ADVERTISEMENT

सर्वोत्तम औषधि : खुश रहने की विधि

खुश रहने की विधि
ADVERTISEMENT

हमारे जीवन की सर्वोत्तम औषधि है कि हम हर परिस्थिति में खुश रहे । खुश रहना ही जीवन जीने की सर्वोत्तम कला हैं । गुणीजन कह गए प्रेम रतन धन जिसने पा लिया उसके लिए संसार मे सुख ही सुख है ।

प्राणी जानता है कि इस सांसारिक व्यवहार में सिर्फ प्रेम ही बच्चों, परिवारजनों, सहकर्मियों, सभी को जीत सकता है। बाकी सभी तरीक़े व्यर्थ है ।

ADVERTISEMENT

प्रेम एक ही है परन्तु प्रेम के रंग अनोखे व अनगिनत होते है जो रोशनी, कभी जुगनू व कभी खुशबु आदि के रूप में होते है ।

इंसान ही क्या में तो कहता हूं कि जब हम पेड़ उगाते हैं, तब उसका भी प्यार से पोषण करना पड़ता है केवल उसे पानी देकर डाँटने से वह नहीं बढ़ेगा , अपने परे , पूर्ण व्यवहार से बड़े सुंदर फल-फूल देगा तो ज़रा सोचिए प्रेम मानव को कितना अधिक प्रभावित कर सकता है।

ADVERTISEMENT

पढ़ा था कि प्रेम से जब भर जाते हैं प्राण,पाषाणों में, दिख जाते, भगवान। इसलिये हमें हमेशा खुश रहना सीखना चाहीये, लोगो को वही लोग पसंद आते हैं जो हमेशा खुश रहते हैं ।

क्योंकी लोग जब भी उदास होते है तो लोग उदास लोगों के पास जाना तक पसंद नही करते हैं, लोग हमेशा खुश रहने वालों से ही मिलना पसंद करते है।

अतः हमें खुश रहना सीखना होगा, खुश रहने वाले लोग दूसरों को तो पसन्द आते ही है बल्कि खुश रहना हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है, इसलिए हमेशा खुश रहैं, खुश रहने का सिर्फ अभिनय ही नहीं दिल से खुश रहें|

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )

यह भी पढ़ें :-

जिंदगी के गुर : जो हम जाते हैं बिसर

ADVERTISEMENT

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *