ADVERTISEMENT
गौरव राणा ने बचपन में उठाया गोबर अब करोड़ों का बिजनेस करने के साथ लोगो को रोजगार भी दे रहे

गौरव राणा ने बचपन में उठाया गोबर अब करोड़ों का बिजनेस करने के साथ लोगो को रोजगार भी दे रहे

ADVERTISEMENT

जीवन में सफलता हर कोई चाहता है, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो कठिन से कठिन परेशानियों का सामना डटकर करते हैं। आज हम एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जो कठिन वक्त में भी संघर्ष करने की प्रेरणा देती है।

आज की कहानी है गौरव राणा की, जो कि हरियाणा के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी में तमाम कठिनाइयां देखी, लेकिन इसके बावजूद आज वह बिजनेस के क्षेत्र में एक कामयाब इंसान हैं।

ADVERTISEMENT

हरियाणा के एक गांव के रहने वाले गौरव राणा ब्यूटी स्टार्टअप के संस्थापक हैं। इस बिजनेस से उन्हें करोड़ों की कमाई होती है, साथ ही उन्होंने 100 से अधिक लोगों को अपने यहां रोजगार भी दे रखा है। गौरव का सफर चुनौतियों से भरा रहा है। उन्होंने अपने बचपन में काफी संघर्ष किया।

गौरव राणा बताते हैं कि उनके पिता और ताऊ जी नशे की लत में आ गए थे जिसके चलते उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी। कई बार उन्हें जलावन के लिए सड़कों से गोबर उठाने पड़ते थे।

यह भी पढ़ें : बाइक बेच कर मिले पैसे से शुरू किया स्टार्टअप आज है करोड़ों का रिवेन्यू

गौरव के दादा जी घर में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते थे, उस दुकान से होने वाली आमदनी से ही पूरे परिवार का भरण पोषण होता था। घर के विषम परिस्थितियों के बावजूद गौरव ने कभी भी हार नही मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी।

गौरव राणा बताते हैं कि वह पढ़ने में बहुत अच्छे थे 10वीं परीक्षा पास करने के बाद वह अपने फूफा जी के पास आगरा चले गए, जहां पर वहां आगरा के दयालबाग कॉलेज में पॉलिटेक्निक में एडमिशन लिया और साल 2011 में पासआउट हुए।

इस दौरान इंदौर में वोल्वो आयशर कंपनी में बतौर इंजीनियर उन्हें नौकरी मिल गई और यहीं से उनकी जिंदगी में बदलाव आना शुरू हुआ।

गौरव बताते हैं कि साल 2012 तक वह एक इवेंट मैनेजर के रूप में काम करते थे लेकिन किसी कारणवश उन्हें लगभग 18 लाखों रुपए का नुकसान हो गया। यह वक्त गौरव के लिए काफी मुश्किल था लेकिन उन्होंने हिम्मत से काम लिया और नए मौके की तलाश में जुट गए।

इसी दौरान उन्हें ब्यूटी सैलून खोलने का विचार आया, यह विचार उन्हें अपनी मां से मिला क्योंकि उनकी मां एक ब्यूटीशियन थी। इसके बाद गौरव ने साल 2015 में CALIPSO  की शुरुआत की।

शुरु शुरु में वह इंदौर के सैलून के लिए ऑन डिमांड सर्विस दिया करते थे, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने खुद का ही सैलून खोल लिया। वह CALIPSO को एक ब्रांड के रूप में पहचान दिलाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपने इस विचार को कई निवेशकों से शेयर किया।

कई निवेशकों को उनके विचार अच्छे लगे हैं और उन्हें सफलता मिली। इसी दौरान उनकी मुलाकात ओयो के सीईओ रितेश अग्रवाल से हुई। उन्होंने पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा के बारे में बताया और उन्हें उनका सपोर्ट मिला।

गौरव राणा अपने बिजनेस के लॉस को कवर करने के साथ-साथ नौकरी करने लगे। तब रितेश अग्रवाल और विजय शेखर शर्मा ने उन्हें नौकरी को छोड़ कर पूरा ध्यान बिजनेस पर लगाने की सलाह दी। शुरू में गौरव अपनी नौकरी नही छोड़ना चाहते थे।

यह भी पढ़ें : बायजू रवींद्रन हर महीने कोचिंग से कमाते है 260 करोड़, मात्र 8 साल में बने करोड़पति

तब विजय शेखर शर्मा और रितेश अग्रवाल ने उन्हें जोबकी सिक्योरिटी दी और पूरी तरीके से बिजनेस पर कंसंट्रेट करने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि किसी कारणवश असफलता मिलती है तब वह उन्हें अपने यहाँ जॉब देंगे।

उन्होंने नौकरी छोड़कर पूरी तरीके से बिजनेस पर ध्यान देना शुरू किया। अब उनका सलून का बिजनेस भोपाल और इंदौर में चल रहा है। साल 2019 से वह भारतीय रेलवे के लिए भी रेलून नाम की एक सेवा शुरू कर दी है।

गौरव राणा की आगे की योजना है कि वह इंदौर, भोपाल, नागपुर, अहमदाबाद, नासिक, पटना के रेलवे डिवीजन में चल रही अपनी परियोजनाओं को पूरा कर के जल्दी वह मुंबई में भी इसकी शुरुआत करेंगे। साथ ही उनकी योजना है कि 50 ट्रेनों में कॉस्मेटिक सर्विस की सुविधा दें।

गौरव की कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें रिश्क लेकर किसी एक क्षेत्र में पूरा ध्यान लगाना चाहिए।

Similar Posts

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *