था और इसे ही उन्होंने पुरुषों की कैटेगरी में पेश किया और बाजार में इसकी मांग बढ़ गई।

आज उनकी कंपनी में 600 से अधिक कर्मचारी हैं और प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से 2000 से भी अधिक लोगों को इससे रोजगार मिला है। आज वह जींस, ट्राउजर, शर्ट, सिलेबिक जैकेट, टी-शर्ट और हर मौसम के 500 से भी अधिक प्रोडक्ट की रेंज बना रहे हैं।

आज मुफ्ती को फैशन रिटेल सेक्टर में 20 साल से भी अधिक समय गुजर चुका है। इस दौरान उनकी कंपनी ने कई चुनौतियों का सामना किया।

आज उनकी खुद की वेबसाइट होने के साथ उनका ब्रांड के लगभग सभी e-commerce पोर्टल पर मौजूद है। उन्होंने साल 2017 में फुटवियर बाजार में भी एंट्री कर ली और 100 स्टोर में पुरुषों के लिए जूते भी लॉन्च कियर आज मुफ़्ती का कारोबार करीब 395 करोड़ का है।

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