जब शार्क टैंक इंडिया के एपिसोड में कल्पना झा और उमा झा ने अपने कदम रखे तो अपनी सादगी और व्यवसाय के प्रति प्रतिस्पर्धा से शार्क टैंक इंडिया के जजों को काफी आकर्षित कर लिया था।
कल्पना झा और उमा झा ने जून वर्ष 2021 में बिहार में मिथिला के पारंपरिक अचार और चटनी उत्पादन करने वाला एक उद्यम झाजी स्टोर ‘Jhaji Store’ शुरू किया था। परंतु अब शार्क टैंक इंडिया में आने के बाद इनका स्टार्टअप काफी मशहूर हो रहा है।
पहली बार शार्क टैंक इंडिया जैसे शो पर जाना इन उद्यम महिलाओं के लिए काफी हैरान बात थी यहां पर इन महिलाओं से लगातार काफी प्रश्न किए गए थे। परंतु महिलाएं पूरी तरह से तैयार होकर गई थी,
और जिस प्रकार कल्पना झा और उमा जाने “एवरेज ओल्डर वैल्यू ” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया उससे यह स्पष्ट होता है कि भविष्य में इन महिलाओं के काफी बड़े सपने हैं।
हालांकि कल्पना झा और उमा झा द्वारा शुरू किया गया स्टार्टअप झाजी स्टोर ‘Jhaji Store’ को शार्क टैंक इंडिया मे जाने के बाद किसी बड़ी हस्ती से अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग तो नहीं मिली परंतु रातों-रात यह दोनों महिलाएं कई घरों में चर्चित नाम बन गई थी।
इस दौरान कल्पना झा बताती है कि ” कल्पना कहती है कि भले ही उन्हें किसी बड़े हस्ती द्वारा अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग नहीं मिली परंतु शार्क टैंक इंडिया एपिसोड के प्रसारित होने के बाद लोग उन्हें और उनके व्यवसाय को जानने लगे और जितने ऑर्डर हमें 1 महीने में आते थे उतने 1 दिन में आने शुरू हो गए थे और यह हमारे लिए काफी अहम बात थी”।
कल्पना 52 वर्ष की है और उनके पति सरकारी सेवानिवृत्त से जब जुड़ गए तो वह अपने गृह नगर दरभंगा वापस चली गई थी ।इस दौरान
कल्पना कहती है कि उन्हें अपने पति के साथ अलग-अलग पोस्टिंग पर यहां वहां शहरों पर जाना पड़ता था परंतु अब जब वे अपने गृह निवास में आ गई है तो उन्हें घर पर रहने की इच्छा नहीं करती है।
कल्पना बताती हैं कि ” इन सभी दिनों में मुझे घर पर रहते रहते इस बात का पछतावा काफी अधिक हो रहा था कि मैंने अपने समय में कुछ भी नहीं किया तभी आज घर में बैठी हुई हूं।
कल्पना कहती है कि जब लॉकडाउन की स्थिति हो गई थी तब मेरे बच्चे मेरे साथ ही रह रहे थे और मेरे बच्चों ने मुझसे कहा क्यों ना मैं कुछ वैसा करूं जिसमें मेरी रुचि हो।
इस तरह मेरे बच्चों ने मुझसे कहा मैं अचार बनाना शुरू कर के लोगों को निर्यात करूं क्योंकि मैं मिथिला की रहने वाली थी और मिथिला का पारंपरिक अचार बनाने में काफी अच्छी थी।
और यही समय था जब मैंने अपने बच्चों की दी हुई सलाह पर विचार किया और मिथिला के पारंपरिक अचार और चटनी का बिजनेस शुरू करने का ठान लिया।
मिथिला का स्वादिष्ट अचार
कल्पना कहती है कि मेरे लिए इस व्यवसाय को अकेले स्थापित करना इतना आसान नहीं था इसलिए मैंने अपने पति की बहन से सुझाव लिए और उसे भी इस बिजनेस के साथ जोड़ने का प्रयास किया।
कल्पना बताती है कि उनके पति की बहन पेशे से शिक्षक है, उमा के पति ने इस व्यवसाय में 10 लाख रुपए का निवेश करने का वादा किया। और इस दौरान ही कल्पना के बेटे मयंक ने जो आईटीआई दिल्ली में स्नातक के पद पर है उसने मार्केटिंग और वितरण में पूरी मदद और सफलता प्रदान करवाने का वादा किया था।
और इस प्रकार ही झाजी स्टोर ‘Jhaji Store’ ने अपना अस्तित्व बनाया और इस स्टोर का नाम इन महिलाओं के उपनाम से बना है जिसका अर्थ मिथिला के मूल निवासी है और सभी मिथिला को अपनी मातृभूमि मानते हैं।
शुरुआत में इन दोनों उद्यम महिलाओं ने मिलकर बैचों में अचार तैयार किए और प्रतिक्रिया के लिए सबसे पहले इन्होंने अपने अचार को दोस्तों और परिवार और रिश्तेदारों के पास भेजा था।
कल्पना कहती है कि ” परिवार और रिश्तेदारों से हमारे द्वारा तैयार किए गए अचार के लिए जब हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली शुरू हो गई, तो हमने खाद्य लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया ।
इस तरह कहती है कि सबसे पहला एक आर्डर आने के बाद थोक में अचार बनाने के लिए यह हमारा सबसे पहला कदम था और इसमें सफलता हासिल करना हमारे लिए काफी आवश्यक था।
उद्यम महिलाएं थोक में अचार तैयार करने के कल्पना के घर में भूतल का इस्तेमाल करती थी , और इनमें नींबू का अचार, इमली की चटनी, लहसुन, अदरक, मिर्च के मिश्रण का अचार, कद्दूकस किया हुआ तिल का अचार और बहुत कुछ तैयार किया जाता था।
जहां महामारी की स्थिति में कई घरेलू ब्रांड बाजार में उतरे थे तब उन्होंने इस बात पर काफी अधिक जोर दिया कि सभी ब्रांड से उनका अचार काफी अलग है।
इस प्रकार उमा आगे कहती है कि अचार को तैयार करने में अपनी मां और दादी की सभी प्रक्रियाओं का ध्यान रखते हैं। और अचार में डालने वाली सभी सामग्रियों को सोर्स किया जाता है वही हम धूप की रोशनी में सभी सामग्रियों को सुखआते है।
मसालों को भूनकर हाथों से पीस लिया जाता है, और शुद्ध सरसों के तेल का प्रयोग किया जाता है। इनके द्वारा तैयार किया गया अचार में किसी तरह का अन्य केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है यह पूरी तरह से घरेलू अचार है।
वैज्ञानिकों के अनुसार किसी भी अचार की डेड लाइफ 14 से 15 महीने होती है परंतु कल्पना कहती हैं कि यह पुराने जमाने से चला आ रहा है कि अचार 2 से 3 साल तक खराब नहीं होता है।
अब झाजी स्टोर ‘Jhaji Store‘ पर ना केवल स्थानी विक्रेता आते हैं बल्कि आज इनका अचार इतना अधिक मशहूर हो गया है कि यह आपको अमेजॉन , बिग बास्केट जैसे ऑनलाइन फूड स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।
कल्पना कहती है कि उनका अचार का बिजनेस आज काफी अच्छा मुनाफा कमा रहा है और आगे भविष्य में वह मिथिलाअंचल के शुद्ध मक्खन का कारोबार भी करना शुरू करने वाली है।
कल्पना और उमा कहती है कि शुरुआत में उन्हें भरोसा नहीं था कि उनका यह बिजनेस कभी चल पाएगा परंतु उनके आत्मविश्वास ने आज आसमान छू लिया है और आज उनका बिजनेस काफी बड़ा हो गया है।