कोरोना वायरस महामारी में दुनिया भर के लोगों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है। इस इस महामारी से जहां कई लोगों की मौत हुई है तो वही करोड़ों लोग बेरोजगार हुए हैं।
लेकिन इन सारी नकारात्मकताओं के बीच कुछ लोग ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने अपने जज्बे से एक नई शुरुआत की। आज हम एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जिसमें एक पत्नी अपने पति की नौकरी जाने पर बिरयानी बेचने का काम शुरू करती है।
हम बात कर रहे हैं रजनी सरदाना और उनके पति रोहित सरदाना की। दरअसल रोहित सरदाना की नौकरी लॉकडाउन में चली गई। तब उन्होंने अपने घर से ही फूड बिजनेस की शुरुआत करने की सोची और कार में स्टॉल लगाना शुरू किया और इसमें ही अपना कैरियर बना लिया।
आज भी रजनी और उनके पति को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट के आसपास बिरयानी का स्टाल लगाए देखे जा सकते हैं। यह एक चलता फिरता स्टॉल है। दरअसल उन्होंने अपनी कार में ही स्टॉल लगाया है। इसी से आज उनके घर का पूरा खर्चा चल रहा है।
बिरयानी का ही स्टाल क्यों लगाया :-
बिरयानी का ही स्टॉल रजनी के मन में इसलिए आया क्योंकि उनकी बेटी को रजनी की बनायी बिरयानी पसंद है और आसपास के लोगों और रिश्तेदारों से भी रजनी को बिरयानी की तारीफ मिली है।
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इसलिए उन्होंने बिरयानी बेचने का फैसला किया। दरअसल एक बार अपनी कॉलोनी में दुर्गा पूजा के दौरान रजनी ने बिरयानी का स्टॉल लगाया था और लोगों को रजनी की बनाई बिरयानी बहुत पसंद आई थी। इसलिए उसने इसे ही अपना बिजनेस बना लिया।
रजनी बताती है कि जब शुरु-शुरु में उन्होंने यह काम करना शुरू किया तब सबसे पहला सवाल उनके मन में था कि उन्हें देखकर लोग क्या कहेंगे? शुरू में उनके मन में घबराहट थी कि गाड़ी को ले जाकर सड़क पर लगाएंगे तो रिश्तेदार और दुनिया वाले उनके बारे में क्या सोचेंगे?
लेकिन उन्हें अपने घर की परेशानियों को भी देखना था और पति का साथ देना था, जिससे वे दोनों हमेशा खुश रह सकें। इसलिए रजनी ने अपने पति का साथ दिया, यह सोच कर कि इससे घर का खर्चा तो चल सकेगा।
रजनी सुबह 5 बजे उठती है और चार पांच घंटे में बिरयानी तैयार करती हैं। रजनी बताती है कि वह अपने ग्राहकों को बिरयानी के साथ साथ चाय और लड़के वाला रायता तभी उपलब्ध करवाती हैं।
कोरोना वायरस महामारी के चलते वह स्वच्छता को लेकर भी काफी सजग हैं। ग्राहकों तक बिरयानी पहुंचाने में वह स्वच्छता का पूरा ख्याल रखती हैं । वह रोजाना अपनी गाड़ी 10 बजे दिल्ली के पश्चिम विहार से करीब 9 किलोमीटर दूर रोहिणी कोर्ट लेकर पहुंच जाती हैं और 3 बजे तक उनकी पूरी बिरयानी लगभग बिक जाती है।
रजनी के काम में उनके पति भी उनकी मदद करते हैं। रजनी बताती हैं कि अब वह बर्थडे पार्टी और छोटी मोटी पार्टी किटी पार्टी, ऑफिस लंच मे भी बिरयानी का आर्डर लेने लगी है और उन्हें पूरा करती हैं।
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रोहित बताती हैं कि उनका एक वीडियो काफी वायरल हुआ, जिससे लोग उनकी मदद करने के लिए भी आगे आए। लेकिन उन्हें किसी की मदद नहीं चाहिए थी। उनके पास अमेरिका, साउथ अफ्रीका, पोलैंड, इजराल, सऊदी अरब से भी कॉल आने लगी जो उनकी मदद करना चाहते थे। लेकिन वह किसी और की मदद नहीं लेना चाहते थे, बल्कि खुद सर्वाइव करना चाहते थे।
इस तरह रजनी ने अपनी जिंदगी को एक नया मोड़ दिया। रजनी का कहना है कि अगर थोड़ी हिम्मत दिखाई जाए तो हर चीज मुमकिन हो जाती है। कोई भी नई शुरुआत उसी काम से करनी चाहिए जिसमें महारत हासिल हो।
रजनी की कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि विपरीत परिस्थितियों में हम दोबारा खड़े हो सकते हैं बशर्ते की हम हिम्मत से सोच विचार के काम में ले।