आज हम बात करने वाले हैं झारखंड के रामगढ़ के वियंग गांव के रहने वाले केदार प्रसाद महतो के बारे में , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि केदार प्रसाद महतो मात्र 12 वीं पास है परंतु फिर भी अपने दिमाग और अपनी 8 सालों की मेहनत से गांव के लिए बिजली बनाने में सफलता हासिल की है ।
केदार प्रसाद महतो बचपन में बिजली बार-बार जाने से काफी परेशान हो जाते थे , केदार ने बिजली की समस्या से परेशान होकर खुद ही बिजली बनाने का मन बना लिया ।
केदार अपने स्कूल में पढ़ाई करते करते जुगाड़ की चीजें लगाकर कुछ ना कुछ तैयार करने का सोचते रहते परंतु उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि वह 1 दिन गांव के लिए बिजली बना देंगे।
परंतु कहा जाता है ना कि मेहनत और लगन के साथ किए गए जाने वाले कार्य में सफलता अवश्य प्राप्त होती है कुछ ऐसा ही केदार के साथ हुआ।
केदार प्रसाद महतो ने बताया कि उन्हें वायरिंग का काम काफी अच्छे से आता था और वह 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वायरिंग का काम करते थे ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि केदार प्रसाद महतो पेशे से एक इलेक्ट्रिशियन है , काफी समय तक केदार ,ने रांची में भी इलेक्ट्रिशियन का काम किया परंतु केदार का सपना हमेशा से गांव में रहकर काम करने का था ।
वर्ष 2004 में केदार प्रसाद महतो जब स्कूल की पढ़ाई करते थे उस वक्त ही उन्होंने बिजली बनाने का निश्चय कर दिया था इसके कुछ समय बाद ही उन्होंने नदी के पानी का उपयोग करके 12 वोल्ट बिजली उत्पादन करने में सफलता हासिल कर ली थी ।
कई सालों की मेहनत सफल हुई
केदार प्रसाद महतो को बिजली प्रोजेक्ट में मिली सफलता के कारण उनका हौसला और भी प्रबल हो गया , उसके बाद वह बताते हैं कि इस दौरान मैंने गांव में बिजली उत्पन्न करने के लिए इसे एक प्रोजेक्ट के रूप में मान लिया और गांव से 1 किलोमीटर की दूरी पर सेनेगढ़ा नदी पर अपना पहला प्रयोग किया ।
केदार ने अपने पहले प्रयास में नदी के बीचों-बीच कंक्रीट का स्तंभ बनाकर आर्मेचर, चुंबक, कुंडल और कई अन्य भागों के साथ एक टरबाइन तैयार कर दिया था, इस सेटअप को धीरे-धीरे तैयार करने में केदार को काफी अधिक समय लग गया था।
केदार बताते हैं कि इस पूरे सेटअप को तैयार करने में 3 लाख का खर्च आया था , इस पूरे सेटअप को तैयार करने में आर्थिक रूप से कुछ मदद उनके दोस्तों ने भी की थी परंतु बाकि का सारा खर्च केदार ने खुद की जमा पूंजी और इलेक्ट्रीशियन का काम करके कमाए हुए पैसों को लगाया था ।
केदार ने अपने जुनून को पूरा करने के लिए अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी और आज केदार द्वारा गांव को दी गई बिजली की सुविधा के कारण गांव वालों ने केदार को ‘पावर मैन’ का नाम दिया है।
पिछले कुछ समय से केदार ने अपने इलेक्ट्रीशियन के काम को बंद करके इस पावर प्लांट को तैयार करने में अपना पूरा समय दिया है ।
केदार प्रसाद महतो का कहना है कि उनके द्वारा तैयार किए गए टरबाइन के द्वारा 100 वाट के 40 से 45 बल्ब रोशन हो सकते हैं , केदार ने अपने इस पावर प्लांट के लिए टरबाइन ,डायनेमो जनरेटर भी खुद ही तैयार किया है ।
आज केदार प्रसाद का पारिवारिक खर्च पारंपरिक खेती से चल रहा है , किसान परिवार से होने के कारण एवं आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं होने के कारण शुरुआत में उन्हें अपनी इस काम के लिए परिवार वालों का विरोध भी करना पड़ा परंतु आज गांव का हर एक व्यक्ति केदार प्रसाद महतो की तारीफ करता है ।
गांव के सरपंच सूरज नाथ का कहना है कि कुछ समय पहले ही जब गांव में सरस्वती पूजा का कार्यक्रम था उस वक्त जब बिजली चली गई थी तो केदार प्रसाद महतो ने ही अपने प्लांट से गांव के लिए बिजली की व्यवस्था की थी ।
आज जब हर जगह सस्टेनेबल ऊर्जा के स्रोतों के बारे में बात की जाती है तो इस दौरान केदार प्रसाद महतो भी अपने गांव को बिजली के लिए आत्म निर्भर बनाने का विचार रखते हैं ।
आज केदार प्रसाद महतो अपने जीवन के 18 साल गांव को समर्पित करते हुए अपनी एक परियोजना की शुरुआत कर दी है, इस दौरान केदार प्रसाद महतो कहते हैं कि अगर गांव के कई समतल नदियों में इस प्रकार के प्रयोग किया जाए तो बिजली के रूप में हमारा गांव आत्मनिर्भर हो सकता है ।
आज 12वीं पास केदार प्रसाद महतो अपने गांव के लिए एक बिजली उत्पादन करने में अपना योगदान देकर अपने गांव का आत्मनिर्भर बना रहे हैं , और गांव के लोगों को बिजली की संपूर्ण सुविधा दे रहे हैं ।