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श्रीनाथ की कुली से IAS बनने की कहानी

केरल स्टेशन पर कुली का काम और सफाई करने वाले श्रीनाथ बने I A S ऑफिसर, स्टेशन के वाईफाई से करते थे पढ़ाई

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दुनिया में मौजूद हर एक व्यक्ति के पास किसी ना किसी चीज की कमी अवश्य होती है। अधिकतर व्यक्ति इसे अपने ना कामयाब होने की वजह बताते हैं।

आजकल तो सभी लोग यह मानते हैं कि अगर उनके पास सभी प्रकार की सुख सुविधा होती तो वह भी एक सक्षम इंसान होते।

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परंतु इसकी विपरीत स्थिति को झेलते हुए कई लोग इसके बारे में कुछ भी सोच विचार ना करके आगे बढ़ने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

इस प्रकार के लोग अपने जीवन में दुख दर्द को साथ में लिए हुए बिना निराश हुए हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा रखते हैं। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो दुख तकलीफो को नजर अंदाज करते हुए सफल होने की प्रेरणा नहीं रखते परंतु जीवन में एक अच्छे व्यक्ति जरूर बनते हैं ।

आज हम आपको इसी बात की प्रेरणा देते हुए रियल लाइफ हीरो श्रीनाथ जो पेशे से एक कुली रह चुके हैं उनकी कहानी बताने वाले हैं।

श्रीनाथ की कुली से IAS बनने की कहानी

हमारे भारत देश में यूपीएससी की परीक्षा एक ऐसी परीक्षा है जो काफी कठिन होती है और इसके लिए काफी परिश्रम भी करना पड़ता इसके साथ ही साथ हमारे भारत देश में यूपीएससी की परीक्षा को काफी महत्व भी दिया जाता है।

कई लोग यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए कठिन परिश्रम तो करते ही हैं और इसके साथ साथ में कोचिंग का भी सहारा लेते हैं।

परंतु कई बार लोग कठिन परिश्रम और कोचिंग के सहारे लेने के बावजूद यूपीएससी की परीक्षा को पास नहीं कर पाते। और दूसरी तरफ हम बात करने जा रहे हैं केरल के रेलवे स्टेशन में काम करने वाले सफाई कर्मचारी एवं कुली श्रीनाथ की, श्रीनाथ ने बिना किसी कोचिंग यूपीएससी की परीक्षा को पास किया है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि श्रीनाथ जब यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे तो वे अपनी आमदनी का खर्चा निकालने के लिए स्टेशन में कुली का काम कर रहे थे।

श्रीनाथ अपने परिवार में कमाने वाले अकेले थे और अपने परिवार की जिम्मेदारी को उठाने के लिए वह कुली का काम करते थे क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक व्यवस्था ठीक नहीं थी।

परंतु 2018 में उन्होंने निश्चय किया कि वह बहुत अधिक परिश्रम करके किसी बड़े पद पर कार्यरत होंगे, जिससे उनकी आमदनी अधिक हो जाए। और वह अपनी छोटी बेटी को अच्छे से पढ़ा लिखा पाए और उन्हें अच्छी जिंदगी दे पाए और उसका भविष्य उज्जवल कर सकें।

इस कारणवश उन्होंने सिविल परीक्षा देने का निश्चय किया परंतु उनकी गरीबी और आर्थिक दशा उनके लिए कई समस्या लेकर आ रही थी।

आम तौर पर अगर हम किसी भी व्यक्ति को सिविल परीक्षा की तैयारी करते हुए देखते हैं तो उनके पास किताबों का ढेर मौजूद होता है और इसके साथ ही साथ सभी छात्र सिविल परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोचिंग का सहारा अवश्य लेते हैं।

परंतु श्रीनाथ ने यह दिखाया कि सरकार के डिजिटल इंडिया के तहत लगाया गया वाई-फाई का सही उपयोग सिविल परीक्षा  में पढ़ाई के लिए किया।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि श्रीनाथ दसवीं पास थे और कुली का कार्य करते थे और इस दौरान वे स्टेशन पर लगे वाईफाई का उपयोग सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए करते थे।

इस दौरान वे मोबाइल फोन पर पढ़ने की सामग्री को पढ़ते थे और कई शिक्षक के लेक्चरओं को सुनते थे, इस दौरान वे अपनी शंकाओं को शिक्षकों  से बातचीत करके दूर भी कर लेते थे। लोगों का सामान इधर-उधर ढोते हुए अपनी पढ़ाई भी जारी रखते।

श्रीनाथ ने बातचीत के दौरान बताया कि वह तीन बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठ चुके हैं। उन्होंने बताया कि मैं स्टेशन पर कुली का कार्य भी करता रहता हूं और अपने एयर फोन को कान में लगाए हुए पाठ्यक्रम की सामग्री को सुनते रहता हूं।

उन्होंने बताया कि स्टेशन पर लगे वाईफाई ने उनकी काफी मदद की क्योंकि वे उसी के सहारे अपनी पढ़ाई करते थे और आज वे उस पढ़ाई के बल पर ही यूपीएससी की परीक्षा को पास कर सके हैं।

श्रीनाथ बताते हैं कि कुली होने के बावजूद भी मैंने अपने परिवार को एक उज्जवल भविष्य देने के लिए कड़ी मेहनत की और मैंने सफलता भी हासिल की, श्रीनाथ बताते हैं कि तीन बार असफल होने के बाद मैंने कभी भी प्रयास करना नहीं छोड़ा, मैं लगातार प्रयास करते रहा और सफलता हासिल की।

श्रीनाथ ने अपनी चौथी कोशिश में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आज वे एक अफसर बन चुके हैं।

श्रीनाथ ने कुली का कार्य करते हुए बिना किसी भी कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा को पास करके आज के युवाओं को एक प्रेरणा की सीख दी है।

श्रीनाथ कहते हैं कि सफलता के रास्ते में कई चीजें परेशानी बनकर आती है, परंतु सफलता वही हासिल करता है जो परेशानियों को पीछे छोड़कर हमेशा ही आगे बढ़ने का हौसला रखता है।

श्रीनाथ बताते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वे कोचिंग की फीस नहीं दे सकते थे और इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई का जरिया स्टेशन के वाईफाई को बनाया और ऑनलाइन ही कई प्रश्नों के उत्तर को याद किया। और स्टेशन की वाईफाई का उपयोग कर श्रीनाथ ने आज यूपीएससी की परीक्षा को पास कर लिया है।

किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए जात पात और आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी मायने नहीं रखती। मायने रखता है तो सफल होने का जज्बा और कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई करना, जरूरी नहीं है कि पढ़ाई किताबों से ही की जाए, आजकल किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए इंटरनेट के द्वारा पढ़ाई की जा सकती है और सफलता भी हासिल की जा सकती।

श्रीनाथ ने आज के सभी युवाओं को यह सीख दी है कि बिना पैसे बिना किताबों के भी पढ़ाई की जा सकती है और परीक्षाओं को पास किया जा सकता है।

श्रीनाथ की यह कहानी सभी युवाओं के लिए प्रेरणा जनक होगी। वे युवा जो आर्थिक व्यवस्था अच्छी ना होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते हैं और कामयाबी नहीं हासिल कर पाते हैं वह श्रीनाथ के इस कार्य से जरूर सीख ले सकते हैं।

लेखिका : अमरजीत कौर

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