सिविल सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा को देश के प्रतिष्ठित एवं कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है , अर्थात हर साल इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए अभ्यार्थी इस परीक्षा में हर साल हिस्सा लेते हैं ।
अर्थात सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कठिन परीक्षा में हिस्सा लेने वाले लाखों अभ्यार्थी कड़ी मेहनत और लगन के साथ प्रयास तो करते हैं परंतु कुछ गिने-चुने निपुण अभयार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर के अपने सपने को पूरा कर पाते हैं ।
एक व्यक्ति के लिए शिक्षा का काफी अधिक महत्व है और शिक्षा ही एक ऐसा स्वरूप है जो आपको बड़े मुकाम तक पहुंचा सकती है और आईएएस जैसे बड़े मुकाम तक पहुंचने के लिए अभ्यर्थियों को सालों साल कड़ा परिश्रम और कड़ी मेहनत करके अर्थात सेल्फ स्टडी और कोचिंग के बल पर अपने आप को निपुण बनाना पड़ता है।
यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने में जितना योगदान शिक्षा का है उतना ही मनोबल का भी है क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि अभ्यार्थी असफलता के बाद हार मान लेते हैं परंतु अगर अपने मनोबल को मजबूत करके असफलताओं से सीख लेकर प्रयास करें तो सफलता अवश्य प्राप्त होती है ।
आज हम आपको बताने वाले हैं कर्नाटक की रहने वाली अपर्णा रमेश के बारे में जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और मनोबल को मजबूत करके फुल टाइम जॉब के साथ-साथ अपर्णा रमेश ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की है।
बातचीत के दौरान अपर्णा रमेश बताती है कि उनके लिए पढ़ाई और जॉब के बीच में संतुलन बनाना इतना आसान नहीं था , वह कहती है कि टाइम मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती थी और नौकरी के दौरान उनके पास काफी कम समय बचता था।
इस दौरान उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ प्रसांगिक विषयों को चुनकर उनका अध्ययन किया साथ ही साथ उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के बड़े सिलेबस से खुद को विचलित नहीं किया , भले ही जॉब के कारण समय कम था परंतु उन्होंने समय निकालकर ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई पर ध्यान दिया ।
अपर्णा ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने का निश्चय कर लिया था इसलिए वह अपने जॉब टाइम से पहले सुबह 4:00 से 7:00 उठ कर पढ़ाई करती थी उसके बाद अपने ऑफिस में जाती थी , इसके बाद अपनी जॉब से वापस लौटने के बाद वह घर पर 2 से 3 घंटे पढ़ाई करती थी , और ऑफिस के छुट्टी के दिन वह घर पर जाकर 8 से 9 घंटे पढ़ाई किया करती थी ।
हालांकि उनकी मेहनत का फल उन्हें अपने पहले प्रयास में नहीं हासिल हुआ क्योंकि वह अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पाई थी , परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और अपने मनोबल को मजबूत करके एक बार फिर से सफलता हासिल करने का प्रयास किया और यह उनका आखिरी प्रयास होता है इसके बाद वह अपने ऑफिस में एक आर्किटेक्ट अर्बन प्लानर के रूप में ही कार्य करती ।
अपर्णा रमेश ने एक बार फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और इस पर उन्होंने वर्ष 2020 में होने वाली यूपीएससी परीक्षा में अपना दूसरा प्रयास दिया और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल ओवर इंडिया में 35 रैंक हासिल की थी ।
अपर्णा रमेश ने यूपीएससी की परीक्षा में उत्तम रैंक हासिल करने के बाद आईएएस के पद को ग्रहण किया अर्थात उन्होंने अपनी सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए शिक्षा तो महत्वपूर्ण रखती है साथ ही साथ हमें अपने समय को मैनेज करके अर्थात अपने मनोबल को बढ़ाकर सफलता हासिल करने का प्रयास करना चाहिए सफलता हमें अवश्य प्राप्त होती है ।