ADVERTISEMENT

एक अनोखा Startup khyaal बुजुर्गों का इस तरह रख रहा ख्याल

एक अनोखा Startup khyaal बुजुर्गों का इस तरह रख रहा ख्याल
ADVERTISEMENT

बुजुर्गों की देखभाल करना एक कठिन काम समझा जाना लगा है। पहले संयुक्त परिवारों में कई लोग रहते थे तो यह समस्या नहीं रहती थी और बुजुर्गों की सभी तरह की आवश्यकताओं की अच्छी तरह से देखभाल भी होती थी।

लेकिन आज पारिवारिक संरचना में काफी बदलाव आ गया है। शहरीकरण के चलते युवा पीढ़ी आदि व्यस्त जीवन शैली जी रही है। ऐसे में बुजुर्गों की देखभाल करना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

ADVERTISEMENT

एज टेक स्टार्टअप ख्याल के स्टार्टर आम इंसानों की इस समस्या को हल करने के मिशन पर शुरू किया गया है।

ख्याल का अर्थ होता है देखभाल। इसका उद्देश्य सिर्फ इतना ही है कि बुजुर्गों की समग्र देखभाल के की जाए और उन्हें अच्छी तरह से शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और वित्तीय सहायता दी जाए।

khyaal Startup  की विशेषता :- 

ख़्याल स्टार्टअप के संस्थापक ख़्याल  को हिमांशु जैन, सुनील आर्य, आलोक सोनी द्वारा शुरू किया गया। इसमें ख्याल के तहत बुजुर्गों के लिए विभिन्न सब्सक्रिप्शन प्लान है।

जिसके माध्यम से उन्हें वर्चुअल सेवाएं दी जाती हैं, जो प्रमुख रूप से बुजुर्गों की आवश्यकता को ध्यान में रख कर बनाया गया।

भावनात्मक, आवश्यक पोषण, डिजिटल साक्षरता, बीमा और चिकित्सा आदि से जुड़ी सेवाओं को दिया जाता है। आज के समय में भारत में बुजुर्गों की देखभाल सेगमेंट में वैसे तो कई सारे लोग काम कर रहे हैं।

लेकिन ज्यादातर यह शारीरिक देखभाल के रूप में ही केंद्रित है। आज बुजुर्गों को भावनात्मक देखभाल को भी जरूरत है। इन्हें शायद ही कोई पूरा कर रहा है।

आज बड़ी संख्या में युवा पीढ़ी अपने माता-पिता से दूर नौकरी के चक्कर में रहते हैं। ऐसे में ख्याल के माध्यम से यह अपने माता-पिता और बड़ों की देखभाल के लिए एक आसान तरीका अपना सकते हैं। इस दौरान स्टार्टअप की प्राथमिकता भावनात्मक भलाई की आती है।

ख़्याल भारत के शहरी इलाकों में रहने वाले आज के समय में बुजुर्ग आबादी के लिए समस्या का समाधान करने का काम कर रहा है।

बुजुर्गों की आबादी भारतीय आबादी का लगभग 10% अर्थात 140 मिलियन से भी अधिक है। यह संख्या 2050 तक 20% हो जाने की उम्मीद है।

भारत में सीनियर केयर मार्केट का मूल भी लगभग 10 बिलियन डॉलर के आसपास है, जो कि 20% से अधिक सीएजीआर के दर से बढ़ रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।

खयाल का विचार कैसे जन्मा :-

ख़्याल स्टार्टअप का विचार कोरोना वायरस महामारी के दौर में आया और उसे इसी उद्देश्य से शुरू किया गया। दरअसल हिमांशु ने इस दौरान बेहद करीब से बुजुर्गों को देखा था।

वह बताते हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस तरह की समस्याओं को देखा। उन्हें हर बार अपने पिता की देखभाल करने में मुश्किल होती थी।

क्योंकि उन्हें काम के सिलसिले में अपने पिता से दूर दूसरे शहर में रहना पड़ता था। उन्होंने सोचा कि उन्हीं की तरह बहुत सारे बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता से दूर रखते हैं।

वह शहर के दूसरे कोने में तो माता-पिता शहर के दूसरे कोने में रहते हैं। ऐसे में हिमांशु ने सोचा कि क्यों न एक ऐसा उपाय सोचा जाए जिससे इस समस्या को हल किया जा सके और बच्चे दूर रहकर भी अपने बड़ों की देखभाल कर सकें।

सीनियर टेक उद्यमी हिमांशु पहले स्टार्टअप डायबेटो को  लिवंगो हेल्थ द्वारा 2017 में अधिग्रहित किया गया था।

इसके बाद उन्होंने प्रीति संजू के मुंबई स्थित कार्नर का नंबर साइकिल एंड नेशनलिज्म वेंचर के स्थापक हैं उनसे मिली और आलोक से मिली, जो कि आज उनकी कोर टीम का हिस्सा बन गए हैं।

तीनों ने मिलकर बीटा प्रोग्राम को 6 माह के लिए लांच करने की सोची जिसके सफल परिणाम को देखते हुए उन्होंने 2021 में इसकी शुरुआत की।

इस बारे में हिमांशु बताते हैं कि यह सब 2020 के मध्य में एक साधारण बीटा कार्यक्रम के साथ शुरू किया गया था। हमने वरिष्ठ नागरिकों का नामांकन करना शुरू किया और उनके द्वारा साझा की गई समस्याओं को समझा और उन्हें नोट किया।

फिर उनका समाधान करने की कोशिश की। हमने बुजुर्गों के लिए सब्सक्रिप्शन बेस्ड सर्विस बनाएं। ज्यादातर बच्चे ख्याल सब्सक्रिप्शन के लिए साइन अप करते हैं और अपने माता-पिता को इसे गिफ्ट के रूप में देते हैं।

हाल में ही ख़्याल का बीटा प्रोग्राम बंद कर दिया गया है। यह लगभग 6 महीने तक चला। आलोक बताते हैं कि 70% से अधिक की उत्कृष्ट प्रक्रिया समर्थन और कन्वर्जन इस प्रोग्राम को मिला।

हमारे लांच के कुछ हफ्ते ही हुए हैं और भारत और विदेश से भी अच्छी प्रतिक्रिया आ रही है। जैसा की ख्याल की टीम ने उम्मीद की थी। अधिकांश दिलचस्पी लेने वालों में भारतीय महानगरों और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे देशों के द्वारा मिली।

खयाल सब्सक्रिप्शन प्लान ऑफ अट्रैक्शन –  ख़्याल के पास आज कई तरह की सब्सक्रिप्शन प्लान मौजूद है। यूजर इसमें 3 महीने 6 महीने या फिर 1 साल के सब्सक्रिप्शन को ले सकते हैं।

यूज़र एक या अधिक मेंबर के लिए भी 1 साल तक की अवधि के लिए बेसिक, वीआईपी, प्रीमियम देखभाल वाली सेवाओं के लिए सब्सक्रिप्शन का फायदा ले सकते हैं।

बेसिक प्लान के तहत 3 महीने के लिए कीमत 6999 रखी गई है। जबकी प्रीमियम प्लान के तहत यह कीमत 14999 रखी गई है।

टीम गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए और अधिक लचीलापन करने के लिए लगातार कम कर रही है। जहां यूजर अपने प्लान को बेहतर ढंग से कस्टमाइज कर सकें।

ख़्याल के सब्सक्रिप्शन प्लान को ज्यादातर बच्चों द्वारा ही खरीदा जा रहा है और यह इसे अपने माता-पिता को एक गिफ्ट के तौर पर देते हैं।

इसमें प्रदान की जाने वाली सहायता और देखभाल में बड़ों के लिए नियमित देखभाल, सहायता, भावनात्मक रूप से उनकी देखभाल, डिजिटल साक्षरता, ऑनलाइन समुदायिक कार्यक्रम शिक्षण संस्था के माध्यम से, सशक्तिकरण पोषण, संबंधित दिशा-निर्देश दिए जाते हैं।

साथ ही पोषण विशेषज्ञों द्वारा आहार संबंधी सुझाव, चिकित्सालय अप्वाइंटमेंट, बुकिंग किया जाता है और भोजन दवा खाने के लिए, किराना के लिए याद दिलाना, ऑनलाइन ऑर्डर जैसी कई सुविधाएं इसमें शामिल है।

एक बार बुजुर्ग नागरिकों के लिए ख्याल के साथ जुड़ने के बाद वे लोग वेलकम किट भी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे बुजुर्गों के परिवार द्वारा साझा किए गए विवरण के आधार पर व्यक्तिगत रूप से तैयार किया जाता है।

जैसे उदाहरण के लिए जब एक ख्याल बुजुर्गों को एक्सचेंज प्रोग्राम के हिस्से के रूप में अपने बेटे से गिफ्ट के रूप में यदि स्मार्टफोन मिलता है तो वह उसे चलाने में एक तरह से असमर्थ होते हैं।

ऐसे में ख़्याल देखभाल की पूरी प्रक्रिया में उनकी मदद करते हैं। इसके अलावा ख्याल टीम के कुछ सदस्यों के जन्मदिन को सरप्राइज बर्थडे सेलिब्रेशन आयोजित करके उन्हें यादगार भी बनाया है।

हाल में ही कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान के तहत लोगों की चिंताओं और सवालों के मद्देनजर खयाल ने इन समस्याओं के समाधान के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक विशेष ऑनलाइन सत्र आयोजित कराया। जिससे बुजुर्ग अपनी समस्याओं का समाधान कर सके।

भविष्य की योजना

आज ख़्याल टीम में 15 सदस्य हैं जिसमें 3 संस्थापक और बाकी टीम मेम्बर है। स्टार्टअप बहु भाषा समर्थन को सक्षम करने के लिए स्थानीय रूप से जो लोग देखभाल कर सकें उन्हें काम पर रख रहा है।

वर्तमान समय में यह मोबाइल एप्लीकेशन पर काम कर रहा है। जिसे अगले 3 महीने के अंदर लांच करने की योजना बनाई गई है।

जब एक बार यह ऐप लांच हो जाएगा तो यूजर अपनी सेवाओं को बेहतर ढंग से उपयोग कर सकेंगे और प्रगति की रिपोर्ट को भी आसानी से ट्रैक कर सकेंगे।

यह भी पढ़ें :-

कंप्यूटर पर ज्यादा ध्यान देने के लिए पडती थी डांट, आज बन गए हैं इनोवेटर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *