हर साल भारत में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा का आयोजन किया जाता है अर्थात देश के इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद है लाखों अभ्यार्थी इस कठिन परीक्षा में हिस्सा तो लेते हैं परंतु कुछ उत्कृष्ट अभ्यर्थी इस परीक्षा में सफलता हासिल करके अपने को सफल बना पाते हैं ।
इस परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए लाखों अभ्यार्थी तो इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं परंतु निपुण अभयार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं अर्थात इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सभी अभ्यर्थी कड़ी मेहनत और लगन के साथ कोचिंग सेल्फ स्टडी और इंटरनेट का सहारा लेकर खुद को निपुण करते हैं अर्थात अपने मानसिक स्थिति को मजबूत करके इस परीक्षा में सफलता हासिल करने का पूर्ण प्रयास करते हैं ।
इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर लेते हैं परंतु कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो अपने पहले प्रयास में असफलता हासिल होने पर सफलता हासिल करने की उम्मीद छोड़ देते हैं परंतु इसके ठीक विपरीत कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो लगातार असफलताओं के बावजूद भी सफलता हासिल करने का प्रयत्न अवश्य करते हैं ।
आज हम आपको एक ऐसे अभ्यार्थी के बारे में बताने वाले हैं जिसने अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षा में फेल होने के बावजूद भी यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की है , हम बात कर रहे हैं यूपीएससी की प्रथम प्रयास में सफलता हासिल करने वाली अंजू शर्मा के बारे में , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अंजू शर्मा ने अपने पहले प्रयास में महज 22 वर्ष की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है।
10वीं और 12वीं की परीक्षा में हो गई थी फेल
खबरों से पता चला है कि अंजू शर्मा अपनी 10वीं की बोर्ड में केमिस्ट्री के एग्जाम में फेल हो गई थी और 12वीं की परीक्षा में इकोनॉमिक्स के पेपर में फेल हो गई थी परंतु इस दौरान उनकी माता का पूरा सहयोग रहा उनकी माता ने उन्हें पढ़ाई पर निर्भर रहकर जज नहीं किया अर्थात उन्होंने अपनी बेटी की योग्यता को देखते हुए उसे आगे बढ़ने के लिए अवश्य प्रेरित किया ।
महज 22 वर्ष की उम्र में हासिल की यूपीएससी परीक्षा में सफलता
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि भले ही अंजू शर्मा अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षा में फेल हो गई थी परंतु उनकी काबिलियत को देखते हुए उनकी माता ने सदैव उनका साथ दिया और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया इस दौरान अंजू शर्मा ने कड़ी मेहनत और लगन के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली , अर्थात इन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करके ना केवल खुद का बल्कि अपने पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया है।
वर्तमान में कर रही है इस पद पर कार्यरत
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद अंजू शर्मा कई महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है अर्थात यह वर्तमान में सरकारी शिक्षा विभाग (उच्च और तकनीकी शिक्षा) सचिवालय, गांधीनगर में प्रधान सचिव का कार्यभार संभाल रही है ।
अंजू शर्मा ने यह साबित कर दिया है कि हमारा रिजल्ट हमारी काबिलियत को जज नहीं करता है अर्थात अगर हम मेहनत और लगन के साथ किसी चीज में सफलता हासिल करने का प्रयत्न करें तो वह हमें अवश्य प्राप्त होती है अर्थात हमारा रिजल्ट हमारी व्यक्तित्व को किसी प्रकार से भी सुनिश्चित नहीं करता है अर्थात हमारी काबिलियत ही हमारे व्यक्तित्व और हमारे भविष्य का मुख्य स्रोत है ।