जब हम अपने घरों में चैन की नींद सोते हैं तो तब हमारे देश के जवान हमारी सुरक्षा के लिए सीमा पर डट कर खड़े रहते हैं और हर परिस्थितियों से लड़कर दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं।
भले हाल चाहे कैसा हो मौसम चाहे जैसी परिस्थितियां हो परंतु जवानों को प्रतिदिन अपनी ड्यूटी को निभाना पड़ता ही है अर्थात यह उनकी मजबूरी नहीं होती बल्कि होता है देश के प्रति प्रेम, ऐसे में बर्फीली सीमाओं पर माइनस डिग्री पर अपनी ड्यूटी निभाते हैं जबकि आम इंसान के लिए माइनस डिग्री पर खड़े रहना काफी मुश्किल होता है।
ऐसी स्थिति में अगर सैनिकों को ठंड से तो राहत मिल ही सके और उन्हें सुरक्षा भी मिल पाए इसके लिए देश के एक इनवर्टर युवक ने एक खास तरह का कैंप तैयार किया है जिसे स्मार्ट आर्मी कैंप का नाम दिया गया है।
यह सैनिकों को ठंड से तो बचाएगा ही इसके साथ ही साथ उन्हें सुरक्षा भी प्रदान करेगा। इस कैंप को तैयार करने वाले इनोवेटर युवक का नाम श्याम चौरसिया है यह एक के इंजीनियरिंग छात्र हैं।
आर्मी स्मार्टकैंप के द्वारा मिलेगी दुश्मनों की जानकारी
मेरठ के एमआईईटी इंजीनियर कॉलेज के अटल कम्युनिटी सेंटर के छात्र श्याम चौरसिया ने देश के सैनिकों के लिए एक स्मार्ट गेम तैयार किया है जो ना केवल बर्फीले क्षेत्रों में रहने वाले सैनिकों को राहत प्रदान करेगा इसके साथ ही साथ उनसे 50 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मनों की जानकारी भी स्मार्ट कैंप उन्हें देगा।
श्याम चौरसिया के द्वारा बनाया गया यह स्मार्ट आर्मी कैंप जिसमें इन्होंने ठंड से बचाव के लिए एक छोटी सी हीटर प्लेट लगाई है। और यह हीटर प्लेट बर्फीले मौसम में सैनिकों को कैंप के अंदर गर्माहट का एहसास प्रदान करेगा।
श्याम चौरसिया कहते हैं कि बचपन से ही उन्हें आर्मी में शामिल होने की ख्वाहिश थी परंतु उन्होंने कई बार कोशिश की परंतु वह सफल नहीं हो पाए इसलिए उन्होंने सोचा क्यों ना मैं सभी सैनिकों के लिए कुछ ऐसा काम करूं जो उनको राहत दे सके और यही सोच कर मैंने स्मार्ट आर्मी कैंप को तैयार किया।
स्मार्ट आर्मी कैंप में नहीं होगी बिजली की आवश्यकता
हमारे देश के जवान सीमाओं पर जिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी को निभाते हैं इस स्थिति में उन्हें बिजली तो क्या सूर्य की रोशनी भी नजर नहीं आती होगी।
परंतु श्याम चौरसिया कहते हैं कि मेरे द्वारा तैयार किया गया स्मार्ट कैंप में ना बिजली की और ना ही सौर ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है यह बिजली और सूर्य उर्जा के बिना आराम से कार्य करता है।
और बर्फीले मौसम में सैनिकों को गर्माहट तो देता ही है इसके साथ ही साथ दुश्मनों की दुर्गति का अंदाजा भी इसके द्वारा लगाया जा सकता है।
अब बात उठती है कि आखिर यह स्मार्ट कैंप गर्म कैसे रहता है ना ही इसे बिजली की आवश्यकता है और ना ही सूर्य की ऊर्जा की इस दौरान इन प्रश्नों का निवारण करते हुए श्याम चौरसिया कहते हैं कि यह आर्मी स्मार्ट कैंप को गर्म रखने के लिए एक चार्जर दिया गया है जिससे सैनिक अपने हाथों से घुमाकर कैंप मैं लगी हीटर प्लेट को गर्म कर सकेंगे।
हालांकि श्याम चौरसिया बताते हैं कि बैकअप को देखते हुए मैंने इसमें एक बैटरी भी लगाई है जिसे जरूरत के समय में कैंप को गर्म रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह आर्मी कैंप स्मार्ट कैप सेंसर से लैस है
श्याम चौरसिया बताते हैं कि मेरे द्वारा तैयार किए गए स्मार्ट आर्मी कैंप मैं चार मानव सेंसर लगाए गए हैं और यह सैनिकों को 50 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मनों की जानकारी सैनिकों को देगा। इस दौरान श्याम चौरसिया बताते हैं कि इन चार सेंसर को लैंडलाइन की तरह लगाया गया है जो सीधे स्मार्ट आर्मी कैंप से जुड़े हुए हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान श्याम चौरसिया ने कहा है कि कई बार ऐसा हुआ है कि दुश्मनों ने रात के अंधेरे में सेना एवं अर्धसैनिक बलों के कैंपों पर हमला किया है और इस तरह रात के अंधेरे की आड़ मैं दुश्मन हमला करते हैं और जान- माल का नुकसान काफी अधिक हो जाता है।
श्याम चौरसिया बताते हैं कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही मेरे मन में स्मार्ट आर्मी कैंप को तैयार करने का ख्याल आया था, और मेरा स्मार्ट आर्मी कैंप को तैयार करने का आईडिया सभी को पसंद आया और इस दौरान अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर से उन्हें कैंप को तैयार करने के लिए कुछ फंडिंग भी मिली थी।
इस दौरान वह कहते हैं कि आर्थिक मदद मिलने के बाद उनका यह आइडिया और प्रबल रूप से तैयार होने लगा। श्याम बताते हैं कि मुझे इस स्मार्ट आर्मी कैंप को तैयार करने में पूरे 24 हजार लगे और अब आगे बढ़कर में इस कैंप में बुलेट प्रूफ की सुविधा भी जोड़ने वाला हूं।
श्याम चौरसिया कहते हैं कि मेरे द्वारा तैयार किया गया स्मार्ट आर्मी कैंप जब सभी सैनिकों तक पहुंच जाएगा तब मुझे काफी खुशी महसूस होगी अभी काफी अधिक इसकी लागत होने के कारण यह सभी सैनिकों तक पहुंचाना इतना आसान नहीं है इसलिए सरकार द्वारा बताया गया है कि भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी सैनिक करेंगे और सभी सैनिकों को इसकी सुविधा भी दी जाएगी।
श्याम चौरसिया को आर्मी कैंप तैयार करने के लिए सरकार द्वारा काफी प्रेरणा भी दी जा चुकी है अगर इसी तरह सैनिकों के बारे में सोच कर सरकार सभी को बुलेट प्रूफ जैकेट दे दे तो सभी सैनिक सुरक्षित रहेंगे और देश की सेवा करने के साथ-साथ अपने परिवार के साथ हमेशा रह पाएंगे।
परंतु श्याम चौरसिया कहते हैं कि सरकार का बजट इतना ना हो पाने के कारण वे सभी को बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं उपलब्ध करा पाते हैं क्योंकि बुलेट प्रूफ जैकेट की लागत काफी अधिक होती है और सभी को इसकी सुविधा देना आसान नहीं है परंतु युद्ध के समय कुछ सैनिकों को बुलेट प्रूफ जैकेट की सुविधा दी जाती है।
अगर आज सैनिकों के बारे में सोचते हुए कई युवक ऐसे कुछ इनोवेटिव सैनिकों के लिए तैयार करें तो आज सैनिक अपनी ड्यूटी आराम से कर पाएंगे और हमेशा के लिए अपने परिवार के साथ रह पाएंगे।
श्याम चौरसिया का इनोवेटिव आर्मी कैंप कई सैनिकों को सुरक्षा गर्माहट प्रदान करेगा ही इसके साथ ही आज श्याम चौरसिया की सोच कई लोगों के लिए प्रेरणादायक बन गई।