आजकल सभी लोग इंटरनेट का उपयोग काफी अधिक करते हैं परंतु इंटरनेट से प्रेरणा कम लेते हैं और व्यर्थ की चीजों पर ध्यान ज्यादा देते हैं परंतु अगर अब ध्यान पूर्वक इंटरनेट का इस्तेमाल करें तो इंटरनेट प्रेरक सामग्रियों से भरा हुआ है।
आए दिन हमें इंटरनेट पर ऐसी कई वीडियो देखने को मिलती है जहां कई लोग कड़ी मेहनत करके अपनी चुनौतियों को पार करते हैं और अपनी कड़ी मेहनत के कारण कई लोगों के लिए प्रेरणा भी बनते हैं।
अगर किसी को भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का जज्बा होगा तो वह अपने जीवन की सारी बाधाओं को पार करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य करेगा।
आज कुछ ऐसे ही जज्बे की भरी हुई कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं जो आपके हृदय को विनम्र और प्रेरित कर देगी।
हमारी आज की यह कहानी अमृतसर के सड़कों पर पराठे बेचने वाली स्ट्रीट वेंडर की है, एक स्टॉल पर बड़े पैमाने में पराठे बेचने वाली वीना ने पूरे इंटरनेट पर तहलका तो मचा ही दिया है साथ ही साथ कई लोगों के लिए प्रेरणा भी बन रही है।
वीना कि यह प्रेरक दास्तां उन लोगों के लिए प्रकाश की किरण के समान है जो अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना करके सफलता को प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
एक यूट्यूबर ने अपने यूट्यूब चैनल फ़ूड ब्लॉगर पर अमृतसर की वीना के पराठे स्टॉल की वीडियो अपलोड की थी जहां पर वीना अपने स्टॉल पर खाना बनाते हुए नजर आ रही है इस दौरान इस वीडियो से पता चलता है कि वीना 20 साल से अपना परिवार खुद चला रही है वीना की 4 बेटियां हैं और उनके पति के मौत की बात घर की सारी जिम्मेदारियां वीना ही उठाती है।
इंटरनेट पर वीना के इस कार्य की लोगों द्वारा काफी सहारना की गई कई लोगों ने कमेंट करके वीना का हौसला भी बढ़ाया है, इसके साथ ही साथ कई लोगों ने तो यह भी जताया कि उनके मन में वीना के लिए काफी अधिक सम्मान है, इसके साथ ही साथ कई लोगों ने महिला के स्टाल का पता भी मांगा और इनकी मदद के लिए आगे आने के लिए महिला से संपर्क की पूरी जानकारी भी मांगी।
आज वीना अपनी पति की मौत के बाद अपने पूरे परिवार को अकेले संभालती है इसके साथ ही साथ अपने इस काम के जरिए कई लोगों को प्रेरणा भी दे रही है इंटरनेट पर वीना की कहानी कई लोगों को काफी पसंद आ रही है और कई लोग वीना की मदद भी करना चाहते हैं।
हम आज वीना कि इस उम्दा सोच और उनके जज्बे को सलाम करते हैं कि वह अपने इस पराठे के बिजनेस से अपना पूरा परिवार चलाती हैं और अपनी चार बेटियों को संभालती है।
लेखिका : अमरजीत कौर
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