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असफलता से सीख लेकर खड़ा किया सफलता का साम्राज्य

असफलता से सीख लेकर खड़ा किया सफलता का साम्राज्य
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कहा जाता है कि असफलता ही सफलता की पहली सीढी होती है। यदि असफलता से हार मानने के बजाय उनसे सीख लेकर आगे बढ़ा जाए तो किसी भी व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे युवा उद्यमी की है जिन्होंने असफलता से सीख लेकर सफलता का साम्राज्य खड़ा किया है और दूसरों को आगे बढ़ने के लिए भी रास्ता खोल दिया।

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हम बात कर रहे हैं जहान खुराना की जिन्होंने दृढ़ता और कड़ी मेहनत से अपनी असफलता को पराजित करके सफलता का साम्राज्य स्थापित किया है।

जहान खुराना का जन्म एक कारोबारी परिवार में हुआ था जिसकी वजह से बिजनेस के गुण उन्हें विरासत में ही मिल गए। उनके पिता केबल से जुड़े व्यापार किया करते थे।

डीटीएच सुविधा आने के बाद उनके पिता ने केबल का व्यवसाय शुरू किया था। बी.कॉम करने के बाद जहान खुराना ने दक्षिण अफ्रीका में होने वाली एक व्यापार प्रदर्शनी का दौरा किया जिसका मकसद था अन्य आय के स्त्रोतों के बारे में जानना।

अपनी दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के दौरान दोहा में एक रेस्टोरेंट में “मीट से भरे रैप” नाम के एक डिस से वह परिचित हुए। यह डिस उन्हें काफी अच्छी लगी। तब उन्होंने इसे भारत में लाने का फैसला किया।

इस उत्पाद की मांग और विभिन्न पहलुओं पर उन्होंने दिन रात काफी रिसर्च किया और दिल्ली में अपना पहला आउटलेट खोला और इसे नाम दिया “रोटी और बोटी” लेकिन यह प्रोजेक्ट असफल हो गया।

लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नही मानी क्योंकि उन्हें अपने आईडीयो पर भरोसा था और उन्हें यह भी यकीन था कि समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता है यह बदल के रहता है।

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उन्होंने असफलता से सीख लेकर एक बार फिर से हिम्मत जुटाकर एक दूसरी जगह पर रेस्टोरेंट खोला। उनकी मेहनत रंग लाई और उनका ब्रांड जल्द ही लोकप्रिय होने लगा। इस सफलता ने उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए आधार दिया। उसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नही देखा।

आज भारत ही नहीं बल्कि हांगकांग में जहान खुराना की “रोटी और बोटी” की कुल 12 अलग-अलग आउटलेट्स है। काफी रिसर्च और विभिन्न देशों की यात्रा के बाद उन्होंने अपना ब्रांड “द रोलिंग प्लेट” लॉन्च किया। इस के बैनर तले वह निवेशकों को विभिन्न रेस्टोरेंट की फ्रेंचाइजी बेचते हैं।

सबसे खास बात यह है कि जो लोग फ्रेंचाइजी खरीदते हैं उन्हें अन्य किसी भी चीज के लिए अतिरिक्त से भुगतान नही करना पड़ता है। क्लाउड किचन के संचालन करने से लेकर, रेस्टोरेंट का किराया, कर्मचारी के वेतन, बिजली का बिल सबकुछ द रोलिंग प्लेट ही मैनेज करता है।

इस तरह से बिना किसी परेशानी के दूसरे लोग भी अच्छी कमाई कर लेते हैं। ऑनलाइन के जमाने में यह व्यवसाय भी काफी फला फूला है। खास बात यह है कि इसे दुनिया के किसी भी हिस्से में अपने इलाके में रेस्टोरेंट की फ्रेंचाइजी खरीदी जा सकती है।

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प्रत्येक फ्रेंचाइजी के मालिक को एक मोबाइल एप्लीकेशन दिया जाता है जिससे उन्हें बिक्री और इसमें जो भी निवेश करते हैं और जो भी राजस्व मिलता है इसकी चेकिंग करने में आसानी होती है। रोलिंग प्लेट के ग्राहक आज अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी है।

जहान खुराना का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन से जो बात सीखी है वह यह है कि इससे कोई फर्क नही पड़ता है कि आप कितनी बार गिरते हैं बशर्ते कि आपको हर बार उठना ही होगा। अगर असफल होते हैं तो हर असफलता आपको सफलता के करीब ले जाती है और उनकी यह यात्रा साबित करती है कि जीवन आपको कही भी ले जा सकता है बशर्ते कि आप अपनी दृढ़ता और सकारात्मक सोच के साथ अपने मिशन में लगे रहे।

 

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