जानकारियों से पता चला है कि अगर कम वक्त में खेती से अच्छा मुनाफा अर्जित करना है तो सूरजमुखी की खेती काफी लाभदायक होती है इसलिए पिछले कुछ वर्षों से सूरजमुखी की खेती के और किसानों का रुझान अधिक बढ़ रहा है ।
वर्तमान में ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर सूरजमुखी की खेती और मेडिसिनल प्लांट की खेती करके अधिक मुनाफा अर्जित कर रहे हैं।
कुछ इस प्रकार ही सूरजमुखी की खेती करके अधिक मुनाफा अर्जित करने वाले किसानों में से एक मगन परमार , मगन मूल रूप से गुजरात के सुरेंद्रनगर के रहने वाले हैं ।
20 से 25 पौधों के साथ शुरू की कोशिश
मगन परमार कहते हैं कि मुझे अपने एक रिश्तेदार के द्वारा पता चला कि सूरजमुखी के तेल की मार्केट में काफी अधिक डिमांड है और इसके बीजों का भी व्यापार होता है ।
इस दौरान मगन ने इस खेती को करने का निश्चय किया परंतु उनके मन में यह भी ख्याल आ रहा था कि उनके इलाके में इसकी खेती का प्रोडक्शन होगा कि नहीं इस कारणवश उन्होंने शुरुआत में 20 से 25 बीज से शुरुआत की ताकि फसल अच्छी नहीं हुई तो नुकसान भी नहीं होगा ।
इस दौरान मगन का यह प्रयोग सफल रहा और मगन ने 1.5 एकड़ की जमीन में सूरजमुखी की खेती करना शुरू किया। मगन बताते हैं कि सबसे अच्छी बात रही कि शुरुआत में ही उनका प्रोडक्शन काफी अच्छा हुआ फूल और बीज दोनों का प्रोडक्शन काफी बेहतर रूप से हो गया था ।
इसके कुछ समय बाद मगन ने सुरेंद्र नगर में सूरजमुखी का तेल उत्पादन करना शुरू किया और आसपास के क्षेत्रों में बेचना शुरू किया आमतौर पर सूरजमुखी के तेल की कीमत 180 रुपए है परंतु ऑर्गेनिक सूरजमुखी के तेल की कीमत 260 से अधिक है ।
मगन कहते हैं कि शुरुआत में वह पारंपरिक खेती किया करते थे परंतु जब उन्हें सूरजमुखी की खेती के बारे में पता चला तो उन्होंने इसकी खेती करना शुरू किया और शुरुआत में तो ऐसा लगा ही नहीं था कि इतना अधिक मुनाफा अर्जित हो पाएगा परंतु शुरुआत में ही 2.5 लाख का मुनाफा हो गया ।
आज मगन ना केवल ना सूरजमुखी की खेती करते हैं बल्कि तेल का उत्पादन कर के आसपास के मार्केट में बेचते हैं और अधिक मुनाफा अर्जित करते हैं।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि सूरजमुखी की खेती करना हर किसान के लिए आसान है और इसकी डिमांड भी काफी अधिक है इस दौरान अगर सभी किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर सूरजमुखी की खेती और मेडिसिनल प्लांट में काम करेंगे तो लागत कम और मुनाफा अधिक कमा पाएंगे ।
मगन कहते हैं कि शुरुआत में उन्हें भी लगा था कि बस सूरजमुखी की खेती से मुनाफा नहीं कमा पाएंगे और अपने इलाके में इसका प्रोडक्शन नहीं कर पाएंगे परंतु जब उन्होंने खेती करनी शुरू की और फूल और बीज अच्छे आए तो प्रोडक्शन भी काफी अच्छा हुआ ।
मगन कहते हैं कि फिलहाल तो वह 1.5 एकड़ जमीन में सूरजमुखी की खेती करते हैं परंतु मुनाफे को देखते हुए उन्होंने अपने दायरे को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वह और भी अधिक मुनाफा कमा सके अन्यथा मगन आसपास के किसानों को सूरजमुखी की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
इसमें लागत भी कम पड़ती है और मुनाफा भी अधिक होता है और इसकी डिमांड इतनी अधिक है कि प्रोडक्शन के लिए दर-दर भटकने की आवश्यकता नहीं होती है और आसानी से सारी फसल व्यापारियों द्वारा खरीद ली जाती है।