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मैत्री जरीवाला की कहानी जो बन गई है आज ” रीसाइक्लिंग हीरो” मंदिर में चढ़े सूखे फूलों से कमा रही है लाखों

Maitri jariwala begin with flowers ki kahani
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आज हम बात करने वाले हैं सूरत की रहने वाली मैत्री जरीवाला के बारे में जो अपने स्टार्टअप  “Begin With Flowers” के तहत बेकार और मुरझा गए फूलों को रीसाइक्लिंग करके उसे 10 से अधिक प्रोडक्ट तैयार करती है।

होली के दिनों की बात है सूरत की रहने वाली मैत्री जरीवाला काफी अधिक व्यस्त थी क्योंकि उनके पास ऑर्गेनिक रंगों के काफ़ी ऑर्डर थे, पिछली होली में  मैत्री ने अपने इस बिजनेस को शुरू किया था और इस होली अपने इस बिजनेस के सफल होने का पहला जश्न मना रही हैं।

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मैत्री कहती है कि मैंने एक छोटे से प्रोजेक्ट के तहत अपने इस बिजनेस की शुरुआत की थी परंतु आज मैं अपने इस बिजनेस से 9 लोगों को रोजगार देती हूं इसके साथ ही साथ प्रतिदिन 50 से 70 किलो बायोडिग्रेडेबल वेस्ट सही तरीके से रीसाइक्लिंग करती हूं यह मेरे लिए गर्व की बात है।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि मैत्री जरीवाला 22 वर्ष की है और एक केमिकल इंजीनियरिंग की स्टूडेंट है, उन्होंने अपने कॉलेज के फाइनल ईयर में एक प्रोजेक्ट के तौर पर इस काम को चुना था इस दौरान मैत्री ने मंदिर में जाने वाले कचरे में खुद फूलों को इकट्ठा करती (Dried Flower Business) और इससे कई प्रोडक्ट को तैयार करती थी।

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और इस दौरान उन्हें यह बात का एहसास हो गया कि इस काम का दायरा कितना बड़ा है अगर हम ज्यादा फूलों को इकट्ठा करें तो ज्यादा प्रोजेक्ट तैयार कर पाएंगे, इसके तहत भगवान पर चढ़ने वाले फूलों का सही इस्तेमाल तो होगा ही इसके साथ ही साथ आम आदमी को प्राकृतिक रूप से तैयार की गई चीजों का उपयोग करने का अवसर प्राप्त होगा ।

अपने इस काम को किस प्रकार बनाया बिजनेस

मैत्री ने अपने प्रोजेक्ट के तहत एक मंदिर से फूलों को इकट्ठा करना शुरू किया था जिसके लिए उन्होंने नगर निगम से अनुमति ली थी परंतु जब उन्हें पता चला कि इसे काम के रूप में उपयोग किया जा सकता है और दायरा बढ़ाने पर मुनाफा अच्छा प्राप्त होगा इसके बाद उन्होंने 5

मंदिरों से फूलों को इकट्ठा करना शुरू किया। धीरे-धीरे जब उनका काम बढ़ने लगा तो उन्होंने 10 मंदिरों मैं चढ़ने वाले फूलों को सीधा मैत्री के घर डिलीवरी करवाना शुरू कर दिया इसके बाद मैत्री की पूरी टीम इन फूलों से परफ्यूम, अगरबत्ती ,मोमबत्ती, साबुन , वर्मीकंपोस्ट और होली के समय में ऑर्गेनिक रंग तैयार करती थी।

आज मैत्री अपने इस बिजनेस को अपने घर से ही चलाती हैं, मैत्री के स्टार्टअप की सबसे खास बात यह है कि यहां तैयार होने वाले सभी प्रोडक्ट हैंडमेड है किसी भी प्रोडक्ट को तैयार करने के लिए मशीनों का उपयोग नहीं किया गया है।

इस दौरान मैत्री बताती है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उनके परिवार वाले चाहते थे कि वह एक अच्छी नौकरी करें परंतु जब मैत्री ने अपने घर पर इस बिजनेस के बारे में बताया तो घर वालों से उन्हें इस बिजनेस को लेकर पूरा सहयोग प्राप्त हुआ।

आज मैत्री अपना बिजनेस ना केवल सूरत के आसपास के क्षेत्रों में करती है इसके साथ ही साथ ऑनलाइन मोड पर भी अपना बिजनेस चला रही है इस दौरान वह प्रति माह 40 से 50 हजार आसानी से कमा लेती है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि वर्ष 2021 में मैत्री जरीवाला को उनकी पहली सफलता तो प्राप्त हुई है इसके साथ ही साथ सरकार ने उन्हें उनके इस रीसाइकलिंग स्टार्टअप के तहत “रीसाइक्लिंग हीरो” का नाम भी दिया है, सरकार के द्वारा मैत्री की की गई तारीफ ने मैत्री के हौसलों को और अधिक प्रबल बना दिया है।

लेखिका : अमरजीत कौर

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