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हिरण्मय गोगोई जिसने 10 रुपये से सुरु किया था करोबार

Hiranmoy Gogoi जिसने 10 रुपये से शुरू किया था कारोबार

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हिरण्मय का अर्थ होता है – स्वर्णिम और हिरण्मय गोगोई नाम के ये शख्स अपने नाम की तरह ही एक संवेदनशील और करुणामयी इंसान है ।

हिरण्मय को nature से सुरु से लगाव रहा है इसलिए वो Organic fruit और सब्जी से जुड़े किसानों को अपने अभियान में जोड़ कर एक स्टार्टअप सुरु किया ।

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जब वे मात्र 15 साल के थे तब इनके भाई की मौत एक्सीडेंट की वजह से हो गई थी और उनके साथ उनकी मां की भी मृत्यु उसी साल हो गई। हिरण्यमय इन दुखद घटनाओं के चलते डिप्रेशन में चले गए और काफी कठोर खुद को बना लिए । हिरण्यमय को डिप्रेशन से उबरने में समय लगा और धीरे धीरे एक बात उनको समझ में आगई जो हो चूका सो हो चूका ।

इस तरह से जिंदगी नही गुजरी जा सकती है । बस फिर उन्होंने अपने जिंदगी को बदलने की ठान ली और अपने गमों से निकने का फैसला किया । उन्होंने ठान लिया कि वो खुद को अपनी जिंदगी के कष्टों से तो निकालेंगे ही और साथ ही दूसरों की भी मदद करेंगे ।

हिरण्यमय को एक ‘फ़ूड टेक’ बिजनेस का आईडिया आया । यह Rural technology से संबंधित एक online business है । हिरण्यमय इसके लोए ग्रामीण किसानों को नोकरी देना चाहते है । फिलहाल यह बिजनेस असम में चल रहा है और इसकी कई शाखाएँ भी है ।

हिरण्मय ने इसके लिए एक ऐप ‘Village food’ नाम से बनाया है । इस ऐप में सात कटेगरी है और जिसे जो चाहिए इसमें मिल जाता है । हर कटेगरी में अलग अलग खाना और उसका बनाने का तरीका दिया गया है ।

गांव का खाना में किसानों के लिए एक ‘Agricultural development plan’ भी शुरू किया गया हैं । लेकिन इसमें किसानों को जुड़ने के लिए गाँव का खाना के आप्लिकेशन में एक रुपये में रजिस्ट्रेशन भी कराना होता है जिसमे किसानों को एक कार्ड मिलता है ।

जब कोई कस्टमर आर्डर करता है तब किसानो को अपने यहाँ ऑर्गेनिक खेती के जरिये पैदा किये गए फल और सब्जियों को ग्राहक के घर पहुँचाना होता है । बहुत सारे किसान ऐसे भी होते है जो शहर नही जा सकते तो वो फल और सब्जी ‘गाँव का खाना’ के ऑफिस पहुँचा देते है फिर वहां से ग्राहक तक सामान पहुँचा दिया जाता है ।

इन्होंने जब यह business start किया था तब इनके पास सिर्फ 10 रुपये एक गैस सिलेंडर और एक स्टोप था । उसी पर वो खाना बनाते और शहर ऑफिसों में पहुँचाते पर अब वक्त के साथ उनके साथ काफी लोग जुड़ गए है जिन्हें रोजगार बजी मिल गया है । हिरण्मय गोगोई को छोटे उभरते बिजनेस का 2017 का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है ।

हिरण्यमय की कहानी से यह सीख मिलती है कि मेहनत और ईमानदारी से कोई काम शुरू किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है ।

 

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