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शुभम जाखड़

परंपरागत खेती छोड़ कर इस प्रकार कमा रहे हैं सालाना सात लाख का मुनाफा

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जैसे की हम सभी जानते हैं कि आजकल किसान परंपरागत खेती को छोड़कर नई तकनीकों का सहारा ले रहे हैं अर्थात आजकल के किसान बागवानी फसल फलदार वृक्षों की खेती करके मुनाफा अर्जित कर रहे हैं साथ ही साथ सरकार भी किसानों को फलदार खेती और बागवानी के लिए प्रोत्साहित कर रही है ।

परंपरागत खेती करने से लागत अधिक और मुनाफा कम मिलता है इस दौरान किसानों ने नए विकल्प को खोज लिया है , अब किसान परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी फसल की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि बागवानी और फलदार वृक्षों की खेती करने में लागत कम लगती है और मुनाफा अधिक हासिल होता है ।

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इसी प्रकार का उदाहरण पेश कर रहे हैं शुभम जाखड़ जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि शुभम मूल रूप से हरियाणा के भुना क्षेत्र के रहने वाले हैं।

शुभम उन किसानों में से हैं जिन्होंने लगातार धान और गेहूं की परंपरागत खेती करके नुकसान ही हासिल किया है , कुछ समय बाद विचार करके शुभम ने बागवानी की तरफ रुख करने का निश्चय किया ।

इस दौरान शुरुआत में शुभम ने बागवानी फसल के तहत 2 एकड़ के खेतों में शुरुआत की साथ ही साथ शुभम ने 2 एकड़ के खेतों में  आडू और अमरूद के पौधे लगाएं ।

शुभम ने अपने 2 एकड़ के खेतों में पौधे तो लगा दिए परंतु कुछ समय के बाद ही इन्हें मुनाफा नजर आने लगा और काफी कम समय में शुभम ने काफी अधिक मुनाफा भी कमा लिया साथ ही साथ हम कहते हैं कि लागत कम लगी और मुनाफा अधिक ।

इसलिए शुभम जाखड़ ने अपने 2 एकड़ के खेतों को 5 एकड़ में बदलकर खेती करनी शुरू की और इस बार फिर अधिक मुनाफा होने के बाद उन्होंने अपने खेतों के आकार को सीधा 7 एकड़ कर लिया और अब वे बागवानी करके अमरूद और आडू के फलों की खेती करके काफी अधिक मुनाफा कमा रहे ।

शुभम का कहना है कि जब वह गेहूं और धान की खेती करते थे तब भूमिगत जल का स्तर गिरता ही जा रहा था इस दौरान उनकी लागत काफी अधिक लग रही थी और अन्य फसलों पर भी असर पड़ रहा था इस दौरान उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी फसल की ओर रुख करने का निश्चय किया और आज शुभम अमरूद और आडू की खेती करके लगातार सालाना 7 लाख का शुद्ध मुनाफा अर्जित करते हैं ।

इस प्रकार हासिल करते हैं 7 लाख का मुनाफा

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि शुभम अपने 7 एकड़ के खेतों में सफेद अमरूद की किस्में वाली फसल का उत्पादन करते हैं इस दौरान वह बताते हैं सफेद अमरूद की किस्म की खेती करने से फल 10 महीनों के अंदर ही आने शुरू हो जाते हैं और आसानी से सालाना 7 लाख का मुनाफा अर्जित कर लेते हैं ।

शुभम जाखड़ कहते हैं कि जिस प्रकार हम गेहूं और धान की परंपरागत खेती करके लागत अधिक और मुनाफा कम हासिल कर रहे थे उसी दौरान कई किसान ऐसे हैं जो परंपरागत खेती में नुकसान हासिल कर रहे हैं।

इस दौरान सभी किसानों को सरकार के द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन में शामिल होना चाहिए साथ ही साथ नई तकनीक के द्वारा खेती करनी शुरू करनी चाहिए इसी प्रकार ही किसान मुनाफा अर्जित कर पाएंगे ।

जिस प्रकार किसान शुभम आज बागवानी की तरफ रुख कर के सालाना 7 लाख का मुनाफा अर्जित करें उसी प्रकार कई किसान अपनी परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी की फसल में रुख कर के काफी अधिक मुनाफा कमा सकते क्योंकि बागवानी की फसल में पौधों को लगाने में लागत कम लगती है और मुनाफा अधिक हासिल हो सकता है ।

इतना ही नहीं शुभम यह भी बताते हैं कि जब उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी फसल की ओर रुख किया तो उन्होंने सोचा मुनाफा होगा कि नहीं परंतु इस प्रकार मुनाफा अर्जित हुआ इस दौरान उनके मुनाफे को देखकर आसपास के कई किसान बागवानी फसल की ओर रुख कर रहे हैं और अधिक मुनाफा अर्जित कर रहे हैं ।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

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