ADVERTISEMENT

मन की बात में प्रधानमंत्री ने की तारीफ, बाराबंकी की धरती पर कर्नल ने उगाए ‘चिया सीड्स’

ADVERTISEMENT

अक्सर यह देखा जाता है कि रिटायरमेंट के बाद लोग आराम करना ही पसंद करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपनी प्रकृति से बहुत ज्यादा प्यार होता है।

जो रिटायरमेंट के बाद और भी सक्रिय रूप से कार्य करना पसंद करते हैं। और वे सारे शौक पूरे करते हैं। जो नौकरी के दौरान वह नहीं कर पाते हैं।नौकरी के दौरान लोग काम में इतने ज्यादा व्यस्त होते हैं कि अपने शौक को पूरे नहीं कर पाते हैं।

ADVERTISEMENT

आज हम आपको सेना से रिटायर्ड एक कर्नल की कहानी को सुनाने जा रहे हैं, जिन्होंने रिटायरमेंट के पश्चात ‘चिया सीड्स’ जैसे सुपरफूड्स की खेती की शुरुआत की ।

इस की खेती करते हुए वह इतना ज्यादा लोकप्रिय हो गए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम यानी मन की बात में उनकी खेती की चर्चा की।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में रहने वाले हरिश्चंद्र सिंह ‘चिया सीड्स’ जैसे सुपर फूड की खेती करके इन दिनों सुर्खियों पर है। बाराबंकी जिले के सिद्धौर ब्लाक में 4 एकड़ में फैले अपने खेत में इन्होंने खेती करना शुरू किया मूल रूप से हरीश चंद्र सिंह अंबेडकरनगर के रहने वाले हैं।

2015 में  कर्नल के पद से सेवानिवृत्त होने के पश्चात उन्होंने खेती में हाथ आजमाने का फैसला शुरू किया। खेती के साथ ही साथ में सुल्तानपुर जिले के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के पद पर भी तैनात रहे।

 

चिया सीड्स’ की खेती करना है आसान:-

‘चिया सीड्स’ की खेती चीन में सबसे ज्यादा की जाती है। या मूल रूप से मेक्सिको की प्रमुख फसल है इसके बारे में हरीश चंद्र सिंह कहते हैं कि ‘चिया सीड्स’ को सुपर फूड के रूप में माना जाता है।

यह काफी महंगा बिकता है। यही वजह रहा है कि मैंने इसकी खेती के बारे में सोचा। उन्होंने यह भी बताया कि ‘चिया सीड्स’ को उगने में बहुत कम समय लगता है। साथ ही साथ इस के बीज भी बहुत आसानी से उपलब्ध होते हैं।

चिया सीड्स की बुवाई अक्टूबर में गेहूं के समय में की जाती है। पर गेहूं की फसल से 1 महीने पहले ही चिया सीड्स की फसल बनकर तैयार हो जाती है। हरीश चंद्र सिंह कहते हैं अगर

मुनाफे की बात करें तो ऑनलाइन मार्केट में 1 किलो चिया सीड्स की पूरी कीमत करीब 1500 से ₹2000 तक है। चिया सीड्स को उगाने में प्रति बीघा 75000 का खर्च होता है। और इसमें प्रति बीघा आप ₹200000 तक भी कमा सकते हैं।

 

‘चिया सीड्स’ के गुण:-

चिया सीड्स अपने गुणों के कारण भारत में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हैं। ऐसे में इसकी मांग काफी अधिक है। इसके बारे में हरीश चंद्र सिंह जी कहते हैं कि अगर चिया सीड्स कि देशभर में स्थानीय स्तर पर खेती की जानी शुरू हो जाए। तो भारतीय किसानों को बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा।

इसकी खेती करने की वजह से मै दावे के साथ कह सकता हूं कि इस सुपर फूड की बाजार में बहुत अधिक मांग है और इसमें मुनाफा भी बहुत ज्यादा है।

 

ड्रैगन फ्रूट से लेकर काला गेहूं तक:-

हरीश चंद्र सिंह ना केवल ‘चिया सीड्स’ बल्कि कई और सुपरफूड्स की भी खेती करते हैं। उनके खेत में आपको ड्रैगन फ्रूट, ग्रीनएप्पल और आलूबुखारा भी देखने को मिल जाएगा।

जब आसपास के किसान पारंपरिक खेती ही कर रहे थे। उस वक्त उन्होंने अपने खेत में पारंपरिक खेती के बदले सुपरफूड्स और फल की खेती करने का आयोजन बना लिया और उनका यह प्रयोग सफल भी रहा।

इस सफलता के पश्चात व किसानों से सुपर फूड की खेती में हाथ आजमाने की अपील भी किए। वह काले गेहूं का उदाहरण देते हुए बोले की सामान्य गेहूं आप अधिक से अधिक ₹15 प्रति किलोग्राम के भाव से बेच सकते हैं जबकि काले गेहूं की कीमत एक सौ रुपए किलो होती है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि सुपरफूड्स की कितनी ज्यादा कीमत होती है।

हरीश चंद्र सिंह इन दिनों काले आलू की भी खेती कर रहे हैं। जिसे लखनऊ में नवाबी के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इनके खेत में सेव के कुल 500 पेड़ है। जिसमें से 400 ग्रीन एप्पल एवं एक सौ रेड एप्पल के पेड़ है।

 

खेती में करें प्रयोग:-

हरीश चंद्र सिंह का यह मानना है कि किसानों को खेती में नए-नए प्रयोग करते रहना चाहिए। उनके मुताबिक इस पेशे को मुनाफे का सौदा तभी माना जा सकता है, जब इसमें प्रयोग किया जाए वह कहते हैं अगर खेती के साथ किसान अपनी फसल के बाय प्रोडक्ट्स पर भी ध्यान देने लग जाते हैं।

तो काफी फायदा होने लगता है। आज हर एक क्षेत्र में नए प्रयोग किए जा रहे हैं। ऐसे में खेती आखिर क्यों पीछे रहे हम अलग-अलग बीजों के साथ प्रयोग कर सकते हैं। खेती में प्रयोग करने की जरूरत बहुत अधिक है ताकि हम पारंपरिक खेती से कुछ हटकर कर सकें।

 

प्रधानमंत्री से मिली तारीफ:-

हरीश चंद्र सिंह यह बताते हैं कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम में मेरे नाम का जिक्र किया तो यकीन मानिए इससे मेरा हौसला और भी ज्यादा बढ़ गया।

मैं भविष्य में किसानों को सुपर फूड की खेती करने के लिए अब और भी ज्यादा प्रोत्साहित करूंगा। मेरी इच्छा है कि देश भर में किसान सुपरफूड की खेती करें।

भले ही सुपरफूड्स की कीमत बहुत अधिक होती है, परंतु मैंने यह उपाय लगाया कि जो सुपरफूड्स दूसरे देशों से खरीदा जाता है , वह बहुत महंगा होता है।

तो क्यों ना यह सुपरफूड्स अपने ही भारत देश में उगाया जाए वह भी कम कीमत में एवं कम कीमत में बेचा भी जाए। जिससे लोगों की बचत भी हो एवं श्रमिकों को श्रम भी मिले।

उत्तर प्रदेश जो पहले मुख्य रूप से गेहूं की फसल और पारंपरिक स्थानीय फसल उगाने के लिए भी जाना जाता था। वहां हरीश चंद्र सिंह जैसे प्रगतिशील किसान द्वारा खेती में नए प्रयोग

किया जाना शुरू कर दिया गया है। वह बताते हैं कि किसानी की तस्वीर अब बदल रही है सुपर फुड की खेती में हाथ आजमा कर सिंह जी ने यकीनन एक मिसाल कायम कर दी है।

 

लेखिका : अमरजीत कौर

यह भी पढ़ें :

नहीं मिली नौकरी तो शुरू कर दी जैविक हल्दी की खेती, अब कई देशों तक पहुंचा रहे हैं अपना उत्पाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *